विज्ञापन [Advertising] क्या है? इसके फायदे, प्रकार, उद्देश्य और तकनीक ।

Advertising यानिकी विज्ञापन किसी भी व्यवसाय की सफलता के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसका लक्ष्य ग्राहकों को प्रोडक्ट या सेवा के बारे में सूचित करना और उन्हें इन्हें खरीदने के लिए प्रेरित करना होता है। यही कारण है की वर्तमान में हर कोई उद्यमी अपने व्यवसाय के बारे में लोगों को सूचित कराने के लिए विज्ञापन हेतु हर एक संभव मीडिया को इस्तेमाल करते हैं। वर्तमान में टेलीविजन, रेडियो, इन्टरनेट, होर्डिंग्स, समाचार पत्रों, मैगजीन, डायरेक्ट सेलिंग, कांटेस्ट, स्पॉन्सरशिप, पोस्टर, कपड़े, इवेंट्स, कलर्स, साउंड्स, विजुअल्स इत्यादि माध्यमों से Advertising की जाती है ।

वैसे देखा जाय तो विज्ञापन हर व्यवसाय को सफल बनाने के लिए बेहद जरुरी होता है, व्यवसायों और अन्य संगठनों की इसी आवश्यकता की आपूर्ति हेतु विज्ञापन इंडस्ट्री का उद्गम हुआ है ।

इस इंडस्ट्री में वे कम्पनियां और एजेंसीयाँ शामिल हैं जो अपने ग्राहकों को विज्ञापन करने में मदद करती हैं, ये अपने ग्राहक की ओर से मीडिया हाउस, इन्टरनेट इन्फ्लुएंसर, सेलेब्रिटी, समाचार पत्रों इत्यादि से संपर्क करती हैं। वैसे उद्यमी या कंपनी चाहे तो Advertising के उपर्युक्त बताये गए माध्यमों से खुद भी संपर्क कर सकता है। लेकिन अधिकतर व्यवसाय किसी एडवरटाइजिंग एजेंसी का ही सहारा इस काम के लिए लेते हैं। चूँकि विज्ञापन किसी भी व्यवसाय की सफलता में अहम् योगदान निभाता है इसलिए हमारे लिए इस विषय पर बात करना भी बेहद आवश्यक हो जाता है।

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विज्ञापन क्या है (What is Advertising in Hindi):   

विज्ञापन किसी उत्पाद या सेवा के उपयोगकर्ताओं तक संचार का एक साधन है इसे कोई प्रायोजित प्रायोजक भी कर सकता है और उद्यमी खुद पैसे खर्च करके भी इसे कर सकता है। जब कोई प्रायोजित प्रायोजक भुगतान घोषणाओं के माध्यम से जनता का ध्यान किसी सेवा या प्रोडक्ट विशेष की तरफ खींचता है तो इसे Advertising  कहा जा सकता है। विज्ञापन का उद्देश्य जनता को किसी चीज के बारे में सूचित करना या फिर कुछ खरीदने के लिए प्रेरित करना भी होता है।

यदि आपके इलाके में कहीं मुफ्त का स्वास्थ्य कैंप चलने वाला है तो उस एरिया के जनप्रतिनिधि द्वारा किसी लाउडस्पीकर लगे ऑटो रिक्शा को उस एरिया में लोगों को सूचित करने के लिए घुमाया जाता है तो यह भी विज्ञापन का ही एक रूप है और इसमें विज्ञापन का उद्देश्य सिर्फ लोगों को सूचित करना है । जबकि अधिकतर विज्ञापन किसी प्रोडक्ट या सर्विस की बिक्री के उद्देश्य से ही किये जाते हैं जैसे टेलीविजन पर चलने वाले विभिन्न साबुन, शैम्पू, कोलगेट, क्रीम इत्यादि के चलने वाले विज्ञापन।

विज्ञापन की विशेषताएं (Characteristics Of Advertising in Hindi):

विज्ञापन की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं।

  1. भुगतान किया गया रूप – किसी उद्यमी या विक्रेता के केवल उसी प्रयास को विज्ञापन कहा जायेगा जिसमें वह पैसे खर्चा करके लोगों को सूचित और कुछ बेचने की कोशिश कर रहा हो। कहने का आशय यह है की यदि बिना किसी खर्चे के कोई जानकारी या सूचना प्रकाशित की गई है तो वह Advertising की श्रेणी में नहीं आएगी।
  2. अवैयक्तिक प्रस्तुति – जैसा की हम सब जानते हैं की यदि उद्यमी या किसी अन्य व्यक्ति को अपना कोई विज्ञापन करना होगा, तो वह या तो किसी एडवरटाइजिंग एजेंसी से संपर्क करेगा और या फिर किसी टेलीविजन चैनल, अख़बार, रेडियो इत्यादि से संपर्क करेगा।इस प्रक्रिया में विज्ञापनदाता कोई टेलीविजन चैनल, अख़बार, वेबसाइट, यूट्यूब चैनल हो सकता है लेकिन विज्ञापनदाता और उपभोक्ता इस प्रक्रिया में व्यक्तिगत संपर्क में नहीं आते हैं। क्योंकि विज्ञापनदाता अपने ग्राहकों की ओर से विज्ञापन चला रहे होते हैं इसलिए विज्ञापन में सभी डिटेल्स इत्यादि विक्रेता या व्यापारी की ही होती है।
  3. बड़े पैमाने पर शीघ्र संचार – Advertising की यदि हम बात करें तो यह संचार का एक तेज माध्यम है शीघ्र होने के अलावा इसकी पहुँच भी काफी विशाल है। कहने का आशय यह है की विज्ञापन एक साथ लाखों लोगों तक पहुँच सकता है।
  4. प्रायोजक की पहचान – किसी विज्ञापन में प्रायोजक की पहचान होना अति आवश्यक है कहने का आशय यह है की यदि उपभोक्ता तक वह विज्ञापन पहुँचता है तो उसे आसानी से पता चल जाना चाहिए की यह विज्ञापन किसके द्वारा प्रायोजित है। प्रायोजकों में आम तौर पर या तो उस वस्तु या सेवा के विक्रेता होते हैं या फिर उसके विनिर्माणकर्ता। जिस विज्ञापन में प्रायोजक की पहचान करना मुश्किल हो उसे विज्ञापन नहीं कहा जा सकता है।    

विज्ञापन के प्रकार (Types of Advertising in Hindi):

विज्ञापनों को हम उनके फैलाव के स्तर के अनुसार और उपयोग में लाये गए विज्ञापन माध्यमों के अनुसार इन्हीं दो भागों में विभाजित कर सकते हैं।

फैलाव के स्तर के अनुसार: फैलाव या निवेश के स्तर के अनुसार इन्हें प्रमुख तीन भागों रेखा से उपर के विज्ञापन, रेखा से नीचे के विज्ञापन और लाइन के समानान्तर विज्ञापन में बांटा जा सकता है।

विज्ञापन माध्यमों के अनुसार – उपयोग किये गए विज्ञापन माध्यमों के अनुसार इन्हें प्रिंट एडवरटाइजिंग, ब्रॉडकास्ट एडवरटाइजिंग और डिजिटल एडवरटाइजिंग में विभाजित किया जा सकता है। 

रेखा से ऊपर के विज्ञापन (Above the line Advertising): विज्ञापन के इस प्रकार का इस्तेमाल तब किया जाता है जब बड़ी मात्रा तक दर्शकों तक पहुँचने के लिए बड़े पैमाने पर मीडिया प्रचार पर ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता हो। इसमें मीडिया के माध्यम जैसे टेलीविजन, अख़बार, पत्रिकाएं, मैगज़ीन, बिलबोर्ड इत्यादि शामिल होते हैं।  

लाइन से नीचे के विज्ञापन (Bellow The Line Advertising):  जहाँ रेखा से ऊपर के विज्ञापन के प्रकार का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर दर्शकों को लक्ष्य करने के लिए किया जाता है ठीक इसके विपरीत लाइन से नीचे के विज्ञापन का इस्तेमाल छोटे स्तर पर टारगेट कस्टमर तक पहुँचने के लिए किया जाता है। इनमें ब्रोशर, डायरेक्ट मेल, फ्लायर्स, स्पोंसरशिप, ईमेल कैंपेन जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं।

लाइन के समानान्तर विज्ञापन (Through The Line Advertising):  विज्ञापन का यह प्रकार रेखा से ऊपर के विज्ञापन और रेखा से नीचे के विज्ञापन का मिश्रित रूप है। इसमें ATL और BTL दोनों प्रकारों में इस्तेमाल में लायी जाने वाली विज्ञापनों माध्यमों का इस्तेमाल किया जाता है।

प्रिंट एडवरटाइजिंग – प्रिंट विज्ञापन की यदि हम बात करें तो यह व्यापक रूप से इस्तेमाल में लाया जाने वाला विज्ञापन का एक प्रकार है। अख़बारों, पत्रिकाओं, मैगज़ीन, ब्रोशर, फ्लायर इत्यादि विज्ञापन के जिस भी माध्यम को प्रिंट करने की आवश्यकता होती है वह प्रिंट एडवरटाइजिंग के तहत आता है।

प्रसारण विज्ञापन (Broadcast Advertising)-  प्रसारण विज्ञापन की यदि हम बात करें तो यह रेडियो, टेलीविजन और इन्टरनेट विज्ञापन के अलावा बाकी और कुछ भी नहीं है। टेलीविजन और रेडियों पर प्रसारित होने वाले विज्ञापनों को प्रसारण विज्ञापन का हिस्सा कहा जा सकता है।  

डिजिटल विज्ञापन (Digital Advertising) –  डिजिटल विज्ञापन को ऑनलाइन और इन्टरनेट विज्ञापन भी कहा जाता है इसमें ग्राहकों, उपभोक्ताओं तक पहुँचने के लिए और अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए ऑनलाइन और डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें गूगल एडवरटाइजिंग, फेसबुक एडवरटाइजिंग, ट्विटर, इन्स्टाग्राम एडवरटाइजिंग इत्यादि शामिल हैं।

विज्ञापन का महत्व (Importance of Advertisement in Hindi):

विज्ञापन के महत्वों की यदि हम बात करें तो इनके महत्व इस प्रक्रिया में सभी लोगों के लिए हैं चाहे वह विनिर्माणकर्ता या निर्माता हो, या फिर ग्राहक दोनों के लिए Advertising के महत्व अलग अलग हैं। जिनकी लिस्ट हम नीचे दे रहे हैं ।

ग्राहक के लिए महत्व

  • सुविधा प्रदान करना – यदि विज्ञापन टारगेट किये गए हों तो ये ग्राहक की निर्णय लेने की क्षमता को आसान बनाते हैं, क्योंकि ग्राहकों को पता होता है की उनके बजट और आवश्यकता के अनुसार उनके लिए क्या सही रहेगा।  
  • ग्राहकों में उत्पाद के प्रति जागरूकता फैलाते हैं – विज्ञापन के माध्यम से ग्राहकों को बाजार में उपलब्ध विभिन्न उत्पादों और उनकी विशेषताओं के बारे में जानकारी हो पाती है जिससे उनका उन प्रोडक्ट के बारे में ज्ञान बढ़ता है। और यही ज्ञान ग्राहकों को विभिन्न उत्पादों के बीच तुलना करने और अपने लिए सर्वोत्तम प्रोडक्ट चुनने में मदद करता है।
  • विज्ञापन के माध्यम से बेहतर क्वालिटी प्राप्त होना – आम तौर पर देखा गया है की पहले से स्थापित ब्रांड ही अपने उत्पादों की Advertising करते हैं अनब्रांडेड प्रोडक्ट कम ही विज्ञापन करते हैं या करते ही नहीं। ऐसे में विज्ञापन ग्राहकों को बेहतर गुणवत्ता प्रदान करना सुनिश्चित करता है क्योंकि कोई भी ब्रांड झूठे विज्ञापनों पर खर्च करके पैसा और अपनी साख बर्बाद नहीं करना चाहता।

विनिर्माणकर्ता या निर्माता के लिए महत्व

  • विज्ञापन निर्माता या विनिर्माणकर्ता के ब्रांड और उत्पाद के बारे में उनके टारगेट ग्राहकों के बीच जागरूकता को बढाता है।
  • यदि विज्ञापन सोच समझकर और चालाकी से बनाये गए हों तो ये ग्राहकों के मन में ब्रांड की छवि और रेपुटेशन बनाने में मदद करते हैं।
  • Advertising किसी भी व्यवसाय के उत्पाद को प्रतिस्पर्धियों से अलग करने में मदद करता है और उसकी विशेषताओं और लाभों को लक्षित ग्राहकों तक पहुँचाता है।
  • विज्ञापन ब्रांड के विजन को दर्शाता है इसलिए यह ग्राहकों के बीच ब्रांड की अच्छी शाख बनाने में मददगार साबित होता है।
  • विज्ञापन अन्य तत्वों की तुलना में अधिक प्रभावी होता है, क्योंकि यह कम समय में बड़े पैमाने पर दर्शकों को सन्देश भेजने में सक्षम हो पाता है। इसलिए यह वैल्यू फॉर मनी है।

विज्ञापन के फायदे (Advantages of Advertising in Hindi):

  • विज्ञापनों में लोगों से खरीदने की अपील की जाती है यह व्यापक अपील प्रोडक्ट की मांग को बढ़ाती है जिससे संगठन को लाभ कमाने में मदद मिलती है। और विज्ञापन प्रति इकाई लागत को भी कम कर देते हैं।
  • Advertising ब्रांड बिल्डिंग में मदद करती हैं कहने का आशय यह है की विज्ञापन ब्रांड बिल्डिंग में प्रभावी ढंग से काम करते हैं। लोगों द्वारा विज्ञापन नहीं देने वालों की तुलना में विज्ञापन देने वाले ब्रांड के उत्पाद अधिक पसंद किये जाते हैं।
  • कोई ऐसा उत्पाद जो विज्ञापन द्वारा समर्थित हो उसे लांच करना भी आसान होता है।
  • विज्ञापन के माध्यम से मौजूदा ग्राहकों का विश्वास ब्रांड में बढ़ता है जब वे अपने द्वारा इस्तेमाल में लाये जाने वाले उत्पाद या ब्रांड का विज्ञापन देखते हैं तो उन्हें गर्व की अनुभूति होती है।
  • नए ऑफर और बेहतर सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से बनाये गए रणनीतिक विज्ञापन ग्राहक के टर्नओवर को कम करने में मदद करते हैं।
  • आकर्षक विज्ञापन नए ग्राहकों को पाने और व्यवसाय के विस्तार करने में ब्रांड की मदद करते हैं।
  • Advertising के माध्यम से ग्राहक यह जान पाते हैं की उन्हें कोई उत्पाद खरीदते समय क्या क्या देखने की आवश्यकता होती है। इस प्रकार विज्ञापन ग्राहकों को शिक्षित करने का भी काम करता है। 

विज्ञापन के नुकसान (Disadvantage of Advertisement):

  • विज्ञापन व्यवसाय को सफल बनाने के लिए किया जाने वाला एक खर्चा है और इस खर्चे को प्रोडक्ट की लागत में जोड़ा जाता है, यह लागत अंतिम उपभोक्ता को वहन करनी पड़ती है। इससे स्पष्ट है की विज्ञापन उत्पाद की कीमत बढाने में सहायक होता है।
  • अलग अलग विज्ञापन एक ही उत्पाद के बारे में अलग अलग दावे करते हैं जिससे ग्राहक भ्रमित हो जाते हैं की उन्हें कौन सा उत्पाद खरीदना चाहिए और कौन सा उत्पाद नहीं खरीदना चाहिए।
  • कुछ विज्ञापन ऐसे भी होते हैं जो ग्राहकों को भ्रमित करने के लिए स्मार्ट रणनीतियों का इस्तेमाल करते हैं।
  • Advertising काफी महंगी भी हो सकती है, जिसे केवल बड़े व्यवसाय ही वहन कर पाने में सक्षम हों, इस कारण छोटे व्यवसाय बड़े व्यवसायों की प्रतिस्पर्धा से बाहर हो जाते हैं। जिससे बाजार में एकाधिकार का खतरा बढ़ता है।  
  • प्रभावी विज्ञापन घटिया उत्पादों की बिक्री करने में भी सफल हो सकते हैं जो उपभोक्ताओं के लिए अच्छा नहीं होता है।            

 विज्ञापन के उद्देश्य (Objective of Advertising in Hindi):

विज्ञापन के तीन प्रमुख उद्देश्य होते हैं जो इस प्रकार से हैं।

  1. सूचित करना – विज्ञापन का इस्तेमाल अपने टारगेट मार्किट में ब्रांड जागरूकता और ब्रांड प्रदर्शन बढाने के उद्देश्य से किया जाता है। इसलिए ब्रांड और उसके प्रोडक्ट के बारे में संभावित ग्राहकों को सूचित करना इस दिशा में उठाये जाने वाला पहला कदम है।
  2. राजी करना – Advertising के प्रमुख उद्देश्यों में दुसरे नंबर पर किसी विशेष कार्य के लिए ग्राहकों को राजी कर देना है । इन कार्यों में ब्रांड छवि बनाना, ब्रांड के प्रति अनुकूल रवैया विकसित करना, उत्पादों और सेवाओं की बिक्री की कोशिश इत्यादि शामिल हैं।
  3. याद दिलाना – विज्ञापन का अन्य उद्देश्य उसके ग्राहकों तक ब्रांड के सन्देश को बार बार पहुँचाना और ब्रांड विजन के बारे में मौजूदा ग्राहकों को आश्वासन देने का भी है।

इनके अलावा विज्ञापन के अन्य उद्देश्यों में ब्रांड बिल्डिंग, बिक्री बढ़ाना, मांग पैदा करना, इंगेजमेंट, ग्राहक आधार को बढ़ाना, ग्राहकों का व्यवहार बदलना इत्यादि भी शामिल हैं।

FAQ on Advertising

  1. Q. विज्ञापन कहाँ पर देना चाहिए?

    Ans. विज्ञापन ऐसी जगह पर देना चाहिए जहाँ पर आपके विज्ञापन को अधिक से अधिक संभावित ग्राहक देख सकें।  

  2. Q. विज्ञापन के माध्यमों में बेस्ट कौन सा है?

    Ans. वर्तमान में कई तरह के विज्ञापन माध्यम मौजूद हैं जिनमें अख़बार, टेलीविजन, रेडियो, लोकल केबल ऑपरेटर, पत्रिकाएं मौजूद हैं। लेकिन बिक्री बढ़ाने के उद्देश्य से ऑनलाइन विज्ञापन वर्तमान में सबसे प्रभावी हैं।  

  3. Q. आकर्षक विज्ञापन किसे कहते हैं?

    Ans. एक ऐसा विज्ञापन जिसे देखते ही लोग उसे पढ़ने और देखने को मजबूर हो जाएँ और उसमें दिए गए बातों के आधार पर एक्ट करें। को ही आकर्षक विज्ञापन कहा जाता है।

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