Copper Powder: कॉपर पाउडर बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें।

Copper Powder से भले ही आप अनभिज्ञ हों लेकिन सच्चाई यह है की इसके एक नहीं बल्कि अनेकों औदयोगिक उपयोग होते हैं । यह एक ऐसा उत्पाद है जिसके ग्राहक के तौर पर व्यवसायिक इकाइयाँ ही रहती है इस उत्पाद का इस्तेमाल वायुयानों, स्पेस क्राफ्ट्स, तोपों बंदूकों के पार्ट्स, फ़िल्टर गैस डीफ्यूजर, वेल्डिंग रॉड, बाईमेटलिक स्ट्रिप और इलेक्ट्रिकल पार्ट्स में किया जाता है।  

वर्तमान में Copper Powder का इस्तेमाल इसके भौतिक गुणों, लम्बे जीवन, उच्च स्क्रैप मूल्य और उपयोग की विस्तृत श्रृंखला के चलते काफी बढ़ गया है। स्टील और लोहे के बाद व्यापक रूप से इस्तेमाल में लाया जाने वाला यह अगला उत्पाद है।

एक ऐसा उत्पाद जिसके इतने विस्तृत उपयोग हैं उसको बेचने में उद्यमी को बहु अधिक कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता बशर्ते उसके उत्पाद की गुणवत्ता बेहद अच्छी हो।

वायुयानों, स्पेस क्राफ्ट से लेकर इलेक्ट्रिकल उपकरणों में इसके इस्तेमाल में देखते हुए कहा जा सकता है की विभिन्न उद्योगों में इसकी मांग हमेशा व्याप्त रहती है इसलिए इस तरह का यह बिजनेस शुरू करना किसी भी उद्यमी के लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकता है।

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कॉपर पाउडर क्या है (Copper Powder Kya hai)  

Copper Powder की यदि हम बात करें तो यह एक चमकदार नारंगी लाल धातु का पाउडर है जिसे प्रमुख रूप से कोल्ड कास्टिंग तकनीकों में इस्तेमाल में लाया जाता है। बारीक पीसे हुए तांबे के पाउडर को तरल बोन्डिंग एजेंट जैसे पॉलिएस्टर या पॉलीयुरेथेन रेजिन के साथ मिलाकर एक ऐसा पेस्ट तैयार करना संभव है जिसे कम्पोजीट कास्टिंग के लिए मोल्ड और कठोर बनाया जा सके।

तांबा एक बहुत ही नमनीय धातु है जिसे हथौड़े अन्य औजारों की मदद से कोई शेप आकार आसानी से दिया जा सकता है। थर्मल और इलेक्ट्रिकल कंडक्टीवीटी के कारण इसका इस्तेमाल व्यापक रूप से किया जाता है। तांबे का इस्तेमाल बिजली के तारों में तो किया ही जाता है साथ में अन्य मिश्र धातु बनाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।

कहने का आशय यह है की Copper Powder का इस्तेमाल कास्टिंग रेजिन एपॉक्सी, पॉलिएस्टर या पॉलीयुरेथेन के साथ कोल्ड कास्टिंग के लिए किया जाता है रेजिन में तांबा पाउडर की मात्रा औसतन 50% से 100% तक हो सकती है। इस पाउडर का इस्तेमाल एपोक्सी रेजिन के साथ मिश्रित करके एंटी-फाउलिंग और एंटीफ्लिंग कोटिंग के रूप में किया जाता है।

बिक्री की संभाव्यता (Market Potential):

भारत में Copper Powder के बिकने की कितनी संभावना है इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है की यहाँ पर इस उत्पाद की मांग उत्पादन के दोगुनी है। एक विश्वसनीय आंकड़े के मुताबिक भारत में तांबे के पाउडर का स्वदेशी उत्पादन लगभग 7000 टन प्रतिवर्ष है जबकि प्रति वर्ष अनुमानित मांग 15000 टन आंकी गई है।

इस प्रकार से देखें तो मांग एवं सप्लाई में सौ प्रतिशत से भी अधिक का स्पष्ट अंतर यहाँ पर दिखाई देता है।

भारत में Copper Powder की माँग उत्पादन से ज्यादा है यह कहने में कोई संकोच नहीं होना चाहिए और यहाँ पर इस व्यवसाय में केवल कुछ छोटी इकाइयाँ ही देश में बिखरी हुई हैं इसलिए इस तरह के उत्पाद का विनिर्माण बिजनेस शुरू करना किसी भी इच्छुक उद्यमी के लिए कमाई की दृष्टी से काफी लाभकारी साबित हो सकता है।

कॉपर पाउडर निर्माण बिजनेस कैसे शुरू करें (How to Start a Copper Powder Manufacturing Business):

भारत में Copper Powder नामक इस उत्पाद की माँग एवं सप्लाई में काफी बड़ी खाई है इस खाई को भरने के लिए इस क्षेत्र में कई उद्यमी पैदा हो सकते हैं। इस तरह का व्यवसाय शुरू करने के लिए उद्यमी को वे सभी प्रक्रियाएं पूर्ण करने की आवश्यकता होती है।

जो किसी अन्य विनिर्माण बिजनेस को शुरू करने के लिए होती है इनमें जमीन और बिल्डिंग का प्रबंध, वित्त का प्रबंध, आवश्यक लाइसेंस और पंजीकरण प्राप्त करना, कच्चे माल और मशीनरी की खरीदारी, कर्मचारियों की नियुक्ति इत्यादि सभी कुछ शामिल है। तो आइये जानते हैं की कैसे कोई इच्छुक व्यक्ति का खुद का कॉपर पाउडर बनाने की विनिर्माण इकाई स्थापित कर सकता है।

जमीन और बिल्डिंग का प्रबंध करें

उद्योग स्थापित करने के लिए उद्यमी को इन्वेंटरी के लिए रूम बनाने के लिए जगह, विनिर्माण क्षेत्र के लिए जगह, बिजली आपूर्ति उपयोगिताओं जैसे जनरेटर इत्यादि के लिए जगह और कार्यालय सम्बन्धी कार्यों को पूर्ण करने के लिए ऑफिस स्थापित करने के लिए जगह की आवश्यकता होती है।

इस प्रकार से देखें तो उद्यमी को कम से कम 900-1200 वर्गफीट जगह की आवश्यकता Copper Powder Unit स्थापित करने के लिए हो सकती है। यदि उद्यमी के पास स्वयं की कोई गैर कृषि योग्य भूमि यानिकी ऐसी भूमि जो कृषि करने योग्य न हो, है तो वह उसी में फ्लोर प्लानिंग करके कंस्ट्रक्शन कार्य शुरू करवा सकता है।

लेकिन यदि ऐसा नहीं है तो उद्यमी किसी सस्ती एवं उपयुक्त जगह पर बनी बनाई बिल्डिंग किराये पर लेकर भी इस तरह की इकाई स्थापित कर सकता है। सस्ती एवं उपयुक्त जगह से आशय एक ऐसे स्थान से है जहाँ पर किराया भीड़ भाड़ या व्यस्त इलाकों की तुलना में कम हो लेकिन वहां पर बिजली, पानी, सड़कों, मजदूरों इत्यादि की आसान उपलब्धता हो।   

वित्त का प्रबंध करें

वित्त का प्रबंध करने से पहले उद्यमी को Copper Powder Manufacturing Unit स्थापित करने में आने वाले खर्चों का आकलन करना होगा इसके लिए उद्यमी चाहे तो किसी चार्टेड अकाउंटेंट की मदद ले सकता है जो उद्यमी को इस व्यवसाय में आने वाली लागत को फिगर आउट करने में तो मदद करेगा ही, साथ में जरुरी लाइसेंस और पंजीकरण कराने में भी मदद करेगा।

इसके अलावा यदि उद्यमी उचित ढंग से प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करता है तो यह दस्तावेज उसे बैंक इत्यादि से ऋण दिलाने में भी मदद करेगा। उद्यमी के पास वित्त का प्रबंध करने के अनेकों विकल्प जैसे दोस्तों, परिवारवालों से अनौपचारिक ऋण लेना, बैंक से ऋण लेना, किसी सब्सिडी योजना के तहत ऋण प्राप्त करना इत्यादि विकल्प शामिल हैं। 

आवश्यक लाइसेंस और पंजीकरण

Copper Powder Manufacturing Business शुरू करने के लिए उद्यमी को निम्नलिखित लाइसेंस और पंजीकरण की आवश्यकता हो सकती है ।

  • सर्वप्रथम उद्यमी को अपने व्यवसाय को एक वैधानिक स्वरूप प्रदान करने के लिए उसे प्रोप्राइटरशिप, पार्टनरशिप या फिर वन पर्सन कंपनी इत्यादि में से किसी एक के तहत रजिस्टर कराने की आवश्यकता होती है।
  • जीएसटी रजिस्ट्रेशन करने की आवश्यकता होती है।
  • व्यवसाय के नाम से पैन और चालू बैंक खाता खोलने की आवश्यकता हो सकती है।
  • स्थानीय प्राधिकरण से ट्रेड लाइसेंस की आवश्यकता हो सकती है।
  • प्रदूषण और फायर डिपार्टमेंट से नों ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट की आवश्यकता हो सकती है।
  • उद्यमी चाहे तो उद्यम पोर्टल में रजिस्ट्रेशन भी कर सकता है।
  • ब्रांड नाम को सुरक्षित करने के लिए ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता हो सकती है।         

कच्चे माल और मशीनरी खरीदें

Copper Powder manufacturing व्यवसाय शुरू करने के लिए उद्यमी को अनेकों मशीनरी और उपकरणों को खरीदने की आवश्यकता हो सकती है इनमें से कुछ प्रमुख मशीनरी और उपकरणों की लिस्ट इस प्रकार से है।

  • एसिड प्रतिरोधी ग्लास लाइन वाले बर्तन
  • सेंट्रीफ्यूज मशीन
  • हवा परिसंचरण प्रणाली के साथ बिजली से गर्म होने वाला ओवन
  • रोटरी बेलनाकार स्क्रीनिंग मशीन
  • वाटर टैंक, स्टोरेज बिन
  • अन्य सहायक उपकरणों के साथ वजन मापक मशीन
  • क्वालिटी चेक करने के लिए लेबोरेटरी उपकरण

इस्तेमाल में लाये जाने वाले कच्चे माल की लिस्ट कुछ इस प्रकार से है।

  • इंडस्ट्रियल ग्रेड कॉपर सलफेट
  • एल्युमीनियम शीट, लीड शीट
  • अन्य सामग्री
  • पैकिंग सामग्री   

कॉपर पाउडर निर्माण शुरू करें    

Copper Powder विनिर्माण की अलग अलग विधियाँ प्रचलित हैं इनमें मैकेनिकल पल्वराईजेशन और केमिकल रिडक्शन दो प्रमुख हैं। केमिकल रिडक्शन प्रक्रिया गैर प्रदूषण प्रति बर्तन खतरों को कम करने और उत्पाद की उच्च शुद्धता के लिए जानी जाती है। यदि इलेक्ट्रोलाइटिक कॉपर रीफ्यूजिंग प्रक्रिया को संशोधित किया जाता है तो तांबे को फाइन पाउडर के रूप में इलेक्ट्रोड पर जमा किया जाता है।

ऑपरेटिंग परिस्थितियों पर उचित नियंत्रण करके, एक विशिष्ट कण, आकार वितरण प्राप्त किया जा सकता है। इलेक्ट्रोलिसिस को ग्लास लाइन वाले विशेष बर्तनों की एक श्रंखला में रखा जाता है इनमें दो कैथोड और तीन एनोड होते हैं। बर्तन का आकार 2.5 फीट × 2.5 फीट × 2.5 फीट गहरा होता है  कैथोड को एलुमिनियम शीट से बनाया जाता है और एनोड को तांबे से बनाया जाता है।

इलेक्ट्रोड के बीच की दूरी दो इंच होती है कभी कभी शुद्ध लीड को एनोड सामग्री के तौर पर इस्तेमाल में लाया जाता है। इलेक्ट्रोलाइट एसिड की यदि हम बात करें तो यह कॉपर सल्फेट का घोल होता है जिसमें प्रति लीटर दस ग्राम कॉपर सल्फेट और 20-50 ग्राम सल्फ्यूरिक एसिड होता है। लकड़ी के हैंडल के एल्युमीनियम स्क्रैप की मदद से विद्युत् उर्जा की लगातार आपूर्ति की जाती है और Copper Powder को इलेक्ट्रोड से अलग करके नीचे गिरने की अनुमति प्रदान की जाती है।

उसके बाद इस पाउडर को गंदगी मुक्त करने के लिए पाउडर से धोया जाता है। उसके बाद इसे बिजली से चालित ओवन में ट्रे में रखकर सुखाने की प्रक्रिया पूर्ण की जाती है जिसमें 60° C से 100° C के तापमान पर वायु संचलन प्रणाली के तहत इस प्रक्रिया को पूर्ण किया जाता है  ।

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