NPS में निवेश करने से पहले पता चल जाएगा जोखिम का। जानिए क्या कहता है नया नियम।

यद्यपि निवेश चाहे कोई भी हो, हर किसी में फायदे और जोखिम दोनों होते हैं। लेकिन कुछ सुरक्षित निवेश जैसे फिक्स्ड डिपाजिट, बैंक में बचत खाता, रेकरिंग डिपाजिट इत्यादि में रिटर्न सुनिश्चित होता है। इसलिए इनमें मिलने वाला लाभ भी कम होता है। शेयर बाज़ार में निवेश करना जोखिम भरा होता है, लेकिन जब फायदा होता है रिटर्न अधिक मिलता है।

लेकिन होता क्या है की जब भी आप किसी योजना के तहत निवेश करते हैं, तो कंपनी या फण्ड मैनेजर द्वारा उस निवेश के जोखिम वाले हिस्से को छिपा लिया जाता है। और वे जब आपको निवेश करने के लिए प्रेरित करते हैं, तो सिर्फ निवेश से होने वाले फायदे की ओर ही आपका ध्यान आकर्षित करते हैं। उसमें रिस्क कितना है, यह आपको कभी नहीं बताते हैं।   

 ऐसी ही एक योजना नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) है । लेकिन अब इस योजना के तहत जो भी निवेश करेगा, उसे फण्ड मैनेजर द्वारा न सिर्फ फायदों के बारे में बल्कि उसके जोखिमों के बारे में भी बताया जाएगा।

NPS Beneficiary Old Couple

नियामक रेगुलाट्री ने जारी किया है सर्कुलर  

निवेशकों को जोखिम के बारे में पहले ही जानकारी दिए जाने से सम्बंधित एनपीएस नियामक पेंशन फंड रेगुलेटरी डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने एक सर्कुलर जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है की नेशनल पेंशन सिस्टम के तहत निवेश करने वाले निवेशकों को फण्ड मैनेजर द्वारा उस निवेश के जोखिम के बारे में भी बताना होगा। जिससे ग्राहक इस बात का फैसला कर सकें की उन्हें निवेश करना है या नहीं।

जारी सर्कुलर में स्पष्ट किया गया है की, इसमें ग्राहकों को छह तरह के जोखिम कम जोखिम, कम से बीच का जोखिम, बीच का जोखिम, बीच से ज्यादा जोखिम, अधिक जोखिम और बहुत अधिक जोखिम ग्राहकों को बताना होगा।

पेंशन फण्ड की वेबसाइट पर दिखाना होगा जोखिमों को

यदि आप भी नेशनल पेंशन सिस्टम के तहत निवेश करने की योजना बना रहे हैं, और जानना चाहते हैं की आप निवेश सम्बन्धी जोखिम कहाँ चेक कर सकते हैं। तो आपको बता देना चाहते हैं की जिस फण्ड में अप निवेश करना चाहते हैं उस फण्ड की वेबसाइट के माध्यम से आप जोखिम चेक कर सकते हैं। क्योंकि सर्कुलर के मुताबिक जो पेंशन फण्ड का प्रबंध करते हैं, उन्हें ही ग्राहकों ओ जोखिम के बारे में बताना होगा।

इसमें सभी इक्विटी योजनाएँ, कॉर्पोरेट डेट और सरकारी प्रतिभूतियों द्वारा जारी की गई योजनाएँ शामिल हैं। और इनके द्वारा पोर्टफोलियो डिस्क्लोजर कॉलम में सभी पेंशन स्कीम की जोखिम सम्बन्धी विवरण दिया जाना चाहिए। और आगे यह भी कहा गया है की यह डिटेल हर तिमाही के अंतिम महीने के 15 दिनों के भीतर अपडेट करनी होगी।

निवेश की रेटिंग कैसे होगी

जानकारी के मुताबिक इसमें विभिन्न निवेश योजनाओं को 0 से लेकर 12 तक की रैंक में समाहित किया जाएगा। जिस निवेश को 0 रैंकिंग प्राप्त होगी, उसका मतलब यह होगा की उस निवेश में जोखिम कम है, इसलिए वह निवेश करने का सबसे अच्छा साधन है। इसके उलट 12 रैंकिंग का मतलब है की उसकी क्रेडिट क्वालिटी सबसे खराब है। यानिकी इस निवेश पर जोखिम सबसे अधिक होगा।

नेशनल पेंशन सिस्टम ट्रस्ट द्वारा इस निवेश की हर तिमाही में समीक्षा की जाएगी और उसी आधार पर इसकी रेटिंग में परिवर्तन किया जाएगा। इसलिए इसका साफ़ सा मतलब यह है की जो निवेश आज की डेट में ज्यादा जोखिम वाला निवेश है, तीन महीने बाद उसकी स्थिति में सुधार भी हो सकता है, इसलिए इसे डेट जोखिम भी कहा जाता है।  

15 जुलाई से लागू होगा नया नियम  

एनपीएस नियामक पेंशन फंड रेगुलेटरी डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा जारी इस सर्कुलर को लागू करने की तिथि 15 जुलाई 2022 सुनिश्चित की गई है। यानिकी जिन उपर्युक्त नए नियमों की हम बात कर रहे थे, ये नए नियम 15 जुलाई से लागू हो जाएँगे। ये नियम सभी योजनाओं पर लागू होंगे और हर वर्ष के 31 मार्च को योजना शुरू करने वाले फण्ड मैनेजर द्वारा योजनाओं के स्तर को सम्बंधित अथॉरिटी बताना होगा।

इसमें यह भी बताना होगा की एक वित्तीय वर्ष में उस निवेश की जोखिम की स्थिति में कितनी बार बदलाव किया गया। नेशनल पेंशन सिस्टम द्वारा एक और सुविधा निवेशकों को मुहैया करायी गई है, कोई भी निवेशक whatsapp  8588852130  पर सन्देश भेजकर भी अपनी निवेश सम्बन्धी समस्याओं का समाधान पा सकता है।  

अब सरकारी नौकरीपेशा तक ही सिमित नहीं है NPS      

नेशनल पेंशन स्कीम की यदि बात करें तो इसकी शुरुआत वर्ष 2004 में हुई थी। पहले इस योजना का लाभ लेने के लिए केवल सरकारी कर्मचारी ही पात्र थे। अर्थात इस पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए पहले आपको किसी सरकारी नौकरी पर कार्यरत होना जरुरी था। लेकिन वर्ष 2009 के बाद इसे निजी क्षेत्रों के लिए भी खोल दिया गया था।

और अब इस योजना का लाभ कोई भी भारतीय ले सकता है । इस योजना में निवेश करने वालों को टैक्स में भी छूट मिलती है इसलिए इस रिटायरमेंट योजना का फायदा अधिक से अधिक लोग ले सकते हैं।    

आपकी जानकारी के लिए बता दें की म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने से पहले ग्राहकों को उसके जोखिम के बारे में जानकारी देने का नियम पहले से लागू है। लेकिन चूँकि अब यह NPS योजनाओं में भी शुरू हो गया है तो इससे अधिक से अधिक लोगों का लाभान्वित होने की संभावना है।

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