सूअर पालन कैसे शुरू करें? How to Start Pig farming Business in India in Hindi.

Pig Farming Business यानिकी व्यवसायिक तौर पर सूअर पालने का व्यापार भी पहले से भारत में बहुत सारे लोगों की कमाई का स्रोत रहा है इसलिए इस तरह का यह व्यापार भारतीय लोगों के लिए कृषि से जुड़े हुए व्यापारों में अच्छा एवं लाभदायक विचारों में से एक हो सकता है | मीट उत्पादन की दृष्टी से  वैश्विक स्तर पर सूअरों की अनेक अच्छी अच्छी नस्ल पायी जाती हैं |

इसमें से कुछ ऐसी नस्ल होती हैं जो भारतवर्ष के जलवायु के अनुकूल होती हैं अपने Pig Farming Business के लिए उद्यमी किसी अच्छी सी नस्ल का चयन करके फार्मिंग शुरू कर सकता है | हालांकि भारतवर्ष में कुछ साल पहले तक सूअर पालन व्यवसाय को निम्न वर्ग से जोड़ के देखा जाता था इसलिए समाज में इस प्रकार के बिज़नेस की एक बेकार सी छवि थी | कहने का आशय यह है की अपने देश भारतवर्ष में पहले Pig Farming करने वाले लोगों को सम्मानजनक दृष्टी से नहीं देखा जाता था |

लेकिन वर्तमान में सम्पूर्ण परिदृश्य बदल चूका है | इसलिए भारत में इस तरह का यह व्यापार केवल आर्थिक रूप से पिछड़े या निम्न वर्गों तक ही सिमित नहीं रह गया है | क्योंकि वर्तमान में सूअर पालन के आर्थिक मूल्य के प्रति लोग जागरूक हो गए हैं इसलिए अन्य पशुधन की तरह ही इनका पालन भी किया जाने लगा है | यही कारण है की वर्तमान में उच्च जाति के और शिक्षित लोग भी आधुनिक एवं वैज्ञानिक तरीके से Pig Farming Business करके अपनी कमाई कर रहे हैं |

वैश्विक स्तर पर सूअर उत्पादन में चीन, रूस, अमेरिका, ब्राजील और पूर्वी जर्मनी का अग्रणी स्थान है | और जहाँ तक अपने देश भारतवर्ष की बात है यहाँ सभी राज्यों में उत्तर प्रदेश सूअर उत्पादन में अग्रणी स्थान पर है | इसलिए आज हम हमारे इस लेख के जरिए सूअर पालन के फायदे एवं व्यवसायिक तौर पर Pig Farming कैसे की जाती है की जानकारी देने की कोशिश करेंगे |

Pig Farming Business

सूअर पालन के फायदे (Advantages of Pig Farming in India in Hindi):

भारतवर्ष में Pig Farming Business शुरू करने के अनेकों फायदे हैं लेकिन यहाँ पर हम इनमे से कुछ मुख्य फायदों का ही जिक्र कर रहे हैं जिनकी लिस्ट निम्नवत है |

  • अन्य जानवरों की तुलना में सूअर बेहद तीव्र गति से बढ़ते हैं क्योंकि उनके पास भोजन को रूपांतरित करने की उच्च एवं अद्भुत क्षमता होती है | जिसका अभिप्राय यह है की उनके पास अन्य जानवरों के मुकाबले भोजन के विकल्प अधिक हैं | वे सभी प्रकार के निष्क्रिय भोजन, अनाज, क्षतिग्रस्त भोजन, यहाँ तक की कचरे इत्यादि को भी पौष्टिक एवं स्वादिष्ट मांस में परिवर्तित कर सकते हैं |
  • Pig Farming का अगला फायदा यह है की ये लगभग सभी प्रकार के भोजन जैसे क्षतिग्रस्त अनाज, अनाज, चारा, फल, सब्जी, कचरा, गन्ना इत्यादि खा लेते हैं | और यहाँ तक की कभी कभी वे हरे घास की पत्तियां, पौधे या जड़ें भी खा लेते हैं | जिससे इन्हें पालने में अधिक खर्चा नहीं आता है |
  • अन्य जानवरों की तुलना में सूअर बड़ी जल्दी परिपक्व हो जाते हैं | इसलिए 8-9 महीने की उम्र में सूअर बच्चे पैदा करने योग्य हो जाते हैं | वे साल में दो बार गर्भ धारण कर सकते हैं और प्रत्येक प्रसव में वे 8-12 बच्चों को जन्म देते हैं |
  • Pig Farming Business शुरू करना सरल होने के साथ साथ कास्ट इफेक्टिव भी है अर्थात इस बिज़नेस को बेहद कम निवेश के साथ शुरू किया जा सकता है | जमीन अपनी हो तो व्यक्ति छप्पर ओढ़कर एवं कुछ उपकरण खरीदकर इस व्यापार को बेहद कम निवेश के साथ शुरू कर सकता है |
  • सूअर के कुल शरीर के वजन एवं मांस योग्य वजन में ज्यादा अंतर नहीं होता है कहने का आशय यह है की एक 100 किलो जिन्दा सूअर से 60 से 80 किलो मांस पैदा होने की उम्मीद की जा सकती है |
  • सूअर का मांस पौष्टीक एवं स्वादिष्ट मांसो में से एक है इसमें वसा एवं उर्जा ज्यादा होती है और पानी कम होता है |
  • Pig Farming से उत्पादित खाद व्यापक रूप से इस्तेमाल में लायी जाने वाली उर्वरक है | उद्यमी चाहे तो इसे खेतों में फसल उत्पादन के लिए या फिर तालाबों में मछली पालन करने के उद्देश्य के लिए इस्तेमाल में ला सकता है |
  • सूअर की चर्बी की मांग अनेकों उद्योगों जैसे पोल्ट्री फीड, साबुन और रासायनिक उद्योगों में बहुत ज्यादा होती है जो वक्त के साथ और अधिक बढती जा रही है |
  • अन्य जानवरों की तुलना में सूअर जल्दी से विकसित होते हैं इसलिए 7-9 महीने की उम्र में ही इनका वजन 70-100 किलोग्राम हो सकता है | यही कारण है की Pig Farming Business से अच्छी Return of Investment की उम्मीद लगाईं जा सकती है |
  • यद्यपि सूअर के मांस की घरेलू बाजार में भी अच्छी मांग है लेकिन हम सुअर उत्पादों जैसे बेकन, हैम, लॉर्ड, पोर्क, सॉसेज इत्यादि का विदेशों की ओर निर्यात करके भी अच्छी कमाई कर सकते हैं |
  • Pig Farming Business छोटे और भूमिहीन किसानों, बेरोजगार शिक्षित या अशिक्षित युवा लोगों और ग्रामीण महिलाओं के लिए एक बढ़िया कमाई का स्रोत हो सकता है ।कहने का आशय यह है की सूअर पालन लोगों के लिए कमाई करने का एक अच्छा माध्यम बन सकता है और हमारे देश की राष्ट्रीय आय में अपना योगदान दे सकता है |

भारत में सूअर पालन कैसे शुरू करें (How to Start Pig farming Business in India in Hindi):

यदि सूअर पालन अर्थात Pig Farming को आप अपना कमाई का स्रोत बनाना चाहते हैं तो आप इस बारे में जितनी जानकारी जुटा सकते हैं उतनी कम है | कहने का आशय यह है की इस प्रकार का व्यापार शुरू करने के लिए आप जितनी जानकारी जुटा सकते हैं जुटाइये | लेकिन सफलतापूर्वक Pig Farming Business कैसे शुरू कर सकते हैं की कुछ महत्वपूर्ण जानकारी हम यहाँ पर दे रहे हैं | इसलिए हमारा यह लेख अंत तक अवश्य पढ़ें ताकि आप इस बिज़नेस को शुरू करने की प्रक्रिया से अवगत हो पायें |

1. सूअर पालन के लिए उपयुक्त भूमि का चयन करें (Land Selection):

सूअर पालन अर्थात Pig Farming के लिए उपयुक्त भूमि या जगह का चयन करना बेहद जरुरी है | इसलिए इस प्रकार के व्यापार के लिए भूमि या स्थान का चयन करने के दौरान यह सुनिश्चित कर लें की वहां पर सूअरों के लिए सभी प्रकार की आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध हों | भूमि का चयन करते समय निम्न बातों का ध्यान अवश्य रखें |

  • यह सुनिश्चित कर लें की चयनित जगह पर ताजे एवं साफ़ पानी की व्यवस्था हो |
  • शांत एवं शोरगुल से विहीन जगह का चुनाव करें |
  • Pig Farming के लिए ग्रामीण क्षेत्र में भूमि का चयन करने का प्रयास करें | क्योंकि ग्रामीण इलाकों में मजदुर एवं जमीन दोनों सस्ती दरों पर मिल जाते हैं |
  • चयनित लोकेशन से यदि बाजार नज़दीक हो तो उद्यमी को अपने उत्पाद बेचने एवं जरुरत पड़ने पर जरुरी सामान जैसे टीके, दवाइयां इत्यादि खरीदने में आसानी रहती है |
  • चयनित लोकेशन से यदि बाजार की तरफ अच्छी सड़कें इत्यादि हो तो यह बिज़नेस के लिए फायदेमंद हो सकता है |
  • चयनित एरिया में पशु चिकत्सकीय सेवा भी उपलब्ध होनी चाहिए |

2. सूअरों को रखने की व्यवस्था करें (Housing arrangement):

Pig Farming का सफलतापूर्वक व्यवसाय करने के लिए पर्याप्त आवास एवं उपकरण बेहद महत्वपूर्ण हैं | आवास न केवल आश्रय प्रदान करता है बल्कि सूअरों को खराब मौसम, परजीवी एवं अनेक प्रकार के सूअर के रोगों से इन्हें सुरक्षित रखता है |

सूअरों के लिए घर बनाने के दौरान उनके लिए सभी प्रकार की आवश्यक सुविधाओं पर विचार करना चाहिए | उचित वेंटिलेशन की व्यवस्था करनी चाहिए सूअरों को उनके प्रकार के हिसाब से अलग अलग रखने की व्यवस्था करनी चाहिए | क्योंकि प्रकार के आधार पर इन्हें अलग अलग जगह की आवश्यकता हो सकती है |

3. उत्पादक सूअर नस्ल खरीदें (Purchase Productive Pig Breeds):

Pig Farming के लिए उपयुक्त भूमि चुनने और उसमे निर्माण कार्य करवा लेने के बाद अब उद्यमी को चाहिए की वे सूअर की ऐसी नस्लों का चयन करे जिनकी उत्पादक क्षमता अधिक हो | दुनिया भर में अनेकों सूअर की नस्ल उपलब्ध हैं लेकिन वे सभी व्यवसायिक रूप से पालने के योग्य नहीं हैं | इसलिए उद्यमी को अपने Pig Farming Business के लिए अत्यधिक उत्पादक नस्ल का चयन करना होगा ताकि वह अपने इस व्यापार से अधिक से अधिक कमाई कर पाने में सक्षम हो |

भारतवर्ष में अक्सर देखा गया है की हमारे देश के किसान अधिकांश तौर पर छोटे एवं कम उत्पादकता वाले सूअरों का पालन करते हैं | नतीजतन वे उनसे अधिक कमाई नहीं कर पाते हैं | Pig Farming से अधिक कमाई करने के लिए किसानों या उद्यमी को अच्छी उत्पादक नस्ल का चुनाव करना चाहिए | कुछ उत्पादक नस्लों के बारे में हम संक्षिप्त रूप से नीचे बात कर रहे हैं उद्यमी चाहे तो अपनी Pig Farming के लिए इनमे से किसी नस्ल का चुनाव कर सकता है |

Large White Yorkshire:

यद्यपि यह नस्ल विदेशी सूअर की है और इस नस्ल के सूअर आकार में बड़े होते हैं |  और इन्हें भारत में सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल में लाया जाता है | इस नस्ल के सूअरों का शरीर ठोस, रंग सफेद, चेहरा काला और लम्बाई मध्यम होती है | एक वयस्क नर सूअर का वजन लगभग 300 से 400 किलोग्राम और एक वयस्क मादा सूअर का  वजन 230 से 320 किग्रा होता है । क्रॉस प्रजनन के उद्देश्य के लिए बड़े व्हाइट यॉर्कशायर नामक यह नस्ल एक उत्कृष्ट सुअर नस्ल है ।

     LandRace:

सूअर की उत्पादक नस्लों में लैंड्रेस एक और अत्यधिक मांस उत्पादक नस्ल है । इस नस्ल के सूअरों का शरीर भी आकार में बड़ा, कान नीचे की ओर लटके हुए रहते हैं | इनके शरीर का रंग सफ़ेद धब्बों के साथ काला होता है | इस नस्ल के एक नर सूअर का वजन 270 से 360 किलोग्राम और मादा सूअर का वजन 200 से 320 किलोग्राम तक होता है |

Middle White Yorkshire:  

भारतवर्ष में कुछ क्षेत्रों में किसानों द्वारा इस सूअर की नस्ल को अपने Pig Farming का हिस्सा बनाया जा रहा है | और यह सिलसिला बड़ी तेजी के साथ बढ़ता जा रहा है | इस प्रजाति के वयस्क नर सूअर का वजन 250 से 340 किलोग्राम और एक वयस्क मादा सूअर का वजन 180 से 270 किलोग्राम होता है |

अन्य नस्लें:

उपर्युक्त नस्लों के अलावा भारत के मौसम एवं जलवायु के अनुसार यहाँ Pig Farming के लिए कुछ अन्य नस्लों को भी उपयुक्त माना गया है | इनमे कुछ उपयुक्त नस्लें हैम्पशायर, एचएस एक्स 1, डूरोक, इंडेजेनस, घुंगरू इत्यादि हैं | लेकिन बड़े व्हाइट यॉर्कशायर, लैंड्रेस और मिडिल व्हाइट यॉर्कशायर वाणिज्यिक उत्पादन के लिए बेहद उपयुक्त हैं |

4. सूअरों के खाने की व्यवस्था करें (Arrangement of Feed):

भारत में सूअर पालन अर्थात Pig Farming का सबसे अहम हिस्सा उनकी भोजन की व्यवस्था करना है | क्योंकि पशु का विकास, मीट उत्पादन, स्वास्थ्य इत्यादि उच्च गुणवत्ता वाले पौष्टिक भोजन खिलाने पर निर्भर करता है | इसलिए उद्यमी को सूअरों के लिए भोजन तैयार करने हेतु सबसे किफायती अवयवों का चयन करना चाहिए | सूअर के खाने अर्थात भोजन के मूल तत्व जई, अनाज, मक्का, गेहूं, चावल, ज्वार एवं बाजरा हैं |

इसके अलावा उद्यमी चाहे तो सूअरों के खाने में प्रोटीन की डाइट जैसे oil cakes, fishmeal और meat mealइत्यादि जोड़ सकता है | इसके अलावा उद्यमी को भोजन में सभी प्रकार के खनिज पूरक एवं विटामिन जोड़ने चाहिए | प्रति किलो अनाज में 11 मिलीग्राम की दर से एंटीबायोटिक भी जोड़ी जा सकती हैं |

यह भी बेहतर होगा की यदि कोई उद्यमी सूअरों के लिए चारागाह का प्रबंध कर सके अर्थात उन्हें ताजा हरी पत्तियाँ खिलाने का प्रबंध कर सके | Pig farming Business में सूअरों के खाने का प्रबंध उनकी उम्र, लिंग के आधार पर होना चाहिए अर्थात एक वृद्ध सूअर को उसकी खुराक खिलाएं और एक बच्चे सूअर को उसकी खुराक | सूअरों की तेज वृद्धि के लिए पौष्टिक आहार के अलावा स्वच्छ और ताजा पानी भी बेहद जरुरी है |

5. पशुओं की देखभाल करें और कमायें:

अपने Pig farming को सफल बनाने के लिए उसमे उपलब्ध पशुओं की देखभाल करना बेहद जरुरी होता है | इसलिए हमेशा इनकी अच्छी देखभाल करें उन्हें हमेशा सभी प्रकार के स्वास्थ्य से जुड़े हुए खतरों एवं बीमारीयों से मुक्त रखने की कोशिश करें | सभी नर सूअरों को प्रजनन के लिए रखना आवश्यक नहीं है | पशुओं को पौष्टिक आहार दें और स्तनपान अवधि के दौरान बच्चों का ध्यान रखें | Pig Farming Business को सफल बनाने के लिए अपने फार्म में उपलब्ध पशुओं का टीकाकरण अवश्य कराएँ |

उपयुक्त देखभाल के बाद जब पशु वयस्क अर्थात बेचने योग्य हो जाय तो उद्यमी उसे अपने स्थानीय बाजार में बेच सकता है | क्योंकि सूअर के मीट की लगभग हर जगह हमेशा अच्छी मांग रहती है | इसके अलावा Pig Farming Business कर रहा उद्यमी चाहे तो बाहर देशों की तरफ भी मीट निर्यात कर सकता है |

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