यद्यपि लोग अपने दैनिक जीवन में Business Model नामक ये दो शब्द अक्सर सुनते हैं और सामान्य बोलचाल में इनका इस्तेमाल भी करते हैं । लेकिन इसका अर्थ शायद सही से कुछ ही लोग जानते होंगे। उद्यमी का बिजनेस निवेशकों एवं लाइसेंस के लिए तो तैयार हो सकता है लेकिन यदि उसके पास कोई बिजनेस मॉडल ही नहीं तो समझो की कुछ भी नहीं है।
जाहिर है की उद्यमी को यह बताने की आवश्यकता होती है की उसके द्वारा उत्पादित किया जाने वाला उत्पाद या सेवा लोगों की कैसे मदद करेगा और वह इस उत्पाद या सेवा को प्रदान करके ग्राहकों के जीवन में वैल्यू जोड़ने का काम कैसे करेगा। इन्हीं सब प्रश्नों का उत्तर पाने के लिए उद्यमी को अपने व्यापार के लिए Business Model की आवश्यकता होती है।
जहाँ तक इसको समझने की बात है इस बारे में विद्वानों का मत है की अधिकतर लोग इसे जानते तो हैं लेकिन इसका सही से वर्णन नहीं कर पाते हैं। इसलिए आज हम हमारे इस लेख के माध्यम से इस बारे में विस्तार से जानने का प्रयत्न कर रहे हैं।
बिजनेस मॉडल क्या है (What is Business Model)
Business Model के बारे में जानने की उत्सुकता रखने वाले लोगों को बता देना चाहेंगे की पिछले कुछ वर्षों में इसकी अवधारणा में काफी बदलाव देखे गए हैं । वर्तमान में एक बिजनेस मॉडल ग्राहकों एवं उपयोगकर्ताओं की शुद्ध आवश्यकताओं को संदर्भित करता है। आज हम इस परिदृश्य में अनेक ऐसी चीजें होते हुए देखते हैं जो हमें आश्चर्य में डाल सकती हैं । जैसे यह कैसे हो सकता है की जो सबसे बड़ी निजी परिवहन कंपनी है उसके पास अपने एक भी वाहन नहीं है? ।
और यह भी कैसे हो सकता है की जो सबसे बड़ी आवास कंपनी है उसके पास अपना एक भी होटल नहीं है? । क्या यह हो सकता है या यह मात्र एक कल्पना है। जी नहीं यह कल्पना नहीं है यह सत्य है और यह पहले हुआ भी है और आगे हो भी सकता है। क्योंकि Business Model में इनोवेशन के प्रवेश ने कम्पनियों, क्लाइंट एवं सोसाइटी के लिए वैल्यू क्रिएट की है और पुराने मॉडल को पूरी तरह रिप्लेस किया है।
इसलिए एक विद्वान ने बिजनेस मॉडल को परिभाषित करते हुए लिखा है की “बिजनेस मॉडल किसी संगठन के उस मूल कारण को दर्शाता है जिसकी बदौलत संगठन अपने ग्राहकों के लिए वैल्यू क्रिएट करता है, डिलीवर करता है और इस वैल्यू को कैप्चर करता है”। साधारण शब्दों में एक व्यापारिक मॉडल उद्यमी को उसके ग्राहक कौन हैं? वह ग्राहकों को क्या वैल्यू प्रदान करना चाहता है? और यह वैल्यू वह ग्राहकों को उचित मूल्य पर कैसे प्रदान करेगा? इत्यादि प्रश्नों का उत्तर देता है।
बिजनेस मॉडल के प्रमुख तत्व (Elements of Business Model in Hindi)
किसी भी बिजनेस के लिए एक Business Model यह सुनिश्चित करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है की इसे ठीक से स्थापित एवं संचालित किया जा सके। इसलिए बिजनेस योजना का यह एक बेहद महत्वूर्ण अवयव होता है और इसकी उपयोगिता तब और बढ़ जाती है जब उद्यमी अपने व्यापार के लिए निवेशक खोज रहा होता है। यहाँ पर हम नीचे बिजनेस मॉडल के कुछ प्रमुख तत्वों के बारे में बता रहे हैं।
1. वैल्यू प्रोपोजिशन
यह तत्व इस बात का वर्णन करता है की कैसे एक कंपनी का उत्पाद या सेवा किसी ग्राहक की जरुरत को कैसे पूर्ण करेगी। और कोई ग्राहक कंपनी के उत्पाद या सेवा को क्यों खरीदेगा। उदाहरणार्थ: एक सफल वैल्यू प्रोपोजिशन में पर्सनलाइजेशन, कस्टमाइजेशन, प्रोडक्ट सर्च की कमी, कीमत सर्च लागत और प्रोडक्ट डिलीवरी के साथ लेनदेन की सुविधा इत्यादि शामिल होने चाहिए।
2. रेवेन्यु मॉडल
रेवेन्यु मॉडल नामक Business Model का यह तत्व इस बात का वर्णन करता है की एक कंपनी अपने उत्पाद या सेवा बेचकर पैसा कैसे कमाएगी । जैसा की हम सबको अच्छी तरह पता है की एक बिजनेस का आय अर्जित करना और निवेश की गई पूँजी पर बेहतर रिटर्न पाना प्राथमिक उद्देश्य होता है। उदाहरण के लिए ई कॉमर्स कम्पनियाँ एडवरटाइजिंग रेवेन्यु मॉडल, subscrpition रेवेन्यु मॉडल, ट्रांजेक्शन फी रेवेन्यु मॉडल, सेल्स रेवेन्यु मॉडल एवं एफिलिएट रेवेन्यु मॉडल के माध्यम से पैसे कमाती है।
3. मार्किट में अवसर
बिजनेस मॉडल का यह तत्व इस बात का वर्णन करता है की कंपनी अपने उत्पाद या सेवा को किस स्थान पर बेचने का इरादा रखती है। और उस स्थान या मार्किट का आकार क्या है। आम तौर पर यह कंपनी के इच्छित मार्किट एवं उस मार्किट में उपलब्ध वित्तीय अवसर इत्यादि का अवलोकन करता है।
4. प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण
Business Model के इस तत्व में प्रतिस्पर्धा का वर्णन किया जाता है। कहने का आशय यह है इसमें उस बाजार एवं स्थान विशेष में समान बिजनेस कर रहे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष प्रतियोगियों का वर्णन किया जाता है। उदाहरण के लिए उद्यमी को समान व्यवसाय कर रहे उद्यमियों के बिजनेस का शुद्ध लाभ, बाजार में उनकी हिस्सेदारी, एवं उनके उत्पाद की कीमत इत्यादि अतिरिक्त बातें पता होनी चाहिए। ताकि उद्यमी अपने बिजनेस को उनसे अलग करके प्रतिस्पर्धात्मक रूप से लाभ अर्जित करने में सक्षम हो।
5. संगठनात्मक विकास Business Model
यह संगठन या कंपनी के अन्दर किस प्रकार के संगठनात्मक ढाँचे को अपनाया जाना चाहिए और इसे कैसे सुचारू रूप से चलाया जा सकता है ताकि बिजनेस से जुड़े सभी कार्य पूरे हो जाएँ। इत्यादि का वर्णन किया जाता है । उदाहरण के लिए किसी कंपनी के अन्दर विभिन्न कार्यों को निष्पादित करने के लिए अलग अलग कौशल एवं योग्यता की आवश्यकता होती है । इसलिए इस बिजनेस मॉडल तत्व के तहत यही वर्णन किया जाता है की आवश्यक कौशल एवं कुशल कर्मचारियों की नियुक्ति कैसे की जाएगी।
बिजनेस मॉडल के कुछ प्रमुख लाभ (Benefits of Business Model)
Business Model के कुछ प्रमुख लाभों की लिस्ट इस प्रकार से है ।
- ध्यान रहे की उद्यमी का बिजनेस मॉडल तब अस्तित्व में आता है जब वह यह तय करता है की उसकी कंपनी ग्राहकों को क्या देने की कोशिश कर रही है। इसलिए उद्यमी की नज़र तो अनेकों मॉडल पर जाएगी लेकिन कुछ बिजनेस के साथ मेल खायेंगे तो कुछ नहीं । उदाहरणार्थ: यदि उद्यमी एक हीरे की दुकान खोलने की सोच रहा है और उस पर फ्रीमियम बिजनेस मॉडल लागू करने का प्रयास कर रहा है। तो अनिवार्य रूप से कहा जा सकता है की उद्यमी का बिजनेस फेल ही होगा। इसलिए उद्यमी को एक ऐसे मॉडल चुनने की आवश्यकता होती है जो उसके मिशन को उसके हिसाब से पूरा करे। इसलिए Business Model का लाभ यह है की यह कंपनी के लक्ष्यों और मूल्यों को पूरा करने में सहायक सिद्ध होता है ।
- बिजनेस मॉडल के माध्यम से उद्यमी अपने पास उपलब्ध संसाधनों को जान पाता है क्योंकि उसे पता रहता है की बिजनेस के लक्ष्यों को पाने के लिए यदि अधिक निवेश की आवश्यकता है और उसके पास कम निवेश है तो उसका बिजनेस असफल हो सकता है। इसलिए उद्यमी मॉडल अपनी क्षमता के अनुसार ही चयन करता है।
- चूँकि बिजनेस मॉडल अपनाते समय उद्यमी को दूरदृष्टि रखनी बेहद जरुरी होती है इसलिए उसे खुद से प्रश्न करने होते हैं। की क्या उसके ग्राहक भविष्य में भी उसकी सेवा या उत्पाद को यूँ ही खरीदते रहेंगे? या फिर बाजार में उसके उत्पाद या सेवा का कोई विकल्प आ सकता है? इस सोच का फायदा यह है की इसके बाद उद्यमी लम्बी अवधि तक चलने वाला ही मॉडल अपनाता है।
- चूँकि समय समय पर मनुष्य की आवश्यकताओं एवं जीवनशैली में बदलाव होते रहते हैं इसलिए जरुरी नहीं है की जो चीज या सेवा मनुष्य को आज चाहिए वह कल भी ऐसे ही चाहिए होगी। और चूँकि Business Model वास्तविकता पर नहीं, अपितु मान्यताओं पर आधारित होते हैं इसलिए यह जरुरी नहीं है की चीजें इनके अनुसार ही चलती रहें। जबकि ऐसा बहुत कम होता है जब मान्यता वास्तविकता का रूप लेती है। इसलिए बिजनेस मॉडल का फायदा यह है की इसे इस तरह से तैयार किया जा सकता है की भविष्य में जरुरत पड़ने पर इसमें आवश्यक बदलाव किए जा सकें।
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