पेड़ों की खेती कैसे शुरू करें। Tree Farming Business Plan in Hindi.

पेड़ों की खेती के बारे में तो आप जानते ही होंगे, जी हाँ Tree Farming Business वर्तमान में कृषि क्षेत्र से जुड़े सबसे लाभकारी व्यवसायों में से एक है। पेड़ों के इस्तेमाल की बात करें तो वर्तमान में आप लकड़ी से निर्मित जो भी वस्तुएं देखते हैं वे सब पेड़ों की देन है। यही नहीं पेड़ों के और भी कई इस्तेमाल जैसे कागज़ बनाने वाली फैक्ट्रीयों में कागज़ बनाने, और ईधन के तौर पर भी किया जाता है।

कई पेड़ ऐसे होते हैं जिनके औषधीय फायदे होते हैं, इसलिए उनका इस्तेमाल तरह तरह की औषधियां तैयार करने में किया जाता है। इसके अलावा पेड़ वायुमंडल में ऑक्सीजन पैदा करते हैं, और कार्बन डाई ऑक्साइड को ग्रहण करते हैं। जिससे मनुष्य को साँस लेने में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होती है।

मनुष्य जीवन में पेड़ों के महत्व का जितना बखान किया जाय, उतना कम है। यही कारण है की ट्री फार्मिंग के माध्यम से उत्पादित पेड़ों को बेचने के लिए आपको ज्यादा मेहनत करने की आवश्यकता नहीं होती है। फर्नीचर का निर्माण करने वाली कंपनियाँ एवं कागज़ इत्यादि का निर्माण करने वाली कंपनियाँ आपके पेड़ों को खरीदने के लिए आपसे संपर्क कर सकती हैं।

यद्यपि मनुष्य ने अपने जीवन में पेड़ों की महत्वता को समझा है, और उसी की बदौलत सरकार ने इनके संरक्षण के लिए कई कदम भी उठाये हैं। पेड़ों के तनों से निर्मित लकड़ी का इस्तेमाल घरेलु और औद्यौगिक दोनों कारणों से बड़े पैमाने पर होता है। ऐसे में यदि हम जंगल के पेड़ ही काटते रहे तो, एक दिन जंगल के जंगल खत्म हो जाएँगे।

इसलिए उद्योगों और व्यक्तिगत व्यक्तियों की लकड़ी सम्बन्धी आवश्यकता को पूर्ण करने के उद्देश्य से Tree Farming Business शुरू करना काफी लाभकारी साबित हो सकता है। आज का हमारा यह लेख पूर्ण रूप से इसी पर आधारित है।

tree farming business

पेड़ों की खेती करने के फायदे (Benefits of tree farming business):

पेड़ों की खेती  शुरू करने के एक नहीं बल्कि कई फायदे हैं, इनमें कुछ फायदे व्यक्ति तक ही सिमित हैं, तो कुछ फायदे ऐसे हैं जिनसे नजदीकी सोसाइटी भी लाभान्वित होती है।

  • पेड़ हवा को स्वच्छ रखने में मदद करते हैं। जिस क्षेत्र में जितने अधिक पेड़ होंगे वहां की हवा उतनी ही साफ़ और लाभदायक होगी । यह इसलिए होता है क्योंकि पेड़ों में वायुमंडल को नुकसान पहुँचाने वाली गैसों जैसे अमोनिया, नाइट्रोजन ऑक्साइड, ओजोन और सल्फर डाइऑक्साइड जैसी गैसों को अवशोषित करने की क्षमता होती है।
  • पेड़ वर्षा के पानी और प्राकृतिक पानी को प्राकृतिक फ़िल्टर प्रदान करते हैं। क्योंकि जहाँ पर पेड़ अधिक होंगे वहां पर वर्षा का पानी धीमे धीमे जमीन के अन्दर समाहित होगा। जिससे पानी की स्रोतों को पुनर्जीवित होने और भूजल को रिचार्ज होने में मदद मिलती है।
  • कार्बन डाई ऑक्साइड मनुष्य स्वास्थ्य के लिए नुकसान देह होती है, चूँकि पेड़ कार्बन डाई ऑक्साइड को अवशोषित कर लेते हैं, जिससे वायुमंडल में कार्बनडाई ऑक्साइड गैस कम हो जाती है।
  • पेड़ वातावरण को ठंडा रखने में सहायक होते हैं, क्योंकि जहाँ पेड़ अधिक होते हैं, वहां कड़ी से कड़ी धूप में भी छाया बनी रहती है।
  • जंगली जानवर एवं पक्षी पेड़ों का इस्तेमाल रहने, घोंसले बनाने, भोजन प्राप्त करने, भण्डारण इत्यादि के लिए करते हैं। इसलिए ट्री फार्मिंग  कर रहा उद्यमी अप्रत्यक्ष रूप से इनकी सहायता कर रहा होता है।
  • पेड़ों की खेती में बहुत अधिक मेहनत करने की भी आवश्यकता नहीं होती है, आप इन्हें लगाकर छोड़ सकते हैं। हाँ इतना जरुर है की पालतू जानवरों जो घास इत्यादि खाते हैं, शुरुआत में उनसे इनकी रक्षा करनी पड़ती है।
  • खाली पड़ी जमीन बंजर धरती में भी पेड़ों की खेती को  शुरू किया जा सकता है।
  • चूँकि इन्हें परिपक्व होने में 8-10 सालों तक का समय लगता है, इसलिए आप चाहें तो इसे एक पार्ट टाइम बिजनेस के तौर पर भी कर सकते हैं।

पेड़ों की खेती कैसे शुरू करें (How to Start Tree Farming Business in India):

यदि आप किसी ग्रामीण इलाके से सम्बन्ध रखते हैं, और वह भी एक ऐसे गाँव से जहाँ से अधिकतर लोग पलायन कर चुके हैं । तो आपके लिए उस क्षेत्र में इस बिजनेस को शुरू करना आसान है। वह इसलिए क्योंकि इस तरह का बिजनेस शुरू करने के लिए सबसे पहले उद्यमी को जमीन की आवश्यकता होती है ।  यह जमीन या तो खुद की होनी चाहिए या लम्बे समय के लिए लीज पर ली हुई होनी चाहिए।

जमीन का प्रबंध करें

नए ज़माने की हाइड्रोपोनिक खेती को भले ही बिना मिटटी के भी शुरू किया जा सकता है। लेकिन इस तरह की खेती को बिना मिटटी के शुरू करना संभव नहीं है। इसलिए यदि आप पेड़ों की खेती शुरू करना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको उस जमीन का प्रबंध करना होगा। जहाँ पर आप पेड़ उगाने की योजना बना रहे हैं।

यदि आप किसी ऐसे गाँव से सम्बन्ध रखते हैं, जो शहरीकरण के चलते पलायन का शिकार हुआ है। तो आप अपने खुद के गाँव में भी पेड़ उगाने के लिए जमीन तलाश कर सकते हैं। पेड़ों को उगाने के लिए किसी भी तरह की जमीन यहाँ तक की बंजर जमीन का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

जहाँ तक सवाल कितनी जमीन चाहिए का है, वह तो आपकी अपनी योजना पर निर्भर करता है, की आप कितने पेड़ लगाने की योजना बना रहे हैं । यदि आप शुरुआत में सौ – पचास पेड़ से ही शुरुआत करना चाहते हैं, तो उसके लिए कम जगह, और यदि आप सैकड़ों हजारों पेड़ लगाकर शुरूआत करना चाहते हैं, तो उसके लिए अधिक जमीन की आवश्यकता होती है।

जमीन का प्रबंध इस बात पर भी निर्भर करता है की उद्यमी ने अपने बिजनेस  के लिए कौन कौन से पेड़ों को चुना है। क्योंकि अलग अलग पेड़ की जड़ें अलग अलग तरीके से फैलती हैं। इसलिए इन्हें एक दुसरे से कितनी दूर पर लगाया जाय वह इनकी जड़ें फैलने एवं अन्य कारकों पर निर्भर करती हैं।          

उस क्षेत्र की जलवायु के बारे में जानें

जमीन का प्रबंध करने के बाद उद्यमी को जिस क्षेत्र में वह पेड़ों की खेती करने की योजना बना रहा है। उसकी जलवायु के बारे में जानने का प्रयत्न करना चाहिए, इसके लिए उद्यमी चाहे तो राज्य के कृषि विभाग और कृषि रिसर्च सेण्टर, व्यवसायिक प्रशिक्षण केंद्र इत्यादि की मदद ले सकता है।

पेड़ों की खेती (Tree Farming) शुरू करने की चाह रखने वाले उद्यमी को न सिर्फ उस क्षेत्र की जलवायु के बारे में पता करना है, बल्कि यह भी पता करना है की, उस जलवायु में कौन कौन से पेड़ जल्दी विकसित हो सकते हैं।    

पौंधों का प्रबंध करें

अब जब उद्यमी को इस बात का पता लग जाता है की, उस क्षेत्र विशेष की जलवायु में कौन कौन से पेड़ अच्छी तरह विकसित हो सकते हैं। तो उसके बाद उद्यमी को उन्हीं के अनुसार पौंधों का प्रबंध करना होता है। खुद का इस तरह का बिजनेस शुरू करने के लिए उद्यमी किसी भी नजदीकी नर्सरी से पौधें खरीद सकता है।

जो पौधे उद्यमी को चाहिए यदि नर्सरी में वे पौधे कम हैं तो वह उनसे और अधिक पौधे उगाने के लिए आग्रह कर सकता है। या फिर किसी अन्य नर्सरी से वही पौधे पाने की कोशिश कर सकता है।     

पेड़ों की रोपाई करें

हालांकि अधिकतर पेड़ों को अलग से पानी देने की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन शुरूआती दौर में जब आप इन्हें जमीन पर लगा रहे होते हैं, उसके कुछ दिनों तक जब तक की पौधा उस नई जमीन पर अपनी जड़ें स्थापित न कर ले, तब तक थोड़ा बहुत पानी देने की आवश्यकता पड़ सकती है।

पेड़ों को जमीन पर लगाते समय जो उनकी जड़ों में बैग में मिटटी होती है उसे हटाया नहीं जाता है। बल्कि इतना गहरा गड्ढा किया जाता है की, उसकी जड़ें उस मिटटी सहित आराम से उसके अन्दर आ जाएँ। अन्य फसलों की तुलना में पेड़ों की खेती  को कम देख रेख और रख रखाव की आवश्यकता होती है।

लेकिन ध्यान रहे जब तक पेड़ नई जगह पर अपनी जड़े स्थापित नहीं कर देते हैं, तब तक उन्हें विशेष रखरखाव की आवश्यकता होती है। इस दौरान उन्हें खाद, पानी इत्यादि की आवश्यकता होती है।      

सुरक्षा दीवार या बाड़ बनाएँ

जब आपको लगे की आपके द्वारा लगाये गए पेड़ नई जगह पर पूर्ण रूप से अपनी जड़े स्थापित कर चुके हैं। तो उसके बाद उन्हें पालतू पशु और जंगली जानवर कोई नुकसान न पहुँचा पायें, इसके लिए आपको चरों तरफ सुरक्षा दीवार या काँटेदार तारों से बाड़ करने की आवश्यकता हो सकती है।

वैसे देखा जाय तो जंगली जानवर इस खेती  को कम ही नुकसान पहुँचाते हैं। लेकिन पालतू जानवर जिनका प्रमुख भोजन घास एवं वनस्पति होती है, वे छोटे पेड़ों को नुकसान पहुँचा सकते हैं। इसलिए जब तक पेड़ छोटे हों, इनके संरक्षण के लिए कोई न कोई प्रबंध अवश्य किया जाना चाहिए।      

धैर्य रखें इंतजार करें

पेड़ों की खेती एक ऐसा व्यवसाय है, जिसमें आप निवेश आज करेंगे तो आपको रिटर्न लगभग 10-12 साल बाद मिलेगा। इसलिए Tree Farming Business करने वाले उद्यमी को धैर्य रखने की आवश्यकता होती है । यह उन लोगों के लिए आदर्श व्यवसाय माना जाता है, जो पार्ट टाइम व्यवसाय के तौर पर इसे करना चाहते हों।

कहने का आशय यह है की आप पेड़ों की खेती को अपने मुख्य व्यवसाय या काम के साथ भी शुरू कर

सकते हैं। इसमें आपको अन्य फसलों की तरह बार बार देख रेख की आवश्यकता नहीं होती है।

कौन कौन से पेड़ों की खेती करना फायदेमंद हो सकता है    

यद्यपि किस क्षेत्र विशेष की जलवायु के लिए कौन से पौधे उचित रहेंगे, यह तो कृषि वैज्ञानिक ही बता पाएंगे। लेकिन भारत की जलवायु को आधार मानकर यहाँ पर हम कुछ ऐसे पेड़ों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी खेती करना किसी भी उद्यमी के लिए शानदार कमाई का अवसर हो सकती है।

सागवान की Tree Farming    

सागवान की लकड़ी काफी मजबूत और टिकाऊ होती है, इसलिए इस लकड़ी की माँग बाज़ारों में हमेशा बनी रहती है। ऐसे किसान जिनके पास अच्छी खासी जमीन पड़ी है, वे उस जमीन पर सागवान के पेड़ों की खेती करके भी अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं।

चन्दन के पेड़ों की खेती    

चन्दन की लकड़ी का इस्तेमाल अनेकों कॉस्मेटिक एवं ड्रग उत्पादों को बनाने में किया जाता है। और यह पूरे विश्व में सबसे महंगी लकड़ियों में से एक मानी जाती है। जानकारी के मुताबिक चन्दन की लकड़ी बाज़ार में 25-30 हज़ार रूपये प्रति किलो के हिसाब से भी बिक जाती है।

महोगनी के पेड़ों की खेती

महोगनी के लकड़ी की अपनी विशेष खासियत यह है की इस लकड़ी पर पानी का कोई असर नहीं होता है। इसलिए यह लकड़ी भी सबसे महंगी लकड़ियों में से एक है। वर्तमान में जब मनुष्य टिकाऊ और मजबूत चीजों के लिए कोई भी कीमत देने को तैयार है, तो ऐसे में महोगनी की खेती  करके किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं।

सफेदा के पेड़

इन पेड़ों की भी अपनी कुछ विशेषता है। इस तरह के पेड़ की भी जलवायु में आसानी से विकसित हो जाते हैं, यहाँ तक की ऐसे क्षेत्र जहाँ बारिश कम होती है । वहां भी इस तरह की यह पेड़ों की खेती  शुरू किया जा सकता है। क्योंकि सफेदा के पेड़ों को पानी की आवश्यकता बहुत कम होती है।

गम्हार के पेड़ों की खेती

गम्हार के पेड़ की लकड़ी का इस्तेमाल तो कई तरह के फर्नीचर बनाने में किया ही जाता है। लेकिन इसके पत्तों एवं छाल के कई औषधीय उपयोग भी हैं। जानकारी के मुताबिक एक एकड़ जमीन में गम्हार के 500 पेड़ लगाये जा सकते हैं। एक एकड़ में गम्हार के पेड़ों की खेती करने का खर्चा 50-60 हज़ार रूपये है। जबकि इससे होने वाली कमाई 1 करोड़ रूपये तक हो सकती है। आपको बता दें की गम्हार तेजी से विकसित होने वाले पेड़ों में से एक है ।

पॉपुलर के पेड़ों की खेती   

पॉपुलर की लकड़ी भले ही बहुत ज्यादा महंगी न बिकती हो, लेकिन इसकी लकड़ी सबसे अधिक माँग वाली लकड़ियों में से एक है । यही कारण है की वर्तमान में बहुत सारे किसान ऐसे हैं, जिन्होंने अपने खेतों के किनारे और बीच में भी पंक्तिबद्ध तरीके से पॉपुलर के पेड़ लगाये हुए हैं।

इसकी लकड़ी का इस्तेमाल पेपर बनाने, प्लाईवुड बनाने, लकड़ी के बॉक्स बनाने, चॉप स्टिक बनाने, माचिस की तीलियाँ और डिब्बियां बनाने में बड़े पैमाने पर किया जाता है। इसलिए यदि आप चाहें तो पॉपुलर के पेड़ों को भी अपने पेड़ों की खेती का व्यापार (Tree Farming Business) का हिस्सा बना सकते हैं।   

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