वार्निश रेजिन या रेजिन वाले पदार्थों का एल्कोहल एवं तारपीन के तेल में एक सोल्यूशन है, Varnish Manufacturing की यदि हम बात करें तो भारत में इसे संगठित एवं असंगठित दोनों क्षेत्रों द्वारा किया जाता रहा है । कहने का आशय यह है की यह एल्कोहल एवं तारपीन के तेल में रेजिन वाले पदार्थ जैसे कॉमन रेजिन, एम्बर, कोपल, शेलैक इत्यादि का यह एक सोल्यूशन होता है । यह लकड़ी के टिकाऊपन को बढाता है और उसे गर्मीं प्रदान करता है और यह घर्षण, गर्मीं, पानी, एल्कोहल इत्यादि का प्रतिरोधी होता है इसलिए इससे लकड़ी इत्यादि सुरक्षित होती है।
इसे पूर्ण रूप से तैयार वस्तुओं में टॉप कोट के तौर पर इस्तेमाल में लाया जाता है। लकड़ी में प्राकृतिक गुणों की उपस्थिति को बढ़ाने के लिए या प्राकृतिक उपस्थिति को तेज करने के लिए लकड़ी में वार्निशिंग की जाती है। इसके इस्तेमाल से लकड़ी भारी, मजबूत, सुन्दर एवं आकर्षक नज़र आती है यही कारण है की Varnish Manufacturing Business लकड़ी के फर्नीचर उद्योग से काफी प्रभावित होता है। वार्निश को एक स्पष्ट पारदर्शी हार्ड प्रोटेक्टिव फिनिश या फिल्म भी कहा जा सकता है। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है की यह न तो किसी प्रकार का पेन्ट है और न ही किसी प्रकार का कोई दाग।
जहाँ तक इसके रंग का सवाल है वैसे मूल स्थिति में तो इसका किसी प्रकार का कोई रंग नहीं होता है, बल्कि इसे मनचाहा रंगों से रंजित किया जा सकता है और यही कारण है की व्यवसायिक रूप से वार्निश विभिन्न शेड में बाज़ारों में बिकते हुए देखी जा सकती है। वार्निश का इस्तेमाल आम तौर पर किसी उत्पाद को तैयार करके किया जाता है इसलिए जब भी वार्निश शब्द आता है तो इसका सीधा सम्बन्ध तैयार उत्पाद से ही लगाया जाता है।
चूँकि वार्निश का अधिकतर इस्तेमाल लकड़ियों से निर्मित उत्पादों या फर्नीचर में किया जाता है इसलिए Varnish Manufacturing Business शुरू करने वाले उद्यमी के फर्नीचर निर्माण करने वाली कम्पनियां एवं व्यक्ति बड़े ग्राहक के तौर पर भूमिका अदा कर सकते हैं।
अच्छी वार्निश की विशेषता
Varnish Manufacturing Business शुरू करने वाले उद्यमी को इसकी विशेषताओं की जानकारी अवश्य होनी चाहिए ताकि वह अच्छी गुणवत्तायुक्त वार्निश उत्पादन करने में सक्षम हो सके। इसकी कुछ प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं।
- वार्निश तेजी से सूखने वाला होना चाहिए।
- जब वार्निश सूख जाय तो इसके बाद इससे एक कठोर फिल्म बननी चाहिए।
- सूखने के बाद इसे टूटना नहीं चाहिए बल्कि इसमें पर्याप्त लचीलापन होना आवश्यक है।
- वार्निश टिकाऊ होने के साथ साथ मौसम प्रतिरोधी भी होनी चाहिए।
- इसमें एक समान एवं मनभावन उपस्थिति देने का गुण होना चाहिए।
- Varnish manufacturing इस तरह से की जानी चाहिए की इससे आंतरिक सतह का प्राकृतिक ग्रेन छुपे नहीं।
- वार्निश का रंग समय के साथ फीका नहीं पड़ना चाहिए।
वार्निश की बिक्री संभावना (Market Potential of Varnish Manufacturing):
वार्निश की यदि हम बात करें तो यह लकड़ी की सतहों, चित्रों और विभिन्न सजावटी वस्तुओं को एक सुरक्षात्मक कोटिंग प्रदान करने में सहायक होते हैं। वार्निश लकड़ी के फर्श, इंटीरियर वुड पैनलिंग, ट्रिम और फर्नीचर की सतह की सुरक्षा के साथ साथ उसकी उपस्थिति को भी बढाता है। प्राकृतिक वार्निश की यदि हम बात करें तो इन्हें रेजिन को गर्म करके और इनमें प्राकृतिक तेल जैसे अलसी का तेल मिलाकर इन्हें उपयुक्त चिपचिपाहट में पकाया जाता था, और फिर इस मिश्रण को तारपीन के तेल से पतला किया जाता था।
वर्तमान में वार्निश की मार्किट का आकलन पेन्ट के साथ ही जोड़कर किया जाता है और भारतीय पेन्ट एवं वार्निश उद्योग को दो खण्डों में विभाजित किया जा सकता है। पहला खंड सजावटी यानिकी जब वार्निश का इस्तेमाल सजावट के लिए किया जाता है तो यह सजावटी खंड का हिस्सा होता है और जब वार्निश का इस्तेमाल औद्योगिक रूप से किया जाता है तो यह औद्योगिक खंड का हिस्सा होता है। भारतीय घरेलु मार्किट में इसे 70:30 के अनुपात में विभाजित किया जा सकता है जबकि वैश्विक स्तर पर इसे समान रूप में बाँटा जा सकता है।
इसलिए Varnish Manufacturing Business करने वाले उद्यमी के लिए न सिर्फ घरेलु बाजार के द्वार खुले हैं बल्कि वैश्विक स्तर पर भी उद्यमी अपने उत्पाद को बेच सकता है। भारत में तेजी से हो रहे शहरीकरण और इंफ्रास्ट्रक्चर, रियल एस्टेट एवं ऑटोमोबाइल क्षेत्र की बढती हिस्सेदारी के चलते भी देश में पेन्ट एवं वार्निश की मांग बढती जा रही है। इसी बढती मांग की पूर्ति के लिए Varnish Manufacturing Business शुरू करना लाभकारी हो सकता है।
वार्निश निर्माण बिजनेस कैसे शुरू करें? (How to Start Varnish Manufacturing Business):
Varnish Manufacturing Business शुरू करने के लिए भी उद्यमी को जमीन, लाइसेंस एवं पंजीकरण, मशीनरी एवं उपकरण, कच्चे माल, कुशल श्रमिक इत्यादि की आवश्यकता होती है। यद्यपि इस तरह का व्यवसाय शुरू करने में आने वाली लागत व्यवसाय के आकार पर निर्भर करती है यानिकी कम उत्पादन क्षमता वाला प्लांट स्थापित करने में कम लागत एवं अधिक क्षमता वाला प्लांट स्थापित करने में अधिक लागत आने की संभावना है। तो आइये जानते हैं की कैसे कोई इच्छुक व्यक्ति खुद का Varnish Manufacturing Business शुरू कर सकता है।
1. बिजनेस प्लान बनायें
Varnish Manufacturing Business शुरू करने के लिए बिजनेस प्लान इसलिए जरुरी हो जाता है क्योंकि यह एक ऐसा दस्तावेज होता है जिसमें उद्यमी को अपने व्यवसाय से सम्बंधित सभी जानकारी लिखित रूप में उपलब्ध करानी होती है। इसमें इस व्यवसाय की आकार की योजना से लेकर इसमें आने वाले अनुमानित लागत का ही ब्यौरा नहीं, बल्कि इसके लक्ष्य, उन लक्ष्यों तक पहुँचने की योजना एवं इस व्यवसाय से होने वाली अनुमानित कमाई भी उल्लेखित होती है।
यही कारण है की इस दस्तावेज को किसी भी व्यवसाय का एक रोडमैप कहा जाता है जिसका अनुसरण करते ही व्यवसाय सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ता जाता है। उद्यमी चाहे तो अपनी बिजनेस की योजना के माध्यम से किसी इन्वेस्टर को भी इस व्यवसाय में इन्वेस्ट करने के लिए प्रेरित कर सकता है इसके अलावा बैंक या अन्य वित्तीय संस्थानों से ऋण इत्यादि प्राप्त करने में भी यह दस्तावेज सहायक हो सकता है ।
2. जगह का प्रबंध करें (Land & Building for Varnish Manufacturing)
जहाँ तक जगह एवं बिल्डिंग का सवाल है Varnish Manufacturing Business शुरू करने के लिए भी उद्यमी को न सिर्फ विनिर्माण क्षेत्र के लिए जगह चाहिए। बल्कि इन्वेंटरी, बिजली आपूर्ति उपयोगकर्ताओं, जनरेटर सेटअप इत्यादि के लिए भी जगह की आवश्यकता हो सकती है। इन सबके अलावा उद्यमी को उसी परिसर में एक छोटा सा ऑफिस भी स्थापित करने की आवश्यकता हो सकती है। इस प्रकार से इस व्यवसाय के लिए पूर्ण औदयोगिक सेटअप के लिए उद्यमी को लगभग 700-900 वर्ग फीट जगह की आवश्यकता हो सकती है।
यदि उद्यमी के पास स्वयं की कोई गैर कृषि योग्य भूमि है तो उद्यमी उस भूमि में निर्माण कार्य शुरू कर सकता है अन्यथा किसी ऐसे जगह जहाँ पर सड़क, बिजली, पानी, श्रमिकों की उचित व्यवस्था हो, वहां पर कोई बिल्डिंग किराये पर लेकर भी इस व्यवसाय को शुरू कर सकता है। और Varnish Manufacturing निर्माण प्रक्रिया में इस्तेमाल में लायी जाने वाली मशीनरी को 30hp पॉवर की आवश्यकता हो सकती है।
3. लाइसेंस एवं पंजीकरण प्राप्त करें
लाइसेंस एवं पंजीकरण की बात करें तो सर्वप्रथम उद्यमी को अपने व्यवसाय को वैधानिक स्वरूप देने के लिए प्रोप्राइटरशिप के तौर पर रजिस्टर करना होगा। और उसके बाद उद्यमी को जीएसटी पंजीकरण के लिए भी आवेदन करना होगा, ट्रेड लाइसेंस एवं फैक्ट्री लाइसेंस के लिए स्थानीय प्राधिकरण से संपर्क किया जा सकता है। जबकि कमर्शियल बिजली एवं पानी के कनेक्शन के लिए सम्बंधित विभागों से संपर्क किया जा सकता है और बैंक में चालू खाता खोलने के लिए बैंक से संपर्क किया जा सकता है।
वार्निश का इस्तेमाल अनेकों सरकारी परियोजनाओं में भी होता रहता है इसलिए Varnish Manufacturing Business शुरू करने वाले उद्यमी को चाहिए की वह उद्यम रजिस्ट्रेशन एवं एमएसएमई डाटा बैंक रजिस्ट्रेशन भी कर ले, ताकि उद्यमी के उद्यम को एमएसएमई के तौर पर पहचान मिल सके, और उसे अनेकों सरकारी योजनाओं का फायदा भी मिल सके।
4. मशीनरी एवं कच्चा माल खरीदें (Machinery for Varnish Manufacturing):
Varnish Manufacturing Business में इस्तेमाल में लायी जाने वाली कुछ प्रमुख मशीनरी की लिस्ट निम्नलिखित है।
- मिक्सर वेसल
- स्टोरेज टैंक
- फिलिंग और कैपिंग मशीन
- अन्य उपकरण जैसे पंप, मापक यंत्र इत्यादि
इस व्यवसाय में इस्तेमाल में लाये जाने वाले प्रमुख कच्चे माल की लिस्ट इस प्रकार से है।
- रेजिन
- ड्राइंग आयल
- वोलेटाइल साल्वेंट
- अन्य योजक
- पैकेजिंग सामग्री
मशीनरी एवं कच्चे माल की खरीदारी से पहले विभिन्न सप्लायर से कोटेशन मंगाकर इनका तुलनातमक विश्लेषण कर लें, और उसके बाद ही किसी सप्लायर का चुनाव करें। इन सबके अलावा उद्यमी को Varnish Manufacturing के लिए कुशल मशीन ऑपरेटर, क्वालिटी चेकर, एक वर्क स्टेशन से दुसरे वर्क स्टेशन में सामग्री ले जाने के लिए श्रमिकों, एवं ऑफिस का कार्य निबटाने के लिए एडमिन कम अकाउंट की आवश्यकता हो सकती है। इस प्रकार से कुल मिलाकर उद्यमी को 6-7 कर्मचारी नियुक्त करने की आवश्यकता हो सकती है।
5. वार्निश निर्माण शुरू करें (Start Varnish Manufacturing):
सबसे पहले कच्चा मॉल खरीदकर इन्हें स्टोरेज वेसल में भर दिया जाता है और उसके बाद जितनी आवश्यकता हो उतना कच्चा माल निकालकर मिक्सर वेसल में डाला जाता है । Varnish Manufacturing Process में मिक्सर वेसल विभिन्न कच्चे माल की सामग्री को अच्छी तरह से मिलाता है और इसे उचित समय के लिए उचित तापमान पर गर्म भी करता है ।
जब यह प्रक्रिया पूर्ण हो जाती है तो कच्चा माल वार्निश का रूप ले चूका होता है और उसके बाद वार्निश को ठंडा होने तक इंतजार किया जाता है और फिलिंग मशीन की मदद से कंटेनर में भरकर कैपिंग मशीन की मदद से कंटेनर के ढक्कनों को बंद कर दिया जाता है। उसके बाद यह उत्पाद बिक्री के लिए तैयार हो जाता है।
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