Suguna Foods जिसने कॉलेज के दर्शन तक नहीं किये, बना डाली 9000 करोड़ की कंपनी |

Suguna foods owner B Soundararajan Success story in Hindi- आपके लिए प्रेरणा देने वाली कहानी यह है, की एक व्यक्ति जिसने ग्यारवही से अपनी पढाई छोड़ दी थी | उसने अपनी लगन, मेहनत, सोच और जज्बे से एक 9000 करोड़ की कंपनी बना डाली | जिसका नाम है, Suguna Foods जी हाँ दोस्तों यह आज की तारीख में भारतवर्ष में पोल्ट्री उद्योग की दुनिया में एक जाना पहचाना नाम है | आज जहाँ एक तरफ कंपनी पढ़े लिखे नौजवानों को रोजगार देने में समर्थ है |

वही दूसरी तरफ भारतवर्ष के लगभग 23000 किसान इस कंपनी से जुड़कर अपनी आजीविका चला रहे हैं | आज हम बात करेंगे उस व्यक्ति की जिसने इस कंपनी को भारत की पोल्ट्री उद्योग में इस मुकाम तक पहुंचाया और आगे भी कंपनी को और नई ऊंचाइयों पर ले जाने का न सिर्फ जज्बा है | बल्कि इरादा भी है | जी हाँ दोस्तों हम बात करेंगे इस कंपनी के निदेशक B Soundararajan की |
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सुगुना फ़ूड की शुरुआत (Starting of Suguna Foods):

आज से तीन दशक पहले यानिकी लगभग 1984 में Suguna Foods के निदेशक B Soundararajan ने अपने छोटे भाई के साथ मिलकर मात्र 5000 रूपये से मुर्गी फार्म के बिजनेस में कदम रखा था | तब शायद उन्हें भी नहीं पता होगा की आज जो वो 5000 रूपये पोल्ट्री बिजनेस में निवेश करने जा रहे हैं | वो लगभग ३८ साल बाद ९००० करोड़ रूपये हो जायेंगे | जी हाँ दोस्तों वर्तमान में अक्टूबर 2022 में कंपनी का सालाना टर्नओवर ९००० करोड़ रूपये है |

बी सुन्दराजन का पहले का जीवन (Earlier Life of B Soundararajan) :

Suguna Foods के निदेशक B Soundararajan का जन्म कोयम्बटूर से 70 किलोमीटर दूर एक गांव में हुआ था |  इनके पिता सरकारी माध्यमिक स्कूल में एक अध्यापक थे | इन्होने पिता के कहने पर ग्यारवही से अपनी पढाई छोड़ दी थी | और लगभग तीन सालों तक सब्जी उगाने की खेती करी | B Soundararajan के हिसाब से उनके पिता चाहते थे की ” मैं स्वयं अपने लिए अपने आप कुछ करूँ” क्योकि उनका मानना यह था की अगर मैं कॉलेज की पढाई पूरी करता हूँ तो उसके बाद बहुत सारा समय मुझे नौकरी ढूंढने को देना पड़ेगा |

और नौकरी मिल जाने पर स्वयं कुछ करने की सोच को विराम लग जायेगा | खेती करने में इन्होने 2 लाख रूपये गवाएं | उसके बाद कोयम्बटूर में एक फर्नीचर बनाने वाली कंपनी में लगभग 1 साल तक काम किया |  उसके बाद वे हैदराबाद आ गए और यहाँ एक Agricultural Pump कंपनी में सेल्स एंड मार्केटिंग का काम करने लगे | B Soundararajan के अनुसार उस समय उन्हें न तो तेलुगु आती थी और न ही अंग्रेजी, लेकिन फिर भी वे पूरे राज्य में पम्पस बेचा करते थे |

यही से उन्हें मार्केटिंग एवं एकाउंटिंग का अनुभव प्राप्त हुआ | लेकिन कुछ समय बाद कंपनी में हड़ताल हो जाने के कारण कंपनी ग्राहकों की मांग पूरी करने में असमर्थ नज़र आने लगी | यही कारण था की उनकी रूचि नौकरी के प्रति खत्म हो गई | और उन्होंने नौकरी छोड़ दी | उसके बाद वे अपने गांव वापस आ गए, और उन्होंने और उनके छोटे भाई G B Sundarajan ने मिलकर पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस स्टार्ट किया |

सुगुना फ़ूड की शुरुआत (Suguna Foods success story in Hindi):

जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में बता चुके हैं Suguna Foods की शुरुआत 1984 में 5000 रूपये निवेश के साथ हुई थी | 1986 में यह स्माल बिज़नेस के तौर पर एक Poultry Firm में परिवर्तित हुई थी | और 1990 में B Soundararajan और उनके छोटे भाई द्वारा  Contract Farming की शुरुआत की गई थी | वर्ष 1997 में पहली बार कंपनी का टर्नओवर थोड़े बड़े पैमाने पर लगभग 7 करोड़ का था | इसी 7 करोड़ के टर्नओवर ने कंपनी के मालिक B Soundararajan को उनका बिज़नेस पूरे तमिल नाडु में फैलाने के लिए प्रोत्साहित किया |

अब उन्हें एहसास होने लगा था की इस व्यापार को तकनिकी से जोड़ना बेहद जरुरी है | इसलिए इसके बाद इस व्यापार में तकीनीकी और व्यवसायिकता भी लायी गई | जिसका नतीजा यह हुआ की 2000 आते आते केवल 3 सालों में ही कंपनी का सालाना टर्न ओवर 100 करोड़ पहुँच चूका था | सन 2000 के बाद कंपनी ने अपने बिजनेस को पडोसी राज्यों कर्नाटक, आंध्र प्रदेश में वहां की राज्य सरकारों की मदद से विस्तृत किया | इस बिज़नेस को राज्य सरकारों का सपोर्ट मिलने का मुख्य कारण Contract Farming Concept था |

जिसे किसानों की Kamai का माध्यम बनाया गया |  अब तक के अपने 31 सालों के सफर में यह कंपनी साल हर साल प्रगति के पथ पर बढ़ती रही है | और यही कारण है की ब्रायलर मुर्गी  के उत्पादकता में यह कंपनी भारतवर्ष की No.1 कंपनी  बन गई | इसके अलावा विश्वस्तरीय Poultry Industry में यह कंपनी Tops 10 में जगह बनाने  में कामयाब रही है |  आने वाले दिनों में हमें इस कंपनी की और Success Story देखने और सुनने को मिल सकती हैं |जो हम सबके लिए एक inspiration होगी |

सुगुना फ़ूड का Business Model :

Suguna Foods का कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग वाला business Model बहुचर्चित और अधिकतर किसानों को आजीविका प्रदान करने वाला है | इसी business Model की बदौलत यह कंपनी राज्यों की सरकार को अपने बिज़नेस के बारे में समझाने में, और अपने बिज़नेस को एक राज्य से दूसरे राज्य की ओर विस्तृत करने में कामयाब हुआ है | इसके अलावा कंपनी Hatcheries, Poultry Feed, Medicine, Frozen food इत्यादि का भी बिज़नेस करती है |

Contract Farming का अर्थ कृषि सम्बन्धी उत्पादों के लिए खरीदने वाले और उत्पादन करने वाले के बीच एग्रीमेंट होने की क्रिया से लगाया जा सकता है | B Soundararajan के अनुसार इस business model में उनके छोटे भाई उन किसानों से पार्टनर होने की बात करते हैं | जो अपनी जमीन पर बिजनेस के लिए पोल्ट्री फार्म स्थापित कर सकें | उसके बाद Suguna उन किसानों को चूजे, उनका खाना और दवाइयां इत्यादि प्रदान करता है | उन दिनों लगभग 5000 मुर्गी पालन करने के लिए एक किसान को 1.20 लाख, 8000 square feet जगह में शेडिंग पर,खाना खिलाने  और पानी पिलाने के उपकरणों  पर लगाने पड़ते थे |

जिसमे किसान के लगे हुए पैसे दो साल में वसूल हो जाया करते थे | हर 45 दिनों के बाद Suguna किसानों से चिकन खरीद के उन्हें मार्किट में बेच दिया करता था | तब उत्पादन के वक़्त उन किसानों को 50 पैसे प्रति किलो के हिसाब से Pay करते थे | लेकिन अब पांच रूपये प्रति किलो के हिसाब से Pay करते हैं |  आज के समय में 5000 मुर्गियों के फार्म को स्थापित करने में लगभग 6 लाख रूपये का खर्च आ सकता है | और कांटेक्ट फार्मिंग business Model के हिसाब से इसे तीन सालों में वसूल भी किया जा सकता है |

कंपनी की वर्तमान स्थिति (Current Scenario of the company):

  • Suguna Foods के निदेशक B Soundararajan ने कॉलेज की पढाई पुरे किये बिना इस बिजनेस की शुरुआत करी, और उसमे success भी हुए | जो यह बताता है की अगर किसी काम को रूचि, निष्ठां और एक लक्ष्य बनाकर किया जाय, तो डिग्री भी आपका रास्ता रोकने में नाकाम होगी |
  • वर्तमान में कंपनी 18 राज्यों के लगभग 9000 गांवों में 23000 किसानों के साथ मिलकर काम कर रहा है | इस काम में लगभग 10 करोड़ स्क्वायर फ़ीट जगह का उपयोग हुआ है | और इनकी एक हफ्ते की उत्पादकता लगभग 80 लाख चिकन की है | जो यह दर्शाता है Company का Contract Farming वाला बिज़नेस मॉडल Success हुआ है |
  • इसकी पूरे भारतवर्ष में लगभग 250 शाखाएं हैं | जिनमे 5500 कर्मचारी कार्यरत हैं | और सारी की सारी शाखाएं इंटनेट से Connected हैं | इस कंपनी में enterprise Resource Management सिस्टम (ERM) 2004 में शुरू हुआ था |
  • कंपनी के निदेशक के अनुसार पोल्ट्री फार्मिंग व्यवसाय को किसानों के प्रत्यक्ष ध्यान की आवश्यकता होती है | इसलिए हम गैर किसान जो पोल्ट्री को अपने बिज़नेस के रूप में देखते हैं उनको प्रोत्साहित नहीं करते हैं |
  • निदेशक के अनुसार जो किसान उनकी कंपनी से जुड़े हैं, वे नियमित रूप से अपनी Kamai कर रहे हैं | अब वे सिर्फ कृषि से होने वाली kamai, जो की अप्रत्याशित है, पर ही निर्भर नहीं हैं | अब उनके पास अपनी बेटी की शादी और बच्चों की पढाई के लिए पैसे हैं | जो हमें बहुत अधिक संतुष्टि प्रदान करता है |
  • किसानों का दूसरा सबसे बड़ा फायदा यह हो रहा है की चिकन फार्म से उत्पादित कूड़ा करकट (chicken litter) को वे फसलों में खाद के रूप में उपयोग कर रहे हैं | जिससे उनकी फसल की उत्पादकता में वृद्धि हो रही है |
  • इस कंपनी ने बांग्लादेश में अपनी सहायक कंपनी खोली हुई है | वर्तमान में Suguna Foods के उत्पादों का निर्यात मिडिल ईस्ट देशों ईरान, अफगानिस्तान इत्यादि में मुख्य रूप से है | इन देशों से कंपनी लगभग 80 से 100 करोड़ रूपये की सालाना Kamai करती है |
  • ९००० करोड़ का सम्राज्य खड़ा करने वाले Self Made Person, B Soundararajan नियमित रूप से प्रख्यात बिज़नेस संस्थाओं के कार्यक्रमों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं | ताकि उन्हें बिज़नेस के नए नए अपडेट और जानकारी प्राप्त हो सके |
  • B Soundararajan को कॉलेज की पढाई न करने का कोई अफ़सोस नहीं है | उनके अनुसार ” मेरे पास डिग्री न होने के कारण मैं बिज़नेस करने को मजबूर था ” और जो की बहुत अच्छा हुआ |

उपर्युक्त story India में  पौल्टी उद्योग के किंग B Soundararajan के बिज़नेस Suguna Foods की success story है | जो हमने हमारे पढने वालों को Inspire करने के मद्देनज़र लिखी हुई है | आने वाले दिनों में हम इस Series में और Success Stories लिखेंगे | जिससे हमारे रीडर inspire होकर अपने जीवन को success बनाने हेतु कोई बेहतरीन कदम उठा सकें |

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