योगर्ट विनिर्माण कैसे शुरू करें। Yogurt Manufacturing Business in India.

Yogurt Manufacturing का मतलब दही बनाने के व्यवसाय से नहीं है यहाँ पर यह स्पष्ट करना इसलिए जरुरी हो जाता है क्योंकि भारत में बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो दही और योगर्ट को एक ही समझ लेते हैं। लेकिन सच्चाई यह है की दही और योगर्ट अलग अलग होते हैं और इनके स्वास्थ्य फायदे और उपयोग भी अलग अलग होते हैं।

हमारा देश भारत सन 1998 से ही दूध और दूध के के उत्पादों की उपलब्धता में लगातार वृद्धि कर रहा है, यही कारण है की वर्तमान में भारत दुनिया भर में डेयरी उत्पादों का प्रमुख उत्पादक और उपभोक्ता दोनों है। भारत एक कृषि प्रधान देश है इसलिए डेयरी से सम्बन्धित गतिविधियाँ रोजगार और आय के बेहद महत्वपूर्ण स्रोतों में से एक है और भारत की ग्रामीण अर्थव्यस्था का यह एक अनिवार्य हिस्सा है।

भारत में गायों की सबसे बड़ी आबादी है लेकिन यहाँ अन्य प्रमुख डेयरी उत्पादक देशों की तुलना में प्रति पशु दूध का उत्पादन काफी कम है। जैसा की हम सब अच्छी तरह से जानते हैं की दूध से निर्मित उत्पादों को डेयरी उत्पाद के रूप में जाना जाता है।

और Yogurt Manufacturing में भी प्रमुख कच्चे माल के तौर पर दूध का ही इस्तेमाल किया जाता है इसलिए यह भी डेयरी उत्पादों में ही शामिल है। डेयरी उत्पाद उर्जा के प्रमुख स्रोत होते हैं गाय, भैंस, भेड़, बकरी इत्यादि पशुधन दूध प्रदान करने के प्रमुख स्रोत हैं।

Yogurt Manufacturing Business
Yogurt Manufacturing

योगर्ट क्या है (What is Yogurt in Hindi): 

योगर्ट एक ऐसा डेयरी उत्पाद है जिसे दूध के बैक्टेरिअल फर्मेंटेशन के माध्यम से बनाया जाता है योगर्ट बनाने में जिस बैक्टीरिया का इस्तेमाल किया जाता है उसे योगर्ट कल्चर कहा जाता है। इन बैक्टीरिया द्वारा लैक्टोज का फर्मेंटेशन लैक्टिक एसिड का उत्पादन करता है। जो मिल्क प्रोटीन पर योगर्ट को टेक्सचर, विशेषता और स्वाद प्रदान करने का कार्य करता है।

आम तौर पर गाय का दूध ही दुनियाभर में आसानी से उपलब्ध हो पाता है इसलिए Yogurt Manufacturing में भी सबसे अधिक इसी का इस्तेमाल किया जाता है। जहाँ स्थानीय तौर पर भैंस, बकरी, ऊँट, भेड़, याक इत्यादि जानवरों का दूध उपलब्ध होता है वहाँ पर योगर्ट बनाने के लिए इनके दूध का भी इस्तेमाल किया जाता है।

इस प्रक्रिया में दूध को समरूप किया भी जा सकता है और नहीं, यहाँ तक की पाश्च्युरीकृत दूध का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। अलग अलग प्रकार का दूध इस प्रक्रिया में अलग अलग परिणाम देता है।

योगर्ट के स्वास्थ्य लाभ

Yogurt manufacturing व्यवसाय शुरू करने की सोच रहे इच्छुक उद्यमी के मष्तिष्क में यह सवाल आता है की उसके उत्पाद को कोई क्यों खरीदेगा? इस सवाल का जवाब देने के लिए हमें योगर्ट से होने वाले स्वास्थ्य लाभों के बारे में जानना होगा।

  • एक आंकड़े के मुताबिक एक कटोरी योगर्ट में 300 ग्राम तक कैल्शियम पाया जाता है इसलिए वे लोग जिन्हें लगता है की उनकी मांसपेशियां या हड्डियाँ कमजोर हैं वे आहार में योगर्ट लेना पसंद करते हैं। कुल मिलाकर देखा जाय तो योगर्ट अस्थियों को मजबूत करता है।
  • योगर्ट का सेवन करने वाले लोगों पर किये गए एक हालिया अध्यन ने यह साबित कर दिया है की यदि कोई व्यक्ति स्नैक्स की जगह योगर्ट लेता है तो यह उसकी कैलोरी में कटोती करने में मदद करता है । यह पेट की चर्बी को कम करने में सहायक होता है इस प्रकार से देखें तो यह वजन कम करने में सहायक होता है।
  • योगर्ट की सभी किस्मों में से ग्रीक योगर्ट को स्वास्थ्यप्रद माना जाता है इसमें प्रोटीन और कार्बोहायड्रेट का सही अनुपात होता है। इसलिए इसे वर्कआउट के बाद स्नैक्स के तौर पर खाया जा सकता है यह मांसपेशियों की मरम्मत करने के अलावा आतों की पानी अवशोषण क्षमता में भी सुधार करता है। इसलिए Yogurt Manufacturing करने वाले उद्यमी के ग्राहक के तौर पर जिम जाने वाले नौजवान, किसी भी तरह का वर्कआउट करने वाले लोग भी हो सकते हैं।
  • हाई ब्लड प्रेशर के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार नमक होता है और यदि इसकी अच्छी तरह से निगरानी नहीं की जाती है तो यह अनेकों गंभीर बीमारी जैसे गुर्दे की बीमारी इत्यादि का कारण हो सकती हैं । योगर्ट में मौजूद पोटेशियम शरीर से सोडियम की अधिकता को दूर करने में मदद करता है जिससे हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित किया जा सकता है।
  • योगर्ट में प्रोबायोटिक्स होते हैं जो प्रतिरक्षा सिस्टम को मजबूत करते हैं इससे शरीर को जल्दी से बीमारियाँ पकड़ नहीं पाती हैं। कहने का आशय यह है की यह इम्युनिटी बनाने में मददगार साबित होता है।
  • इसके अलावा इसमें जिंक और अन्य सामग्री भी होती है जो एक अच्छे स्वास्थ्य के लिए बेहद जरुरी होती है।  

Yogurt Manufacturing में मार्किट संभावनाएँ

Yogurt Manufacturing में इस्तेमाल में लाये जाने वाले कच्चे माल जैसे दूध, योगर्ट कल्चर की आसान उपलब्धता के कारण वर्ष 2023 तक इस उद्योग की 20% CAGR की दर से बढ़ने की उम्मीद है। वैसे देखा जाय तो भारतीय बाजार में दही का सेवन प्राचीनकाल से ही होता आ रहा है लेकिन योगर्ट दही की तुलना में भारतीय बाजार के लिए एक नया शब्द है। योगर्ट में प्री-बायोटिक बैक्टीरिया की उपस्थिति होने के कारण इसे पेट और पाचन तंत्र के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है।

इसलिए यह कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने में सक्षम है। जैसे जैसे योगर्ट से जुड़े स्वास्थ्य लाभों के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ रही है वैसे वैसे बच्चों और नवजवानों के बीच यह काफी लोकप्रिय हो रहा है। इसलिए आने वाले समय में इसके बाजार में मजबूत वृद्धि होने की संभावना है। इसके अलावा भारत में फ्लेवर्ड योगर्ट की बढती मांग भी इसके बाजार के विकास में सहायक सिद्ध हो रही है।

लोगों की बढती डिस्पोजेबल आय, बीमारियों के बारे में बढती जागरूकता, नए उत्पादों की शुरुआत, फिटनेस के प्रति बढ़ते जूनून इत्यादि कारकों को योगर्ट के बाजार के विकास के लिए जिम्मेदार माना जा सकता है।

योगर्ट विनिर्माण कैसे शुरू करें (How to Start a Yogurt Manufacturing Business):

यद्यपि बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो अपने स्वयं की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए योगर्ट का निर्माण अपनी रसोई में भी कर लेते हैं। लेकिन यदि आप व्यवसायिक दृष्टिकोण से Yogurt Manufacturing करना चाहते हैं तो आपको इस व्यवसाय को भी वैसे ही शुरू करना होगा जैसे की कोई अन्य विनिर्माण बिजनेस शुरू होता है।

अर्थात इस तरह का यह व्यवसाय शुरू करने के लिए भी आपको जमीन और बिल्डिंग का प्रबंध, वित्त का प्रबंध, मशीनरी और उपकरणों की खरीदारी, कच्चे माल की खरीदारी, कर्मचारियों की नियुक्ति, व्यवसाय को प्रमोट करना इत्यादि जैसी कई गतिविधियों से होकर गुजरने की आवश्यकता हो सकती है।

1. जमीन और बिल्डिंग का प्रबंध

Yogurt Manufacturing Plant शुरू करने के लिए उद्यमी चाहे तो किसी सस्ती जगह जहाँ पर सड़क, बिजली, पानी, श्रमिकों इत्यादि की उचित व्यवस्था हो पर कोई बनी बनाई बिल्डिंग किराये पर ले सकता है। लेकिन बिल्डिंग किराये पर लेते समय उद्यमी को इस बात का ध्यान रखना होगा की उसकी व्यवसायिक गतिविधियाँ करने के लिए उस बिल्डिंग में पूर्ण जगह हो।

क्योंकि उद्यमी को विनिर्माण स्थल के लिए जगह, कच्चे माल को स्टोर करने के लिए जगह, उत्पादित माल को स्टोर करने के लिए जगह, बिजली उपयोगिताओं के लिए जगह, छोटा सा ऑफिस स्थापित करने के लिए जगह की आवश्यकता होती है। इस प्रकार से देखें तो उद्यमी को 600-800 वर्ग फीट जगह की आवश्यकता हो सकती है।    

2. योगर्ट बिजनेस के लिए वित्त का प्रबंध करें

अब यदि उद्यमी ने अपने Yogurt Manufacturing बिजनेस को शुरू करने के लिए बिल्डिंग इत्यादि का प्रबंध कर लिया हो तो अब अगला कदम उद्यमी का वित्त का प्रबंध करने का होना चाहिए। यह बात सच है की कोई भी व्यक्ति जो खुद का व्यवसाय शुरू करता है वह अपने स्वयं के पैसों से व्यवसाय को कम ही शुरू कर पाता है कहने का आशय यह है की उसे औपचारिक एवं अनौपचारिक स्रोतों से वित्त का प्रबंध करने की आवश्यकता होती है।

वित्त का प्रबंध करने से पहले Yogurt Manufacturing शुरू कर रहे उद्यमी को उसके व्यवसाय में आने वाली कुचल अनुमानित लागत जिसमें स्थिर एवं कार्यशील लागत दोनों शामिल हैं को जानना अत्यंत आवश्यक है। इसलिए उद्यमी चाहे तो वित्त का प्रबंध करने से पहले एक प्रभावी बिजनेस प्लान या व्यवहारिक प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर सकता है।

अनौपचारिक स्रोतों में, दोस्तों, रिश्तेदारों, पारिवारिक सदस्यों इत्यादि से ऋण लेना शामिल है तो वहीँ औपचारिक स्रोतों में सरकारी योजनाओं के तहत सब्सिडी ऋण, बैंक ऋण, निवेशक इत्यादि शामिल हैं।      

3. लाइसेंस और पंजीकरण प्राप्त करें

Yogurt Manufacturing Business के लिए उद्यमी को निम्नलिखित लाइसेंस और पंजीकरणों की आवश्यकता हो सकती है।

  • उद्यमी को अपने व्यवसाय को प्रोप्राइटरशिप या वन पर्सन कंपनी के तहत रजिस्टर करना पड़ सकता है।
  • व्यवसाय के नाम से पैन, बैंक में चालू खाता और जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराने की आवश्यकता हो सकती है।
  • स्थानीय प्राधिकरण से ट्रेड लाइसेंस या फैक्ट्री लाइसेंस की आवश्यकता हो सकती है।
  • उद्यमी को एफएसएसएआई रजिस्ट्रेशन करने की जरुरत हो सकती है।
  • स्वयं का ब्रांड स्थापित करने और उसकी सुरक्षा के लिए ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन भी करना पड़ सकता है।
  • यदि उद्यमी एमएसएमई सेक्टर के लिए शुरू की गई योजनाओं का लाभ लेना चाहता है तो उसे उद्यम रजिस्ट्रेशन की भी आवश्यकता होगी ।    

4. मशीनरी और कच्चा माल खरीदें

Yogurt Manufacturing Process में इस्तेमाल में लायी जाने वाली मशीनरी और उपकरणों की लिस्ट कुछ इस प्रकार से है।

  • बैच पास्च्युरिकृत मशीन
  • स्टेनलेस स्टील पम्प
  • पम्प और बैलेंस टैंक के साथ ऑफलाइन क्रीम सेपेरटर
  • मिल्क होमोजनाइजर
  • मिल्क चिलर
  • सीलिंग और फिलिंग मशीन
  • कुलिंग टावर और वाटर पम्प
  • स्टेनलेस स्टील और माइल्ड स्टील की इन्टरकनेक्टिंग पाइपलाइन
  • एयर कंप्रेसर और पाइपलाइन
  • पाउडर कोटेड इलेक्ट्रिकल पैनल
  • इन्क्यूबेशन रूम हीटर सिस्टम
  • इंसुलेशन कोल्ड रूम  

5. योगर्ट का निर्माण शुरू करें (Yogurt Manufacturing Process) 

Yogurt Manufacturing बिजनेस शुरू करने से पहले उद्यमी द्वारा सभी कच्चा माल खरीद लिया जाता है और रिसेप्शन एरिया में दूध को ठंडा किया जाता है। ताकि इसे आगे की प्रक्रिया में बिना ख़राब हुए इस्तेमाल में लाया जा सके उसके बाद दूध को पाश्च्युरीकृत करने की प्रक्रिया को शुरू किया जाता है इस प्रक्रिया में दूध को 80®C से 90®C तक के तापमान पर गरम किया जाता है और फिर इसे 40®C पर ठंडा किया जाता है।

उसके बाद दूध को होमोजनाइजेशन करने की प्रक्रिया को शुरू किया जाता है इसमें ऑफलाइन क्रीम सेपेरटर का इस्तेमाल किया जाता है जो दूध से बसा को हटाने में मदद करता है पाशच्युरिकृत मशीन के साथ ऑनलाइन होमोजनाइजर संग्लग्न होता है।

यह बसा के टुकड़ों को तोड़कर दूध में समरूपता लाता है। उसके बाद पास्च्युरीकृत दूध को विभिन्न टैंक में वितरित किया जाता है उसके बाद दूध को 92®C में गरम किया जाता है और इसमें योगर्ट कल्चर को शामिल किया जाता है। उसके बाद Yogurt Manufacturing की प्रक्रिया में तैयार योगर्ट को पैकिंग सेक्शन में भेज दिया जाता है और इन्क्यूबेशन रूम में इसे मोटा करने के लिए भेजा जाता है उसके बाद इसे ब्लास्ट रूम जहाँ तापमान को 45®C से 20®C कर लिया जाता है पर रखा जाता है।

और Yogurt Manufacturing process में योगर्ट को कोल्ड रूम में ठंडा होने के लिए भेज दिया जाता है आम तौर पर इसे 4®C तापमान पर स्टोर करके रखा जाता है और उसके बाद इसे वितरित किया जाता है।

प्रश्न – योगर्ट निर्माण इकाई के लिए कितनी भूमि चाहिए?

उत्तर – हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है की उद्यमी अपने इकाई का आकार और उत्पादन क्षमता कितनी रखना चाहता है। लेकिन एक छोटी इकाई के लिए 600-800 वर्गफीट जगह उपयुक्त है।

प्रश्न – क्या इस बिजनेस के लिए FSSAI लाइसेंस जरुरी है?

उत्तर – चूँकि Yogurt Manufacturing खाद्य वस्तु के निर्माण से जुड़ी है, इसलिए इसके लिए FSSAI लाइसेंस अनिवार्य है।

प्रश्न – कच्चा माल और मशीनरी कहाँ से खरीदें?

उत्तर – इस तरह के व्यवसाय के लिए मशीनरी भारत में आसानी से उपलब्ध हैं, जहाँ तक कच्चे माल का सवाल है इसमें प्रमुख कच्चा माल दूध है। जिसे आप किसानों देरी फार्मों से खरीद सकते हैं।

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