बिजनेस या स्टार्टअप के लिए पैसे जुटाने के 9 बढ़िया तरीके।

किसी भी स्टार्टअप या बिजनेस आईडिया को साकार रूप प्रदान करने के लिए पैसे की आवश्यकता होती है। इसलिए यदि पैसे को बिजनेस की रक्त रेखा कहा जाय, तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। हाल ही में हुए अध्यनों से पता चलता है की, जो स्टार्टअप शुरू किये जाते हैं, उनमें से लगभग 90% से अधिक स्टार्टअप एक वर्ष भी नहीं चल पाते, और एक वर्ष के अन्दर अन्दर ही उन्हें अपना बिजनेस बन्द करना पड़ता है।

और इन स्टार्टअप का बन्द होने का जो मुख्य कारण होता है वह होता है फण्ड की कमी। इस बात से स्पष्ट हो जाता है की किसी बिजनेस आईडिया को एक लाभकारी बिजनेस बनाने तक की यात्रा को सुचारू रूप से आगे बढ़ाने के लिए पैसे नामक ईधन की आवश्यकता होती है। ईधन की कमी हो तो ब्रांड न्यू वाहन भी आगे बढ़ने में असमर्थ होता है। इसी प्रकार यदि स्टार्टअप में फण्ड की कमी हो जाय तो, उसे लाभकारी बिजनेस के रूप में नहीं चलाया जा सकता है।

ऐसे में बहुत सारे उद्यमी जो खुद का स्टार्टअप चला रहे हैं, या फिर खुद का बिजनेस शुरू करने का विचार कर रहे हैं। उनके अंतर्मन में सबसे बड़ा प्रश्न यही रहता है की वे अपने बिजनेस या स्टार्टअप के लिए फण्ड जुटाने के लिए क्या क्या तरीके अपना सकते हैं। यद्यपि उद्यमी को उसके व्यवसाय या स्टार्टअप के लिए अधिक फण्ड की आवश्यकता कब होगी, यह तो व्यवसाय के प्रकार एवं प्रकृति पर निर्भर करता है। लेकिन इतना जरुर है की, किसी भी बिजनेस आईडिया को प्रोफिटेबल बिजनेस बनाने के लिए पैसे रुपी ईधन की आवश्यकता होती ही होती है।

how to raise fund for business

एक स्टार्टअप या बिजनेस शुरू करने के लिए एक अच्छा कमाऊ बिजनेस आईडिया, तीव्र इच्छाशक्ति की आवश्यकता तो होती ही होती है। साथ में इसे अमली जामा पहनाने के लिए फण्ड की भी आवश्यकता होती है। इसलिए यदि आप भी खुद का कोई स्टार्टअप शुरू करने की सोच रहे हैं, या वर्तमान में फण्ड की कमी के चलते स्टार्टअप पर ताला लगाने की सोच रहे हैं। तो उससे पहले यहाँ पर स्टार्टअप के लिए फण्ड जुटाने के लिए दिए जा रहे तरीकों पर भी गौर करें। क्या पता इन तरीकों से फण्ड जुटाने का प्रयास आपके सपने को पूरा कर दे।

1. अपने खुद के पैसों से फंडिंग करें (Self Funding):

कोई भी व्यक्ति जो खुद का स्टार्टअप शुरू करने की सोचता है, तो उसे पता रहता है की शुरू में तो उसे अपनी बचत से ही पैसे लगाने होंगे। क्योंकि जब तक आपके पास एक नवीन बिजनेस आईडिया और फुल प्रूफ प्लान न हो, तब तक बाहर निवेशकों से फंडिंग मिल पाना थोड़ा कठिन ही होता है। इसलिए स्वयं की बचत से स्टार्टअप शुरू करना, किसी भी उद्यमी के लिए बढ़िया एवं अच्छा विकल्प होता है। यदि उद्यमी के पास खुद इतने पैसे नहीं हैं, तो वह अपने पारिवारिक सदस्यों एवं रिश्तेदारों से पैसे लगाने को कह सकता है, क्योंकि अक्सर देखा गया है नाते रिश्तेदार कम ब्याज दर पर भी पैसे उपलब्ध करा देते हैं। 

लेकिन सेल्फ फंडिंग तभी प्रभावी तौर पर उद्यमी की फण्ड सम्बन्धी समस्या को दूर कर पाएगी, जब उद्यमी का स्टार्टअप शुरूआती दौर में हो, और उसे तुलनात्मक रूप से कम फण्ड की आवश्यकता हो। इसके अलावा यदि उद्यमी किसी औपचारिक स्रोत जैसे बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान से ऋण इत्यादि के लिए आवेदन करता है, तो वहां पर भी यह पुछा जाता है की वह अपने स्टार्टअप में खुद के कितने पैसे निवेश कर रहा है।

2. अपने बिजनेस के लिए एंजेल इन्वेस्टर ढूंढें

ऐसे निवेशक जिनके पास पैसों की कोई कमी नहीं है ये व्यक्तिगत व्यक्ति भी हो सकते हैं, और कोई कंपनी या संगठन भी हो सकता है। नए नए कमाऊ बिजनेस आईडिया पर पैसे लगाना, और एक अच्छा रिटर्न प्राप्त करना इनका बिजनेस होता है। यानिकी सरप्लस नकदी वाले व्यक्ति जो स्टार्टअप में निवेश करने के लिए तैयार रहते हैं, उन्हें एंजेल इन्वेस्टर कहा जाता है। इसलिए यदि आपका स्टार्टअप फण्ड की कमी से जूझ रहा है, तो आप उसके लिए कोई एंजेल इन्वेस्टर ढूंढ सकते हैं ।

चूँकि एंजेल इन्वेस्टर द्वारा निवेश किये जाने वाले निवेश पर जोखिम अधिक होता है, इसलिए ये केवल उन्हीं स्टार्टअप में निवेश करते हैं, जो इन्हें लगता है की वह भविष्य में इन्हें अच्छे रिटर्न देगा। भारत में कई प्रसिद्ध एंजेल इन्वेस्टर में मुंबई एंजल्स, इंडियन एंजेल नेटवर्क और हैदराबाद एंजल्स इत्यादि शामिल हैं। इच्छुक उद्यमी इनसे सीधे संपर्क कर सकते हैं।

3. क्राउडफंडिंग के जरिये फण्ड जुटाएँ

क्राउडफंडिंग जैसा की नाम से ही स्पष्ट है भीड़ द्वारा एकत्रित किया गया पैसा। वर्तमान में क्राउडफंडिंग स्टार्टअप के लिए फण्ड जुटाने का एक नया एवं लोकप्रिय तरीका बनता जा रहा है। चूँकि इसमें उद्यमी केवल एक व्यक्ति से नहीं बल्कि एक ही समय में एक से अधिक व्यक्तियों के माध्यम से अपने स्टार्टअप के लिए फण्ड जुटा सकता है। क्राउडफंडिंग क्या है कैसे काम करता है इसकी जानकारी हमने पहले से दी हुई है। 

यदि आप भी अपने स्टार्टअप या बिजनेस के लिए फण्ड जुटाने पर विचार कर रहे हैं, तो वर्तमान में बहुत सारे क्राउडफंडिंग प्लेटफोर्म हैं, जहाँ पर आप अपने बिजनेस और उसकी फंडिंग आवश्यकता को विस्तृत तौर पर लिखकर रजिस्टर कर सकते हैं। हालांकि क्राउडफंडिंग से पैसा मिलना भी इस बात पर निर्भर करता है, की आपका बिजनेस या स्टार्टअप उस प्लेटफोर्म पर उपस्थित लोगों का ध्यान आकर्षित कर पाता है या नहीं।

ऑनलाइन क्राउडफंडिंग प्लेटफोर्म का इस्तेमाल अन्य उद्देश्यों जैसे सामजिक कारणों, दान, आपदा, बीमारी, घटनाओं, राहत इत्यादि के लिए भी किया जाता है। भारत के प्रमुख क्राउडफंडिंग प्लेटफोर्म में किकस्टार्टर, केटो, कैटापूल्ट, फ्यूलएड्रीम, फंडेबल, इंडिगोगो, मिलाप, विशबेरी इत्यादि शामिल हैं।

4. स्टार्टअप के लिए वेंचर कैपिटल ढूंढें

वेंचर कैपिटल आम तौर पर बड़े पैमाने पर ऐसे स्टार्टअप में निवेश करते हैं जो वर्तमान में भी लाभ कमा रहे हों, और भविष्य में उनसे और अधिक लाभ कमाने की उम्मीद की जा सके। वेंचर कैपिटल स्टार्टअप में हिस्सेदारी अर्थात इक्विटी खरीदते हैं, और अक्सर देखा गया है की अधिग्रहण के समय बेहद अधिक लाभ कमा कर उससे बाहर निकलते हैं ।

ऐसे उद्यमी जो पहले से प्रॉफिट वाला स्टार्टअप कर रहे हैं, लेकिन अब अपने स्टार्टअप को विस्तृत करना चाहते हैं, वे फण्ड जुटाने के लिए वेंचर कैपिटल ढूंढ सकते हैं। वेंचर कैपिटलिस्ट कौन होते हैं कैसे काम करते हैं इसके बारे में हमने एक अलग से लेख में बताया हुआ है।

5. सरकारी योजना के तहत बिजनेस लोन प्राप्त करें     

भारत में स्टार्टअप और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा अनेकों योजनाएँ चलाई गई हैं। जिनके तहत जरूरतमंद एवं योग्य लोगों को ऋण प्रदान कराने के लिए हजारों करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। सरकार ने बैंक ऑफ़ आइडियाज एंड इनोवेशन कार्यक्रम के अलावा हजारों करोड़ का स्टार्टअप फण्ड भी हर साल जारी किया है।

कहने का आशय यह है की वर्तमान में भारत सरकार ने बहुत सारी ऐसी ऋण योजनाएँ शुरू की हैं, जिनका उद्देश्य स्टार्टअप उद्यमों, माइक्रो स्माल मीडियम उद्यमों से जुड़े महिला उद्यमियों, अनुसूचित जाति/जनजाति से सम्बंधित उद्यमियों को प्रोत्साहित करना और बढ़ावा देना है। इनमें प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, क्रेडिट गारंटी फण्ड ट्रस्ट इत्यादि शामिल हैं। 

6. बैंक ऋण के लिए आवेदन करें

वैसे देखा जाय तो व्यवसाय या व्यक्तिगत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए जब भी किसी को लोन लेना होता है, तो उसे सबसे आसान एवं प्रभावी तरीका बैंक से लोन लेने का ही लगता है। लेकिन हम सब जानते हैं, की बैंक भी लोन उन्हीं को ऑफर करते हैं, जो उन्हें लगता है की वे उनका लोन समय से वापस कर पाने में समर्थ हैं। और इस समर्थता, असमर्थता का पता बैंक को आवेदनकर्ता के वित्तीय दस्तावेजों के माध्यम से लगता है।

इसलिए यदि आपको लगता है की बैंक आपको ऋण देने के लिए राजी हो जाएँगे, तो आप अपने स्टार्टअप के लिए बैंक से लोन लेकर भी फण्ड जुटा सकते हैं। भारत में उपलब्ध लगभग सभी वाणज्यिक बैंक चाहे वे निजी क्षेत्र के हों या सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न प्रकार के बिजनेस लोन ऑफर कर रहे हैं। 

यह भी देखा गया है की आम तौर पर स्टार्टअप उद्यमों द्वारा अपने फण्ड की कमी को बैंकों से लोन लेकर ही पूरा किया जाता है। क्योंकि बैंकों से लोन लेने को वे प्राथमिकता देते हैं और उन्हें या प्रक्रिया अन्य की तुलना में अधिक सुविधाजनक लगती है

7. NBFCs, MFIs से ऋण प्राप्त करें

जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं की, बैंकों से ऋण प्राप्त करना स्टार्टअप उद्यमों की पहली प्राथमिकता होती है। लेकिन बैंक हर किसी स्टार्टअप को तो ऋण प्रदान करते नहीं है, बल्कि वे सिर्फ पात्र उद्यम को ही ऋण प्रदान करते हैं। ऐसे में यदि आप बैंक से ऋण प्राप्त करने की अर्हता नहीं रखते हैं, तो फिर आप अपने स्टार्टअप के लिए फण्ड कैसे जुटा सकते हैं वही हम बताने जा रहे हैं।

ऐसे उद्यमी जो बैंक से ऋण प्राप्त करने के लिए अर्हता नहीं रखते हैं उनके पास माइक्रोफाइनेंस कम्पनियों, नॉन बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनियों का विकल्प मौजूद है। इस तरह की ये कम्पनियाँ उन लोगों तक वित्तीय सेवाएँ पहुँचाती हैं, जिनकी पहुँच पारम्परिक बैंकिंग तक नहीं है। हालांकि इस तरह की कम्पनियों से बड़े लोन की अपेक्षा नहीं की जा सकती, लेकिन जिनकी आवश्यकताएं सीमित हैं, उनके लिए इस तरह की कम्पनियाँ अच्छा विकल्प हो सकती हैं।      

8. बिजनेस क्रेडिट कार्ड के पूर्ति करें

जब से देश में स्टार्टअप कम्पनियों की संख्या बढ़ रही है, और हर वर्ष सैकड़ों नए स्टार्टअप मूर्त रूप ले रहे हैं। इनकी वित्तीय आवश्यकताओं को देखते हुए बैंकों ने बिजनेस क्रेडिट कार्ड में भी काफी वृद्धि कर दी है। इसलिए ऐसे उद्यमी जिनके पास खुद का बिजनेस क्रेडिट कार्ड बना हुआ है, वे फण्ड की कमी के चलते इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। वे चाहें तो इससे खरीदारी कर सकते हैं, और चाहें तो कुछ प्रतिशत कैश भी निकाल सकते हैं।

लेकिन ध्यान रहे क्रेडिट कार्ड का पेमेंट समय पर करना कभी नहीं भूलें, अन्यथा आपको बहुत अधिक ब्याज दंड के तौर पर चुकता करना पड़ सकता है।    

9. प्रतियोगिता जीतकर फण्ड जुटाएँ  

भारत में भी स्टार्टअप के बीच तरह तरह की प्रतियोगिताएं होती रहती हैं। इनमें कई प्रतियोगिताओं का आयोजन सरकार तो कई प्रतियोगिताओं का आयोजन कुछ स्वतंत्र एजेंसीज कराती हैं। यदि आपको फण्ड की कमी महसूस हो रही है, तो आप अपने स्टार्टअप को विभिन्न प्रतियोगिताओं के लिए रजिस्टर कर सकते हैं। इनमें यदि आप कोई भी एक प्रतियोगिता जीत जाते हैं, तो आपको ईनाम तो मिलता ही है, लेकिन निवेशकों की नजर में भी आपका स्टार्टअप आ सकता है। जिसके कारण आपके स्टार्टअप को ईनाम जीतने से कई बड़ा फायदा हो सकता है।

FAQ/प्रश्नोत्तर

प्रश्न – बिजनेस के लिए पैसा कैसे मिलेगा?

उत्तर – जिस बिजनेस आईडिया के दम पर आप व्यापार करना चाहते हैं, यदि उसमें इनोवेशन और सफल होने की पूरी संभावना है । तो आप बैंक ऋण, क्राउड फंडिंग, नाते रिश्तदारों से अनौपचारिक ऋण लेने के अलावा एंजेल इन्वेस्टर इत्यादि से भी फण्ड जुटाने के लिए संपर्क कर सकते हैं।

प्रश्न – स्टार्टअप के लिए पैसा जुटाने का बेस्ट तरीका कौन सा है?

उत्तर – स्थिति और समय के आधार पर उपर्युक्त दिए गए आठ तरीकों में से कोई भी तरीका बेस्ट हो सकता है।