Plastic Comb Making business अर्थात प्लास्टिक कंघी बनाने के काम के लिए अच्छे खासे निवेश की आवश्यकता होती है | चूँकि प्लास्टिक कंघी का निर्माण पूर्ण रूप से मशीनों पर निर्भर होता है, इसलिए बिना मशीनों की सहायता लिए प्लास्टिक की कंघी का निर्माण करना संभव नहीं है, यही कारण है की Plastic comb making project में भारी निवेश की आवश्यकता पड़ती है, लघु उद्योग की परिभाषा के अनुसार निर्माण क्षेत्र में ऐसे उद्योग आते हैं, जिन्हें जमीन और बिल्डिंग के खर्चे को छोड़कर 25 लाख से 5 करोड़ तक का निवेश लगाकर Start किया जाता है |
अब चूँकि Plastic Comb Making business को भी दिए गए निवेश के दायरे में आसानी से शुरू किया जा सकता है, इसलिए यह भी शुरूआती दौर में लघु उद्योग की श्रेणी में आएगा, किन्तु जैसे जैसे उद्यमी अपने Business के लक्ष्यों की पूर्ति हेतु Machinery and Equipments बढ़ाता जायेगा और इनकी Value 5 करोड़ को पार कर जाएगी, तो Plastic comb making Udyog स्वत: ही मध्यम वर्गीय उद्योग में परिवर्तित हो जायेगा |
Plastic Comb बनाने का बिजनेस क्या है :
Plastic Comb यानिकी Plastic से निर्मित कंघीयाँ वर्तमान में हर परिवार में आपको देखने को मिल जाएँगी | यहाँ तक की एक परिवार में रहने वाले सभी सदस्यों के पास अपनी अलग अलग कंघी मिलना स्वभाविक है, और जहाँ पर बात आती है औरतों एवं लड़कियों की तो इनके पास एक से भी अधिक कंघी का उपयोग दैनिक जीवन में अपने बालों को सँवारने के लिए किया जाता है |
सामान्य भाषा में हम एक कंघी को प्लास्टिक, धातु या लकड़ी से निर्मित एक पट्टी कह सकते हैं, जिसमे एक पंक्ति में पतले पतले अर्थात संकीर्ण दांत लगे होते हैं जिनकी मदद से बालों को सुलझाया एवं व्यवस्थित किया जा सकता है | चूँकि बाल प्रकृत्ति प्रदत्त होते हैं इसलिए हर मनुष्य के सिर पर इनका पाया जाना स्वाभाविक है | Plastic comb making business से हमारा आशय कमाई करने की उस प्रक्रिया से है जब कोई उद्यमी विभिन्न प्रकार की प्लास्टिक की कंघियों का निर्माण करके उन्हें बाज़ार में बेचकर अपनी कमाई करता है |
प्लास्टिक की कंघी की बिक्री संभावना :
भारतीय अर्थव्यवस्था में Petrochemical Industry बहुत तीव्र गति से बढ़ने वाली Industry है | एक आंकड़े के मुताबिक यह व्यापारिक क्षेत्र प्रति वर्ष 13% की Growth Rate के साथ आगे बढ़ रहा था, जो की भारतीय अर्थव्यवस्था में GDP growth का दुगुना है | Plastics Engineering में Injection Molding एवं अन्य Components के लिए Polymer के उपयोग को ऑटोमोबाइल वाहनों, मशीनरी, इलेक्ट्रिक उपकरणों के उत्पाद में होने वाली बढ़ोत्तरी बाध्य करती है |
अपनी सफलताओं के अविष्कार में भारतीय प्लास्टिक उद्योग ने उलेखनीय योगदान दिया है, और हमेशा Plastics को विभिन्न नए नए उत्पाद बनाने के उपयोग में भी आजमाया है | जिसका परिणाम यह है की पिछले कुछ दशको से तुलना करने पर हम पाएंगे की इस Plastic Industry ने अभूतपूर्व सफलता हासिल की है, जिसके चलते भारत में प्रति व्यक्ति प्लास्टिक उपयोग करने क्षमता में काफी बढ़ोत्तरी हुई है |
एक आंकड़े के मुताबिक 2007 में Plastic का प्रति व्यक्ति उपयोग 7.7 kg projected था जो, की विश्व के औसत उपयोग 17 किलो के आधे से भी कम था | इस आंकड़े से भी Market potentials का अंदाज़ा इसलिए लगाया जा सकता है, क्योकि इससे पता चलता है की यह Industry कहाँ तक पहुँचने का सामर्थ्य रखती है |
अर्थात जब India में भी प्रति व्यक्ति Consumption बढ़ेगी तो और अधिक Plastic से निर्मित वस्तुओं की आवश्यकता होगी और नए उद्यमियों को Plastic related या Plastic Comb Making business में भी अवसर प्राप्त होंगे |
आवश्यक मशीनरी उपकरण और कच्चा माल
Plastic comb making business start करने के लिए उद्यमी को बहुत सारी प्रक्रियाओं जैसे Plant Layout, Location Selection, Business Registration, PAN Registration , TAN Registration , Necessary license, Account Opening, बजटिंग, बिज़नेस Planning, उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन इत्यादि से गुजरना पड़ सकता है | लेकिन जो प्राथमिक सवाल उद्यमियों के दिमाग में रहता है, वह रहता है किसी भी बिज़नेस चाहे वह Plastic comb making business हो या कोई अन्य में उपयोग होने वाली मशीनरी एवं कच्चे माल के बारे में, चूँकि हर खास बिज़नेस में उपयोग में लाये जाने वाला कच्चा माल, मशीनरी एवं उपकरण अलग अलग होते हैं , इसलिए Plastic comb making business में उपयोग में लाये जाने वाली मशीनरी एवं उपकरणों की लिस्ट निम्नवत है |
- सभी आवश्यक उपकरणों के साथ पूर्णतः Automatic Injection Molding Machine
- Scrap Grinder with Motor
- Buffing, Polishing and Hot stamping machine
- विभिन्न प्रकार के सांचे (Various Moulds)
- हस्तचालित उपकरण, उत्पाद को चिकना एवं ठण्ड करने के उपकरण (Small hand tools, Greasing cooling equipments)
- Testing instruments such as micrometer, balance इत्यादि.
Plastic comb making business में उपयोग में लायी जाने वाली Raw Material की List निम्नवत है |
- Polypropylene (PP) के दाने (Polypropylene Granules)
- Moulding releasing agent (chemical used to prevent other materials from bonding to surfaces)
- विभिन्न प्रकार के रंग (Colours, pigments)
- पैकेजिंग का सामान (Packaging Materials)
Plastic Comb कैसे बनती है
Plastic comb making process को Plastic industry में उपयोग होने वाली बेहद प्रचलित इंजेक्शन मोल्डिंग विधि को अपनाकर अंजाम दिया जाता है | इस प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए सबसे पहले Polypropylene के दानों को मशीन में लगे हॉपर में डाल दिया जाता है, जिसमे एक इंजेक्शन एवं विभिन्न तरह के मोल्ड फिट करने का सिस्टम होता है |
उसके बाद धीरे धीरे इन कणिकाओं को तरल पदार्थ के रूप में परिवर्तित करने के लिए मशीन के हीटर की ओर अग्रसित किया जाता है, यहाँ पर Polypropylene की कणिकाएं गरम होकर पिघल जाती हैं | उसके बाद उच्च दबाव करके इस पिघले हुए प्लास्टिक को सांचो की ओर अग्रसित किया जाता है, जहाँ यह साँचो के आकार में परिवर्तित हो जाता है, चूँकि मशीन में कंघी बनाने का सांचा लगा होगा इसलिए वह कंघी का रूप धारण कर लेगा |
ठंडा होने के बाद कंघी को निकाल दिया जाता है और दूसरी stage में उसमे buffing, polishing, hot foil printing इत्यादि को अंजाम दिया जाता है | पूर्ण रूप से कंघी तैयार हो जाने के बाद इन्हें पैक कर दिया जाता है | Plastic comb making business कर रहे उद्यमी को चाहिए वह समय समय पर अपने द्वारा उत्पादित उत्पाद का लोगों की रूचि/आदत के मुताबिक विश्लेषण करता रहे | जिससे वह समय समय पर उत्पाद में जरुरी बदलाव लाकर Market में पैठ कायम कर सके |