ऐसे कम पैसों से शुरू कर सकते हैं परदे बनाने का बिजनेस।

यद्यपि देखा जाय तो परदों का इस्तेमाल प्राचीनकाल से ही होता आ रहा है । इसलिए परदे बनाने का बिजनेस भी काफी समय से चलता आ रहा है। लेकिन वर्तमान जीवनशैली में इनका इस्तेमाल और अधिक बढ़ गया है। जिन परदों की हम यहाँ पर बात कर रहे हैं उनका इस्तेमाल आम तौर पर घरों में घरों की सुन्दरता इत्यादि को बढ़ाने के लिए किया जाता है। ऑफिस या कार्यालयों में इस्तेमाल में लाये जाने वाले परदे अलग होते हैं, यह लेख उनके बारे में नहीं है।

वर्तमान में आप किसी भी घर में चले जाएँ वहां की खिडकियों दरवाजों पर आपको परदे देखने को अवश्य मिल जाएँगे। यहाँ तक की शहरों में एक कमरे को किराये पर लेकर रह रहे लोग भी अपने कमरे पर परदा लगाना नहीं भूलते । यही कारण है की परदों की माँग सिर्फ बड़े शहरों में ही नहीं बल्कि हर छोटे एवं नगरीय इलाके में भी हमेशा बनी रहती है।

parde banane ka business

परदे होते क्या हैं (What is Curtain):

परदा कपड़े का एक छोटा सा खुबसूरत हिस्सा होता है, जिसे इंटीरियर डिजाइनिंग में दरवाजों एवं खिड़कियों पर इस्तेमाल किया जाता है। परदों का इस्तेमाल धूप के प्रभाव को कम करने और घर इत्यादि को खुबसूरत बनाने के लिए किया जाता है। परदों को आम तौर पर एक मोटे कपड़े से बनाया जाता है, और इन्हें इस तरह से बनाया जाता है की इन्हें परदे के पैनल पर आसानी से फोल्ड और फैलाया जा सके, जिसे चिलमन कहा जाता है।

क्या परदे बनाने का बिजनेस करना फायदेमंद है

परदों का इस्तेमाल आप अपनी खिडकियों को कवर करने के लिए कई तरीकों से कर सकते हैं । वर्तमान में कई तरह के परदे जिन्हें आपकी जरुरत के हिसाब से कस्टमाइज किया जा सकता है बाज़ार में उपलब्ध हैं। सिर्फ खिडकियों पर ही नहीं परदों का इस्तेमाल डाइनिंग रूम, रसोईघर, लिविंग रूम इत्यादि में भी बड़े पैमाने पर किया जाता है। आप अपनी इंटीरियर डिजाईन के हिसाब से परदों के पैनल का चुनाव कर सकते हैं।

खिडकियों से धुप और घर इत्यादि की खूबसुरती बढ़ाने में ही परदों की भूमिका नहीं होती है। बल्कि इनका एक मुखु कार्य लोगों की प्राइवेसी की सुरक्षा करना भी होता है। यही कारण है की बेडरूम या लिविंग रूम में भी लोग अपनी पसंद के अनुसार परदे लगाना पसंद करते हैं।

यदि आप यह जानने की कोशिश कर रहे हैं की परदे बनाने का बिजनेस शुरू करना फायदेमंद है या नहीं। तो इसका जवब आप अपने आप या अडोस पड़ोस में रहने वाले लोगों की जीवनशैली को देखकर भी ले सकते हैं । आपने भी तो अपने घर में परदे लगाये होंगे, और जहाँ आप अपने नाते, रिश्तेदारों, पड़ोसियों के वहां जाते होंगे आप वहां भी उनके दरवाजे, खिडकियों इत्यादि पर परदे लगे हुए देखते होंगे।

अब आप यह सोच रहे होंगे की जो लोग अपने घरों में पहले से परदे लगा चुके हैं उन्हें अब परदों की क्या आवश्यकता होगी। तो आपको बता देना चाहेंगे की जो लोग पहले से अपने घरों में परदे लगा चुके हैं वे साल दो साल में घर के परदों को बदलते रहते हैं। इसलिए वे तो इस बिजनेस (Parda Making Business) में आपके आंशिक ग्राहक हैं ही। साथ में ऐसे लोग जो अपना नया घर बनाते हैं वे भी आपके संभावित ग्राहकों में शामिल हैं।

परदे बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें (How to start Curtain Making Business in India):

परदे बनाने का बिजनेस शुरू करना बहुत अधिक कठिन काम नहीं है। यदि आप स्वयं एक टेलर या दरजी हैं तो आपके लिए इस तरह का यह बिजनेस शुरू करना और आसान हो जाता है। यदि आपको सिलाई का काम नहीं भी आता है तब भी आप यह बिजनेस शुरू कर सकते हैं, लेकिन आपको सिलाई के लिए कर्मचारियों को नियुक्त करने की आवश्यकता होगी । तो आइये जानते हैं की आप इस तरह का यह बिजनेस कैसे शुरू कर सकते हैं।

अपने सिलाई के ज्ञान का आकलन करें

इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने के लिए सिलाई का काम आना अनिवार्य तो नहीं है। लेकिन चूँकि यह विशेषकर सिलाई से जुड़ा हुआ बिजनेस है, और जो उद्यमी इस व्यवसाय (Curtain Making Business) को बेहद कम पैसों के साथ शुरू करना चाहते हैं, उन्हें सिलाई का काम आना आवश्यक है। क्योंकि यदि उद्यमी को सिलाई का काम नहीं आएगा तो उसे सिलाई करने के लिए टेलर इत्यादि की नियुक्ति करनी पड़ेगी और इससे उसके बिजनेस में आने वाली लागत स्वत: ही बढ़ जाएगी ।

यही कारण है की यदि आप परदे बनाने के बिजनेस को बेहद कम पैसों के साथ शुरू करना चाहते हैं तो आपको अपने सिलाई के ज्ञान का आकलन करना होगा। और यदि आपको सिलाई नहीं आती है तो आपको इसका प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा। हालांकि वर्तमान में बाज़ार में सिलाई करने वाली कई तरह की मशीन जैसे हाथ से चलने वाली, पाँव और हाथ दोनों से चलने वाली और इलेक्ट्रिक सिलाई मशीन भी उपलब्ध हैं।     

निर्णय लें की कहाँ से शुरू करना है

उद्यमी का अगला कदम इस बात का निर्णय लेने का होना चाहिए की वह इस व्यवसाय को कहाँ से शुरू करना चाहता है । यदि आप इसे अपने घर के किसी खाली कमरे से ही शुरू करना चाहते हैं, तो आप ऐसा भी कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको स्वयं को सिलाई का काम आना चाहिए। लेकिन यदि आप यह परदे बनाने का काम थोड़े बड़े स्तर पर शुरू करना चाहते हैं, तो आप उस एरिया के स्थानीय बाज़ार में दुकान किराये पर ले सकते हैं। ध्यान रहे दुकान कम से कम ३ या ५ सालों के लिए किराये पर लें और उसका रेंट एग्रीमेंट अवश्य बनवाएं।   

जरुरी लाइसेंस और पंजीकरण प्राप्त करें

यद्यपि छोटे स्तर पर या घर से इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने के लिए किसी प्रकार के लाइसेंस और पंजीकरण की अनिवार्यता नहीं है। लेकिन यदि आप अपने ब्रांड नाम के तहत परदे बनाकर बेचना चाहते हैं तो आपको निम्नलिखित लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता हो सकती है।

  • आपको अपनी इकाई को प्रोप्राइटरशि, पार्टनरशिप फर्म, वन पर्सन कंपनी, हिन्दू अनडिवाइडेड फैमिली इत्यादि में से किसी एक के तहत पंजीकृत कराना होगा।
  • कर पंजीकरण के तौर पर जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
  • लोकल अथॉरिटी जैसे नगर निगम, नगर पालिका, ग्राम पंचायत इत्यादि से ट्रेड लाइसेंसलेना होगा।
  • यदि आप चाहे हैं की सरकारी दफ्तरों में भी आपके परदे लगें तो इसके लिए आप अपने बिजनेस को MSME के तौर पर पंजीकृत कराने के लिए उद्यम रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। क्योंकि सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को प्रोत्साहित करने के लिए बहुत सारी वस्तुएं सरकार उद्यम रजिस्ट्रेशन के तहत पंजीकृत इकाइयों से ही खरीदती हैं।
  • ब्रांड नाम को सुरक्षित करने के ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता हो सकती है।      

मशीनरी और कच्चा माल खरीदें

इस बिजनेस में इस्तेमाल में होने वाली मशीनरी और कच्चा माल भारत के हर छोटे बड़े स्थानीय बाज़ार में आसानी से उपलब्ध है। इसलिए यह तो कोई चिंता की बात नहीं है की उद्यमी को कच्चा माल या मशीनरी कहाँ से खरीदें। उद्यमी अपने नजदीकी स्थानीय मार्किट या फिर किसी बड़े महानगर से इस व्यवसाय में इस्तेमाल में लायी जाने वाली मशीनरी और उपकरणों की खरीदारी कर सकता है। यद्यपि मशीनरी और कच्चे माल की लिस्ट बिजनेस के आकार और उद्यमी किस तरह के परदे बनाना चाहता है के आधार पर अलग अलग हो सकती है। पर कुछ सामान्य मशीनरी और उपकरणों की लिस्ट इस प्रकार से है।

सिलाई मशीन – इनकी मात्रा और उत्पादन क्षमता उद्यमी के इकाई के आकार पर निर्भर करेगी।

परदे का कपडा – यह किसी भी स्थानीय बाज़ार में आसानी से उपलब्ध है ।

परदे के पैनल – उद्यमी चाहे तो इन्हें भी लोकल मार्किट से आसानी से खरीद सकता है, आम तौर पर इन पैनल का निर्माण परदे लगाने वाले लोग किसी कारपेंटर या अन्य से कराते हैं।

टेलर एवं महिलाएं नियुक्त करें

अब इस बिजनेस को शुरू करने की ओर उद्यमी का अगला कदमपरदे बनाने वाले टेलर, हेल्पर इत्यादि की आवश्यकता होगी। जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं की यदि उद्यमी इसे छोटे स्तर पर अपने घर से ही शुरू करता है तो वह खुद भी परदे सिलने का काम कर सकता है।

लेकिन यदि उद्यमी को लगता है की वह बड़ी मात्रा में परदों का निर्माण करके अपने ब्रांड नाम के तहत परदे बेच पाने में सफल हो पाएगा। तो उसे उसके बिजनेस के आकार के हिसाब से ४-५ टेलर और कुछ हेल्पर की आवश्यकता हो सकती है, यदि उद्यमी चाहे तो अपनी इकाई में महिला टेलर को रख सकता है। क्योंकि आपको सिलाई सीखी हुई महिलाएं कहीं भी आसानी से कर्मचारी के रूप में मिल जाएगी।      

परदे बनाएँ और बेचें

बाज़ार से बना बनाया परदे का कपड़ा ख़रीदा जाता है, और उसके बाद उस कपड़े को परदे का स्वरूप प्रदान करने के लिए उसे इस तरह से बनाया जाता है की उसे आसानी से फोल्ड और फैलाया जा सके।

परदे के उपरी तरफ सिलवटें पैदा करके बड़े बड़े होल किये जाते हैं, और इन होल पर होल फ्रेम लगाये जाते हैं, इन्ही की मदद से इन्हें घरों में परदे के पैनलों पर आसानी से इंस्टाल किया जा सकता है ।

अपनी इकाई द्वारा उत्पादित परदों को बेचने के लिए आप चाहें तो अपने स्थानीय बाज़ार में एक दुकान खोल सकते हैं, या जहाँ पर आप परदे बनाने का बिजनेस (Curtain Making Business) कर रहे हैं, उसी स्थान से इन्हें रिटेल या थोक में बेच भी सकते हैं ।

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