Nurse नामक इस शब्द से शायद आप सभी लोग अच्छे ढंग से परिचित होंगे, क्योंकि बीमार व्यक्ति को उसकी बीमारी से उबारने में इनकी बड़ी अहम भूमिका होती है | लेकिन यह इनका पेशा होता है जिसके बदले इनकी कमाई हो रही होती है | जी हाँ जब बात कमाई करने की आती है तो मनुष्य के दिमाग में दो ही बातें आती हैं की क्या करें? या क्या बनें?
कम उम्र यानिकी विद्यार्थियों के अंतर्मन में क्या बनें? नामक प्रश्न कौंधता है तो ऐसे लोग जो अपनी पढाई पूरी कर चुके हैं उनके अंतर्मन में क्या करें? नामक प्रश्न कौंधता है | इसलिए अब तक हम क्या करें? नामक प्रश्न के जवाब में सैकड़ों लेख लिख चुके हैं |
लेकिन क्या बनें? नामक प्रश्न के जवाब में अभी कुछ ही लेख प्रकाशित हुए हैं | इसी सिलसिले को आगे जारी रखते हुए आज हम Nurse कैसे बनें? नामक विषय पर विस्तारित रूप से जानकारी देने वाले हैं |
भले ही Nursing की सेवा प्रदान करके नर्सों की कमाई हो रही हो, लेकिन इस व्यवसाय को मानव की भलाई से जुड़े हुए व्यवसाय के रूप में जाना जाता है इसलिए इस पेशे में अपना कैरियर बनाने वाले लोगों में दूसरों की सेवा करने की भावना होना भी बेहद जरुरी है |
कहने का अभिप्राय यह है की जिन लोगों में दूसरों की सेवा की भावना व्यापत होगी उन लोगों को एक सफल Nurse बनने में अधिक समय नहीं लगेगा | चूँकि वर्तमान में यह पेशा कमाई करने का एक अच्छा स्रोत माना जाता है इसलिए इसमें कैरियर बनाने की चाह रखने वाले विद्यार्थियों की भी कमी नहीं है | इससे पहले की हम नर्स कैसे बनें विषय को विस्तारित करें आइये जानते हैं नर्स कहते किसे हैं |
कौन होते हैं Nurse?
अस्पताल एवं स्वास्थ्य केन्द्रों से मनुष्य का गहरा सम्बन्ध है क्योंकि ये ऐसी जगहें हैं जहाँ जीवधारी जिन्दगी की एवं अपने शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से निजात पाने की आस में जाता है | इन जगहों पर मरीज की शारीरिक एवं मानसिक पीड़ा को दूर करने के लिए अनेकों व्यवसायिक लोग उपलब्ध होते हैं | इनमे डॉक्टर प्रमुख हैं |
चूँकि डॉक्टर का काम मरीज का ईलाज करने का होता है इसलिए ईलाज या ऑपरेशन के पश्चात् मरीज को देखभाल जैसे दवाइयां समय पर लेना, खानपान का ध्यान, डॉक्टर की अनुपस्थिति में फर्स्ट ऐड इत्यादि की आवश्यकता होती है जिनकी पूरी जिम्मेदारी Nurse के कन्धों पर होती है | अर्थात जिस प्रकार डॉक्टर का काम मरीज का ईलाज या ऑपरेशन इत्यादि करने का होता है ठीक उसी प्रकार एक Nurse का काम अस्पताल में या मरीज के घर में उसकी देखभाल करने का होता है |
अस्पताल में जहाँ ये नौकरी पर रहते हुए यह सब करते हैं वहीँ किसी मरीज के परिवार द्वारा घर में नियुक्त किये जाने पर ये अतिरिक्त चार्ज कर सकते हैं | कहने का अभिप्राय यह है की किसी स्वास्थ्य संस्थान या अस्पताल में उपलब्ध मरीजों की देखभाल करने की जिम्मेदारी जिन लोगों के कंधो पर होती है उन्हें Nurse कहा जाता है |
नर्स कैसे बनें? (Steps to become a nurse in India in Hindi):
हालांकि जब भी हमारे कानों में Nurse शब्द टकराता है तो हम इसी बात से अंदाज़ा लगा देते हैं की वह कोई लड़की होगी | कहने का अभिप्राय यह है की अधिकतर लोगों का मानना होता है की Nurse केवल लड़कियां ही बन सकती हैं जबकि यह सच्चाई नहीं हैं | सच्चाई यह है की Nursing Course कोई भी कर सकता है अर्थात स्त्री पुरुष दोनों कर सकते हैं इसलिए Nurse भी दोनों बन सकते हैं |
लेकिन दूसरी तरफ इस सच्चाई से भी मुहं नहीं मोड़ा जा सकता की महिलाएं पुरुषों के मुकाबले किसी मरीज का अच्छे से ध्यान रख सकती हैं इसलिए इस क्षेत्र में महिलाओं का बोलबाला है | लेकिन चाहे स्त्री हो या पुरुष अपनी कमाई करने के लिए दोनों इस क्षेत्र में अपना कैरियर बना सकते हैं | तो आइये जानते हैं Nurse बनने के लिए किसी विद्यार्थी को क्या क्या प्रक्रियाएं करनी पड़ेगीं |
Nurse बनने की दिशा में जो सबसे पहला कदम होता है वह होता है Nursing Course के चुनाव करने का, क्योंकि इस क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए डिग्री, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट एवं अंडर ग्रेजुएट कोर्स उपलब्ध हैं | इसलिए नर्स बनने के इच्छुक विद्यार्थी को सर्वप्रथम कोर्स का चयन करना होता है | भारतीय नर्सिंग काउंसिल द्वारा स्नातक स्तर के लिए B.SC. Nursing एवं डिप्लोमा स्तर के लिए General Nursing and midwifery (GNM), Auxiliary Nursing and Midwifery (ANM) कोर्स स्वीकृत किये हुए हैं |
1. बीएससी नर्सिंग (BSc. Nursing Course):
बीएससी नर्सिंग नामक यह कोर्स चार साल की अवधि का होता है इस तरह का यह कोर्स अथवा पाठ्यक्रम स्वास्थ्य की देखभाल, प्रचार एवं बहाली को ध्यान में रखकर बनाया गया है |
भारत में इस तरह का यह पाठ्यक्रम भारतीय नर्सिंग काउंसिल द्वारा पंजीकृत एवं नियंत्रित होता है | B.Sc. Nursing Course करने के इच्छुक विद्यार्थी को बारहवीं फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी एवं इंग्लिश विषयों के साथ कम से कम 45% अंकों के साथ पास होना बेहद जरुरी है | योग्य एवं इच्छुक उम्मीदवारों को कॉलेज की तरफ से आयोजित एंट्रेंस टेस्ट भी पास करना अनिवार्य है |
2. जीएनएम (General Nursing and midwifery Course):
जीएनएम नामक यह कोर्स लगभग 3.5 साल का एक डिप्लोमा कोर्स है हालांकि इस व्यवसायिक पाठ्यक्रम को पूर्ण करने में तीन सालों तक का समय लग सकता है लेकिन चूँकि पाठ्यक्रम के बाद छह महीने की Internship भी अनिवार्य है इसलिए इसमें 3.5 सालों का समय लगता है |
इस पाठ्यक्रम से जुड़ने के लिए विद्यार्थी को बारहवीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी विषयों के साथ कम से कम 40% अंकों के साथ पास होना नितांत आवश्यक है | हालांकि कला संकाय से बारहवीं पास करने वाले छात्र भी इस पाठ्यक्रम से जुड़ सकते हैं लेकिन उनके लिए अंकों की सीमा अधिक हो सकती है सामान्यत: यह 50-55% हो सकती है इस पाठ्यक्रम से जुड़ने के लिए उमीदवार की उम्र कम से कम 17 वर्ष एवं अधिक से अधिक 35 वर्ष होनी चाहिए |
3. एएनएम (Auxiliary Nursing and Midwifery Course):
यह भी एक डिप्लोमा पाठ्यक्रम ही है जिसे आम तौर पर ANM Course के तौर पर जाना जाता है | इस कोर्स की पूर्ण होने की अवधि दो वर्ष निर्धारित की गई है | हालांकि कुछ शिक्षण संस्थानों में यह डेढ़ साल का भी हो सकता है |
इस कोर्स में आम तौर पर पहला शैक्षणिक चरण 1 साल एवं दूसरा चरण छह महीने का होता है और छह महीने की Internship अनिवार्य होती है | इसमें भी 17-35 वर्ष के व्यक्ति इस पाठ्यक्रम से जुड़ सकते हैं | यह कोर्स करने के इच्छुक उम्मीदवार को भी 10+2 एक निर्धारित अंकों के साथ पास होना अनिवार्य है हालांकि निर्धारित अंक संस्थान के आधार पर अंतरित हो सकते हैं |
उपर्युक्त तीन पाठ्यक्रमों के अलावा Nurse बनने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए Post Basic B. Sc. Nursing और M. Sc. Nursing इत्यादि कोर्स भी स्वीकृत हैं इसलिए नर्स बनने के इच्छुक लोगों को सबसे पहले कोर्स का चयन करना चाहिए की वह कौन सा कोर्स करने के योग्य अपने आप को पाते हैं |
2. अपनी योग्यता का आकलन करें (Check Eligibility Criteria):
उपर्युक्त वाक्यों में हमने जिन पाठ्यक्रमों का जिक्र किया है उन सब पाठ्यक्रमों से जुड़ने के लिए कुछ न कुछ योग्यता अनिवार्य है | इसलिए अब Nurse बनने की चाह रखने वाले व्यक्ति को अपनी योग्यता का उपर्युक्त दी गई योग्यता से तुलनात्मक विश्लेषण करना चाहिए ताकि वह उसी आधार पर कोर्स का चयन करके Nurse बनने के लिए आगे बढ़ सके |
3. एंट्रेंस एग्जाम के लिए अप्लाई करें
अब यदि Nurse बनने का इच्छुक व्यक्ति अपनी योग्यता का आकलन कर चूका है और वह अपने आपको इस योग्य मानता है की वह नर्स बन सकता है तो अब उसका अगला कदम Nursing Entrance Exam के लिए अप्लाई करने का होना चाहिए | भारतवर्ष में बहुत सारे निजी एवं सरकारी मेडिकल कॉलेज इस तरह का एंट्रेंस एग्जाम आयोजित कराते हैं आम तौर पर प्रत्येक वर्ष जून से अगस्त में इस तरह के कोर्स करने के लिए आवेदन मांगे जाते हैं |
और अधिकतर मेडिकल एवं नर्सिंग कॉलेज अपनी वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन मांगते हैं | लेकिन ध्यान रहे की इन शिक्षण संस्थानों में हर वर्ष सीमित सीटें उपलब्ध होती हैं जो Nursing Entrance Exam में अव्वल आने वाले विद्यार्थियों एवं बारहवीं में अच्छे अंकों से पास होने वाले विद्यार्थियों को पहले मिलती हैं |
इसलिए Nurse बनने के इच्छुक विद्यार्थियों को Nursing Entrance Exam में बेहतर प्रदर्शन करने की पुरजोर कोशिश करनी चाहिए | ताकि विद्यार्थी समबन्धित नर्सिंग कॉलेज या मेडिकल कॉलेज में अपना एडमिशन सुनिश्चित कर सके |
4. नर्सिंग कोर्स पूरा करें (complete Nursing course and internship):
अब यदि Nurse बनने के इच्छुक विद्यार्थी ने Nursing Entrance Exam में बेहतर प्रदर्शन करके अपना एडमिशन सुनिश्चित कर लिया हो तो अब उसे कड़ी मेहनत एवं पढाई पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होगी | विद्यार्थी ने अपनी योग्यता एवं सामर्थ्य के मुताबिक जिस भी Nursing course का चुनाव किया हुआ हो अब बारी उस कोर्स को पूर्ण करने की है और बेहतर प्रदर्शन करके पास होने की है | ध्यान रहे Nursing के हर कोर्स के बाद Internship करना अनिवार्य है इसलिए व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए इसे अवश्य करें |
5. अपने आपको राज्य नर्सिंग काउंसिल में पंजीकृत करें:
यद्यपि उपर्युक्त कोर्स एवं व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त कर लेने के बाद विद्यार्थी Nurse तो बन जाता है लेकिन Registered Nurse बनने के लिए उसे एक कदम और आगे बढाने की आवश्यकता होती है | इसके लिए अब नर्स को सम्बंधित राज्य की नर्सिंग काउंसिल में अपने आपको रजिस्टर करना होता है |
कुछ राज्यों में इस प्रक्रिया को ऑफलाइन अंजाम दिया जा सकता है तो कुछ राज्यों में यह प्रक्रिया करने की ऑनलाइन सुविधा भी दी गई है | इसमें अलग अलग पाठ्यक्रम पूरा करके Nurse बने लोगों को अलग अलग श्रेणी के अंतर्गत अपने आपको रजिस्टर कराना होता है जिसका संक्षिप्त वर्णन कुछ इस प्रकार से है |
- GNM Course पूर्ण करके बने नर्स को अपने आपको RGNM के अंतर्गत रजिस्टर कराना होता है |
- ANM Course पूर्ण करके बने नर्स को अपने आपको RANM के अंतर्गत रजिस्टर कराना होता है |
- Post basic Nursing course पूरा कर चुके लोग अपने आपको RPBN के अंतर्गत रजिस्टर कर सकते हैं |
- BSc. Nursing पूरा कर चुके लोग अपने आपको RN के तौर पर रजिस्टर कर सकते हैं |
उपर्युक्त प्रक्रियाओं एवं कड़ी मेहनत के बाद विद्यार्थी Registered Nurse तो बन जाता है लेकिन इसके बाद भी कमाई करने के लिए उसका संघर्ष जारी रहता है | तो आइये जानते हैं की Nursing के बाद कमाई करने के लिए क्या क्या किया जा सकता है |
Nurse बनने के बाद कमाई:
सफलतापूर्वक Nursing course कर लेने के बाद या Nurse बन जाने के बाद व्यक्ति के पास बिज़नेस करने की तुलना में नौकरी करके कमाई करने के विकल्प अधिक रहते हैं | यहाँ नीचे हम कुछ ऐसे ही संस्थान की लिस्ट दे रहे हैं जिनमें Registered Nurse की नितांत आवश्यकता होती है |
- निजी अस्पताल
- सरकारी अस्पताल
- निजी क्लिनिक
- सरकारी क्लिनिक
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
- घरेलू स्तर पर स्थापित स्वास्थ्य इकाइयाँ
इन सबके अलावा Nursing course करने के बाद लोग Nurse, Chief nurse, Assistant Nurse इत्यादि पदों पर कार्य करके कमाई कर सकते हैं |
उत्तर – नहीं स्त्री पुरुष दोनों में से कोई भी Nursing Course करके नर्स बन सकता है, लेकिन इतना जरुर है की इस प्रोफेसन में लड़कियों का बोलबाला है |
उत्तर – इसमें अलग अलग कोर्स BSC Nursing चार सालों का , GNM 3.5 सालों का और ANM Course 1.5 साल का होता है|
उत्तर – जी हाँ अलग अलग Nursing Institute एंट्रेंस एग्जाम आयोजित कराते हैं और उसमें आए परिणामों के आधार पर ही एडमिशन देते हैं|
उत्तर – नर्स का कोर्स पूर्ण करने के बाद सम्बंधित राज्य की नर्सिंग काउंसिल में रजिस्टर होने के लिए आवेदन करने की आवश्यकता होती है|
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