कैरियर टिप्स नामक इस श्रेणी में आज का हमारा विषय वकील बनने या वकालत के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाकर कमाई करने से सम्बंधित है | बचपन से ही हर किसी के मन में पढ़ लिखकर बड़ा होकर बड़ा आदमी या फिर ऐसा ओहदा पाना होता है जिससे भविष्य में वह अपनी आजीविका अर्थात कमाई कर सके |
किसी का सपना डॉक्टर बनकर कमाई करने का होता है तो किसी का सपना वकील बनने का होता है लेकिन अधिकतर स्थितियों में बच्चे एवं माता पिता दोनों इस बात से अंजान रहते हैं की वकील कैसे बना जा सकता है? इसलिए वे अक्सर इन्टरनेट पर (How to Become an Advocate in Hindi) इत्यादि सर्च करते रहते हैं |
आज हम हमारे इस लेख वकील बनने की जानकारी के माध्यम से हम वकील कैसे बनें की सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में देने की कोशिश कर रहे हैं | जिसमे हम इस क्षेत्र से जुड़े सभी बिन्दुओं जैसे LLB एलएलबी क्या होती है? एलएलबी की पढाई कैसे और कब कर सकते हैं? और वकील बनने के बाद अपनी कमाई कैसे कर सकते हैं? इत्यादि बिन्दुओं पर विस्तृत तौर पर जानने की कोशिश करेंगे | चूँकि वकील बनने के लिए LLB की पढाई करनी होती है इसलिए आइये जानते हैं की यह होती क्या है |
एलएलबी क्या है (What is LLB In Hindi):
LLB के फुल फॉर्म की यदि हम बात करें तो यह Legum Baccalaureus होता है जो एक लैटिन शब्द है वैसे साधारण भाषा में LLB का फुल फॉर्म Bachelor of Legislative Law से लगाया जाता है | एलएलबी नामक इस पढाई को कोई भी व्यक्ति इंटरमीडिएट परीक्षा पास करने के बाद कर सकता है और बाद में डिग्री इत्यादि लेने के बाद भी |
यद्यपि हो सकता है की अलग अलग योग्यता के आधार पर आवश्यक अंक, कोर्स में लगने वाले समय इत्यादि में अंतर होता है | एलएलबी में कानून पढ़ाया जाता है, जिससे शुरुआत में पास हुआ व्यक्ति वकील एवं बाद में जज इत्यादि भी बन सकता है |
एलएलबी कोर्स के प्रकार ( Types of LLB Courses):
वकील बनने के लिए LLB करना बेहद जरुरी होता है और एलएलबी यानिकी बैचलर ऑफ़ लॉ के कोर्स की यदि हम बात करें तो यह मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है इन दो प्रकारों के कोर्स में कोर्स में लगने वाले समय एवं पाठ्यक्रम का भी अंतर हो सकता है |
जब कोई विद्यार्थी इंटरमीडिएट परीक्षा पास करके LLB करना चाहता है तो उसे बारहवीं में कुछ निश्चित प्रतिशत अंक लाना जरुरी होता है और उसे BBALLB करने में लगने वाला समय पांच सालों का होता है | दूसरी तरफ जब कोई व्यक्ति अपनी स्नातक अर्थात ग्रेजुएशन की पढाई करके LLB करना चाहता है तो उसे यह कोर्स करने में केवल तीन सालों तक का ही समय लगता है | एलएलबी के लिए आवश्यक योग्यता के बारे में हम संक्षेप में नीचे जानने की कोशिश करेंगे |
एलएलबी कोर्स के लिए योग्यता (Eligibility to become Advocate Hindi):
वकील बनने का सपना भी इंडिया में कम आँखों में पला हुआ नहीं होता है कोई वकील बनने के बाद समाजसेवा करना चाहता है, तो कोई अपराधियों को सजा दिलाने में अपना अहम् योगदान निभाना चाहता है, तो कोई इस अहम् किरदार को निभाकर ढेर सारी कमाई भी करना चाहता है |
एक अधिवक्ता बनने के पीछे लक्ष्य जो भी हों लेकिन सच्चाई यह है की हर कोई वकील नहीं बन सकता क्योंकि LLB की पढाई करने के लिए कुछ शैक्षणिक योग्यता की आवश्यकता होती है जिसका विवरण कुछ इस प्रकार से है |
- अधिवक्ता बनने के इच्छुक विद्यार्थी को इंटरमीडिएट की परीक्षा एक निश्चित अंकों के साथ पास करना जरुरी है |
- कहने का आशय यह है की इंटरमीडिएट के बाद वकील बनने के लिए वर्तमान में विद्यार्थी को बारहवीं की परीक्षा कम से कम पचास प्रतिशत अंको के साथ पास करना जरुरी है | यह समयानुसार अंतरित भी हो सकती है |
- इंटरमीडिएट के बाद वकालत करने में लगने वाला समय पांच सालों का होता है |
- यदि कोई व्यक्ति बारहवीं के बाद भी पढाई करना चाहता है और ग्रेजुएशन के बाद LLB करना चाहता है तो उसे भी ग्रेजुएशन में पचास प्रतिशत अंक लाने जरुरी होते हैं |
- ग्रेजुएशन के बाद वकालत करने में तीन सालों का समय लग सकता है |
वकील कैसे बनें (How to become an advocate in Hindi):
हालांकि हम उपर्युक्त वाक्यों में बता चुके है की वकील बनने के लिए वकालत अर्थात एलएलबी करना बेहद जरुरी है अर्थात अब तक हमारे आदरणीय पाठकगण इस लेख के माध्यम से यह जान चुके हैं की एडवोकेट बनने के लिए कौन सी शैक्षणिक योग्यता की आवश्यकता होती है और LLB करके कोई भी व्यक्ति वकील बन सकता है | आगे हम इसी विषय पर स्टेप बाई स्टेप वार्तलाप करेंगे की यदि कोई विद्यार्थी वकील बनना चाहता है तो उसे कौन कौन से स्टेप अर्थात कदम उठाने पड़ सकते हैं |
1. इंटरमीडिएट पास करें (Pass intermediate)
वकील बनने के इच्छुक विद्यार्थी का सबसे पहला कदम बचपन से ही अच्छी तरह पढाई करने का होना चाहिए ताकि उसे पढाई करते करते फेल होने का मुह न देखना पड़े और वह लगातार अच्छे अंको से पास होता रहे |
ध्यान रहे जब अधिवक्ता बनने का इच्छुक विद्यार्थी इंटरमीडिएट में पहुँच जाये तो उसे अपनी पढाई पर और विशेष ध्यान दे देना चाहिए क्योंकि इसी की बदौलत तय होगा की वह वकील बनने के योग्य होगा की नहीं इसलिए ऐसे विद्यार्थियों को बारहवीं में बहुत अधिक मेहनत की आवश्यकता होती है ताकि वे LLB करने के लिए आवश्यक कम से कम अंकों की सीमा को पार करने में सक्षम हो सकें |
2. एंट्रेंस एग्जाम दें (Give entrance exam to enter into law college):
यदि वकील बनने का इच्छुक विद्यार्थी इंटरमीडिएट में पचास प्रतिशत से अधिक अंको के साथ पास हो गया हो तो Advocate बनने की तरफ उसका अगला कदम लॉ कॉलेज में एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम देने का होना चाहिए |
भारत में इस एंट्रेंस एग्जाम को CLAT (Common law Admission test) के नाम से जाना जाता है | इस टेस्ट को पास करने के बाद ही कोई Law College में दाखिला ले सकता है | कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट नामक इस परीक्षा में बैठने के लिए समबन्धित विद्यार्थी को इंटरमीडिएट में या स्नातक में 50% अंको के साथ पास होना अनिवार्य है |
जहाँ पहले इस एग्जाम में बैठने के लिए अभ्यर्थी की उम्र बीस वर्षों से अधिक नहीं होने का प्रावधान था वर्तमान में बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया ने इस नियम में बदलाव करके उम्र की सीमा को हटा दिया है | यद्यपि अलग अलग लॉ कॉलेजों के आधार पर Eligibility Criteria अलग अलग भी हो सकती है |
3. लॉ की पढाई करें (Study the law):
वकील बनने के इच्छुक विद्यार्थी को टेस्ट पास होने के बाद किसी Law College में एडमिशन लेना होता है ताकि वह क़ानून की पढाई कर सके | इसमें विद्यार्थियों को लगभग सभी सेमेस्टर में पास होना नितांत आवश्यक होता है इनमे से कुछ लॉ कॉलेजों की लिस्ट इस प्रकार से है |
- National Law School of India Universit
- Aligarh Muslim University
- The West Bengal National University of Juridical Sciences
- Amity Law School, Delhi
- New Law College, Bharati Vidyapeeth Deemed University
- Symbiosis Law School
- ILS Law College
- Gujarat National Law University
- Army Institute of Law
- The ICFAI University
- School of Legal Studies, CMR University
4. लॉ की पढाई के बाद इंटर्नशिप करें (Complete internship after study) :
अब यदि विद्यार्थी की लॉ की पढाई पूरी हो गई हो तो अपने ज्ञान को प्रैक्टिकल तौर पर ग्रहण करने के लिए इंटर्नशिप की आवश्यकता होती है | यह इंटर्नशिप कितने समय तक होगी यह सब व्यक्ति के सीखने की स्पीड पर निर्भर करता है अर्थात इसमें वकालत किये हुए व्यक्ति को कोर्ट कचहरी की प्रैक्टिकल नॉलेज लेनी होती है | इसमें कोर्ट की हियरिंग से लेकर दो वकील कोर्ट में वकालत कैसे करते हैं इत्यादि सब कुछ सिखाया जाता है | इसलिए पढाई पूरी करने के बाद इंटर्नशिप करनी बेहद जरुरी होती है |
5. स्टेट बार काउंसिल में पंजीकरण (Register yourself in Bar Council)
इंटर्नशिप पूरी होने के बाद व्यक्ति लगभग वकील बन ही जाता है लेकिन इसके बावजूद उसे एक स्टेप और पूर्ण करना होता है और वह अगला कदम स्टेट बार काउंसिल में अपने आप को नामांकित करने का होता है | इस नामांकन के बाद भी वकील बनने के इच्छुक व्यक्ति को All India bar Examination (AIBE) की एक परीक्षा को पास करना होता है जिसे बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया द्वारा आयोजित किया जाता है | और इस एग्जाम को पास करने के बाद व्यक्ति को प्रैक्टिस करने का सर्टिफिकेट अर्थात प्रमाण पत्र मिल जाता है |
वकील बनकर कैसे होगी कमाई :
हालांकि यह प्रश्न ही गलत है की Advocate बनकर कमाई कैसे होगी क्योंकि मेहनत सिर्फ वकील बनने तक होती है बाकी इंडिया जैसे देश में वकीलों के लिए कमाई करना कोई टेढ़ी खीर नहीं है | खैर देश अपराधमुक्त होकर चलता रहे इसके लिए हमारे देश में संविधान व्याप्त है जिसके दायरे में भारत का हर एक नागरिक आता है, अब जब किसी भी व्यक्ति द्वारा संविधान का उल्लघन किया जाता है तो उसे अपराध की संज्ञा दी जा सकती है |
अपराध और अपराधी की अंतिम मंजिल कोर्ट होती है जहाँ दो वकील आपस में जिरह करके किसी को दोषी एवं निर्दोष साबित करने की कोशिश करते हैं और इसके बदले अपने क्लाइंट से मोटी फीस वसूलते हैं | और यदि वकील बनने के बाद व्यक्ति ने कोई सरकारी या गैर सरकारी संस्थान में नौकरी करना शुरू कर दिया हो तो ऐसे वकीलों को कंपनी या सरकार वेतन देती है |
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