एक प्रभावी बिजनेस प्लान कैसे बनायें |

बिजनेस प्लान कितना जरुरी होता है, इसका पता उद्यमी को तब लग जाता है, जब बैंक  बिना इसके उद्यमी को लोन देने में असमर्थता प्रकट करते हैं | यदि कोई उद्यमी अपना business स्वयं के पैसे लगाकर  कर रहा हो तो उसको business plan बनाने के लिए कोई बाध्य नहीं करता है | लेकिन यदि यही business उद्यमी चाहता है की वह लोन लेकर करे तो बैंक के अधिकारी जो पहली चीज उससे पूछेंगे वह यह होगी की, क्या उसने अपने बिज़नेस के लिए बिजनेस प्लान बनाया या लिखा है |

उस वक्त यदि उद्यमी के पास उसका बिज़नेस प्लान नहीं हुआ, तो हो सकता है की बैंक उसको Loan देने में अपनी असमर्थता जाहिर कर दे | और वित्त के अभाव में व्यक्ति का बिज़नेस करने का सपना कभी करवट ही न ले पाय |  इस समस्या को दूर करने हेतु, यदि उद्यमी अपने business सम्बंधी लक्ष्यों और कार्यों के बारे में स्पष्ट है, तो वह अपना बिजनेस प्लान खुद भी तैयार कर सकता है | लेकिन यह सब क्रियाएं करने से पहले उद्यमी को यह समझना बेहद जरुरी है, की business plan होता क्या है |

बिजनेस प्लान होता क्या है:

एक विद्वान के अनुसार एक बिजनेस प्लान का अर्थ उस दस्तावेज से लगाया जा सकता है जिसमे business के प्रति निर्धारित लक्ष्यों का संग्रह एवं लेखा जोखा हो | और इसकी उपयोगिता इसलिए है, ताकि उद्यमी भविष्य में इसमें निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति के अनुरूप अपने business का क्रियान्वयन करके लक्ष्यों तक पहुँच सके |

इसके अलावा एक अन्य परिभाषा के अनुसार एक बिजनेस प्लान एक दस्तावेज है, जिसमे क्या बिज़नेस है, उसके लक्ष्य क्या हैं, और क्या वे लक्ष्य प्राप्त किये जाने वाले योग्य हैं, और कितने समय में उद्यमी उन लक्ष्यों तक पहुँच पायेगा इत्यादि का विवरण लिखा हुआ होता है | ध्यान देने योग्य बात यह है की, business plan केवल  बैंक से Loan लेने के लिए ही नहीं, अपितु किसी उद्यमी के आंतरिक उपयोग के लिए भी बहुत उपयोगी है | क्योकि यह वह पैमाना है जिससे उद्यमी यह माप पायेगा, की आज वह  कौन है, और आगे कहाँ तक पहुंचना चाहता है |

बिजनेस प्लान कैसे बनाएँ:

यद्यपि business चलाने के लिए उद्यमी को बहुत सारी गतिविधियां करनी पड़ सकती हैं,  लेकिन business plan बनाने के लिए मुख्य रूप से दो, तर्कसंगत सोचना (Logical thinking) और तर्कसंगत लिखना (Logical writing) | जी हाँ दोस्तों एक अच्छा बिजनेस प्लान बनाने के लिए तार्किक सोचना बेहद जरुरी है, अतार्किक लिखी हुई बातें उद्यमी को और उसके business दोनों को नुकसान पहुँचा सकती हैं |

उदाहरणार्थ: माना किसी वस्तु का बाज़ार में मूल्य 40 रूपये प्रति किलो है, और उद्यमी अपने बिजनेस प्लान में लिख रहा है, की मेरे द्वारा इसी वस्तु का उत्पादन इसी ढंग से करके इसको 90 रूपये प्रति किलो की दर से बेचा जायेगा |और साल में 50 टन उत्पाद बेच के 80 लाख की Kamai हो जाएगी | तो जरा सोचिये यह अतार्किक बात है की नहीं | इस बात को तर्कसंगत बनाने के लिए उद्यमी को यह लिखना चाहिए की, वह बेहतर उत्पादन विधि और मशीनरी का उपयोग करके बेहतर गुणवत्ता का प्रोडक्ट बाज़ार में उपलब्ध कराएगा, तब वह उस उत्पाद को 90 रूपये किलो के हिसाब से बेचेगा |

और एक साल में 50 टन उत्पाद बेच के उसकी 4081500 की kamai होगी | इसलिए प्लान करते वक्त तर्कसंगत आंकड़ों बातों को उल्लेखित करना जरुरी है | ताकि उद्यमी भूल से अपने आपको अँधेरे में न रख पाय |  खैर business plan विभिन्न बिंदुओं जैसे बिज़नेस का विवरण (Description), लक्ष्यों (Goals), Managements, उत्पाद (Products), मार्केटिंग, वित्त (Finance), इत्यादि पर आधारित होता है |

बिजनेस प्लान के अवयव
बिजनेस प्लान के अवयव

कार्यकारी सारांश लिखें (Executive Summary):

Executive Summary किसी भी business plan का प्रथम पेज होता है | इस पेज में उद्यमी को अपने बिजनेस प्लान के अंतर्गत लिखी हुई बातों का सारांश लिखना पड़ता है | वैसे उद्यमी  चाहें तो इसको लिखने का काम अंत में भी कर सकता है  | क्योकि तब  तक उसको पता चल जायेगा की उसके business plan में उसने किन किन बातो को उल्लेखित किया है | इस आधार पर  description, goals, Management, product, Marketing, financial projection को Executive summary में उल्लेखित किया जा सकता है |

विवरण उल्लेखित करें (Description):

सामन्यतः उद्यमियों द्वारा लिखा हुआ  business का विवरण एक पेज में आराम से आ जाता है | इसमें उद्यमी को अपने सम्पूर्ण business का सारांश के तौर पर विवरण देना होता है | इस पेज की कहानी उद्यमी के आज (Present) से शुरू होकर उसके भविष्य के प्रति निश्चित किये गए लक्ष्यों पर खत्म होती है | यह विवरण जहाँ उद्यमी को उसके business के प्रति आश्वस्त  करेगा, वही उद्यमी को एक स्पष्ट तस्वीर भी दिखायेगा | उद्यमी के अलावा जो निवेशक उसके  business में निवेश करेंगे, उनके लिए भी यह description दर्पण का काम करेगी |

बिजनेस के लक्ष्य निर्धारित करें (Goals):

बिजनेस प्लान  में लक्ष्यों (Goals) का निर्धारण करते वक्त यह ध्यान रखना बेहद जरुरी है, की उद्यमी उनका निर्धारण विशष्ट (Specific) रूप में करे | प्रचलित (General) लक्ष्य हो सकता है उद्यमी के business के अनुकूल न हों | और एक ध्यान देने की बात और है की Goals का निर्धारण इस प्रकार किया जाय, की उद्यमी द्वारा भविष्य में इनको आसानी से मापा जा सके |

लक्ष्यों को बिजनेस प्लान का हिस्सा बनांते समय प्रत्येक लक्ष्य के लिए समय सीमा निर्धारित अवश्य करनी चाहिए तभी उन्हें मापने में आसानी होगी |  Plan में अपने लक्ष्यों (Goals) को सम्मिलित करके ही उद्यमी जान पायेगा की उसकी कमाई हो रही है या फिर नुकसान, लक्ष्यों को अल्पकाल एवम दीर्घकाल के लिए निर्धारित किया जा सकता है, और समय समय पर इनका आकलन करके business करने की क्रियाकलापों में बदलाव लाये जा सकते हैं |

प्रबंधन की योजना लिखें (Managements) :

प्रबंधन अर्थात मैनेजमेंट के बारे में लिखते समय उद्यमी को उसके business में कार्यरत  प्रबंधको का विवरण देना होता है | यदि उद्यमी की मंशा किसी प्रबंधक को कार्य पर रखने की नहीं है तो वह प्रबंधक (Management) में अपना विवरण उल्लेखित कर सकता है |  इसमें यह भी उल्लेखित करना जरुरी होता है की भविष्य में उद्यमी को किस Skill की जरुरत पड़ेगी, और वह  उसका प्रबंध कैसे करेगा |

बिजनेस प्लान बनाते समय हर एक प्रबंधकर्ता की लिस्ट बनाई जाती है, और हर एक की व्यवसायिक जीवनी का पूरा विवरण उल्लेखित किया जाता है | हर एक का उद्यमी के business में क्या भूमिका होगी, वह भी पूर्ण रूप से लिखना चाहिए | इसके अलावा उद्यमी चाहें तो प्रत्येक प्रबंधकर्ता से जुडी हुई कोई सकारात्मक व्यवसायिक बात का भी जिक्र इस पेज में कर सकता  है |

उत्पाद के बारे में लिखें (Product):

जो वस्तु या सेवा उद्यमी अपने business के माध्यम से, अपने ग्राहकों को देना चाहता है |  उस सेवा या उत्पाद के बारे में उद्यमी को पूरा विवरण लिखना चाहिए | यदि उत्पाद या सेवा  एक से अधिक है, तो प्रत्येक का अलग अलग पूरा विवरण देना चाहिए |

विपणन की योजना बनाएँ (Marketing):

किसी भी business की सफलता के लिए Marketing बेहद बेहद आवश्यक होती है, इसलिए अब उद्यमी को चाहिए की वह अपने बिजनेस प्लान में अपनी मार्केटिंग रणनीतियो के बारे में लिखे | ताकि उसके उत्पाद के बारे में लोगो को पता लग सके, और वो उसको जानकर खरीद सकें | उद्यमी ने अपने आंशिक ग्राहकों तक पहुचने हेतु किन किन तत्वो को समिल्लित किया है |

जैसे ऑनलाइन मार्केटिंग, बैनर मारकेटिंग इत्यादि का विवरण भी Marketing Strategies के अंतर्गत देना चाहिए | मार्केटिंग के बिना एक अच्छा प्रोडक्ट भी अपनी शाख बनाने में कामयाब नहीं हो पाता  है, इसलिए मार्केटिंग के लिए वित्त के निर्धारण का विवरण भी इस में देना जरुरी है |

अनुमानित खर्चा और कमाई (Financial Projection):

किसी भी उद्यमी को अपना business स्टार्ट करने से पहले यह सुनिश्चित करना जरुरी हो जाता है, की वह व्यापार को आगे बढ़ाने में वित्त की व्यवस्था कर पायेगा | वित्त का अनुमान लगाने के लिए भिन्न भिन्न प्रोजेक्ट रिपोर्ट का विश्लेषण किया जा सकता है | इसमें उद्यमी को business शुरू करने से लेकर, उसको सफलतापूर्वक चलाने का खर्चा और एक साल में होने वाली कमाई का विवरण देना होता है | हालांकि लोन लेने वाले व्यक्ति से बैंक के अधिकारी 3 से पांच साल तक की Financial projection मांग सकते हैं |

बिजनेस प्लान का कवर पेज तैयार करें:

अन्दर के पेजों में जो सबसे पहला पेज होगा वह होगा Executive Summary का | उस पेज के ऊपर Cover page लगाया जाना चाहिए | जिसे उद्यमी द्वारा Business Plan नामक शीर्षक देकर उल्लेखित किया जाना चाहिए | इस शीर्षक को पेज के बीचोबीच जगह देनी चाहिए और बड़े अक्षरों में पेज के बायीं ओर के कोने में Business Contact की जानकारी उल्लेखित होनी चाहिए  |

वैसे उद्यमी यदि चाहे तो इन्टरनेट के माध्यम से बिजनेस प्लान का cover page sample देख के इस क्रिया को अंजाम दे सकता है |  Contact Information में बिज़नेस का नाम, पता, फ़ोन नंबर, ईमेल Address, यदि वेबसाइट है तो वेबसाइट के Address को सम्मिलित किया जा सकता है |

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