Electric Appliance से हमारा तात्पर्य इलेक्ट्रिक उपकरणों जैसे T.V., Fridge, पंखे, कूलर, गीजर, पानी हीटर, इलेक्ट्रिक आयरन, मिक्सर/ग्राइंडर इत्यादि से है | पहले जहाँ बिजली केवल शहरों तक ही सिमित थी अर्थात ग्रामीण भारत में एक बहुत बड़े क्षेत्र में बिजली न होने के कारण इन Electric Appliances का Use केवल शहरों तक ही सिमित था लेकिन वर्तमान में अधिकतर ग्रामीण इलाकों तक बिजली पहुँच चूकी है इसलिए Electric Appliances का उपयोग शहरों से लेकर ग्रामीण हर क्षेत्र में किया जाता है |
जहाँ तक इलेक्ट्रिक उपकरणों के विनिर्माण का सवाल है इंडिया में ऐसी बहुत सारी छोटी बड़ी कंपनियां एवं ब्रांड हैं जो इनका विनिर्माण करके अपने उत्पादों को भारत के बाज़ार में उतारती हैं | यद्यपि यह सच्चाई है की इलेक्ट्रिक उपकरणों को ग्राहकों द्वारा ब्रांड का नाम देखकर अधिकतर तौर पर ख़रीदा जाता है | ब्रांड कोई भी क्यों न हो, इनको Repairing and servicing करने की प्रक्रिया लगभग एक जैसी ही होती है | इन्ही सब बातों के मद्देनज़र आज हम बात करेंगे Electric appliance repairing and servicing business की |
इलेक्ट्रिक उपकरण क्या होते हैं :
लगभग सभी घरों में चाहे वे ग्रामीण इलाकों में स्थित हों या फिर शहरों में इलेक्ट्रिक उपकरणों की भीड़ देखने को मिल जाएगी | इन इलेक्ट्रिक उपकरणों का उपयोग मनुष्य द्वारा अपने काम को तय समय से जल्दी निपटाने एवं अपने जीवन को आसान बनाने के लिए किया जाता है | मनुष्य को इन सभी इलेक्ट्रिक उपकरणों का आभारी होना चाहिए की उनकी वजह से वह आरामदायक एवं सफलतापूर्वक जीवन का आनंद लेने में सक्षम है |
लेकिन जैसा की हम सबको विदित है की ये उपकरण विभिन्न अवयवों को समाहित करके बनाये जाते हैं इसलिए इनका रखरखाव करना आवश्यक होता है | वरना ऐसा संभव है की मिस हैंडलिंग के चलते कोई उपकरण टूट या ख़राब हो जाय | लेकिन फिर भी मनुष्य कितना भी जतन कर ले एक समयावधि के पश्चात् इलेक्ट्रिक उपकरणों में कमी या ख़राब होने की संभावना बढ़ ही जाती है |
और जब इलेक्ट्रिक उपकरण या Electric Appliance ख़राब हो जाते हैं तो जरुरत उनको रिपेयर या ठीक करने की होती है ऐसे में लोग किसी ऐसे व्यक्ति को बाज़ार में तलाशते हैं जो उनकी समस्या का समाधान कर सके | बस लोगों की यही आवश्यकता Electric appliance repairing and servicing business को जन्म देती है |
Electric Appliance रिपेयरिंग बिजनेस की चलने की संभावनाएं:
भारतवर्ष में उन जगहों क्षेत्रों में जहाँ बिजली मुहैया करा दी गई है शायद ही कोई ऐसा घर होगा जहाँ किसी न किसी इलेक्ट्रिक उपकरण का उपयोग न किया जाता रहा हो | इस Electric appliance repairing and servicing business की मजबूती यही बात दर्शाती है की लोगों द्वारा इलेक्ट्रिक उपकरणों को भारी मात्रा में उपयोग किया जाता है और अब लोगों को इनकी आदत सी हो गई है |
उदाहरणार्थ: वर्तमान में यदि किसी परिवार का टेलीविज़न ख़राब हो जाता है तो वह उसे ठीक कराने में बिलकुल भी समय नहीं लेता इसी तरह गर्मियों में यदि किसी का रेफ्रीजिरेटर खराब हो जाय तो वह व्यक्ति भी उसे जल्दी से जल्दी ठीक कराना चाहेगा, वह इसलिए क्योंकि इन इलेक्ट्रिक उपकरणों ने मनुष्य जीवन में अपनी जगह बनाकर मनुष्य का जीवन आरामदायक एवं सरल बनाया है |
और मनुष्य को अब इस आरामदायक एवं सरल जीवन की आदत सी हो गई है इसलिए घर में पड़े ख़राब Electric Appliance को जल्दी से जल्दी ठीक कराना या सर्विसिंग कराना मनुष्य की मज़बूरी हो गई है | इसलिए कहा जा सकता है की इस बिज़नेस में बाज़ार में अवसरों की भरमार है |
आवश्यक मशीनरी और कच्चा माल
इलेक्ट्रिक उपकरणों की रिपेयरिंग एवं सर्विसिंग में मुख्य रूप से काम आने वाले कुछ महत्वपूर्ण मशीनरी एवं उपकरणों की लिस्ट निम्नवत है |
- Motorized winding machine
- Manual winding machine
- Oven
- ½ Inch Bench Drilling machine –
- Portable drilling machine
- Bench Grinder
- Soldering Machine
- KV Testing Machine
- Panel board for testing
- ½ digit clamp meter
- Megger
- Multimeter
- Leakage current Earth Leakage Tester –
- Auto Transformer
- Other misc. instruments and meters
आवश्यक कच्चे माल अर्थात Raw Materials की लिस्ट निम्नवत है |
- Super Enameled Cooper
- Ball Bearing
- Coil of Iron
- Geyser Coil
- Shaft, Bush, Capacitor, Field Coil, Armature, Carbon etc
- Consumables stores & Cables
- Paper Insulations
- Mechanical & Electrical Accessories
- Hardware & misc
Repairing and servicing करने की प्रक्रिया और कमाई:
इलेक्ट्रिक उपकरणों की रिपेयरिंग एवं सर्विसिंग उद्यमी द्वारा अपनी दूकान अर्थात Workshop में या फिर ग्राहक के घर जाकर भी की जा सकती है | इसमें होता क्या है की जैसे ही किसी व्यक्ति का घर में रखा कोई इलेक्ट्रिक उपकरण चलता नहीं है या फिर कोई अन्य समस्या पैदा करता है तो व्यक्ति सबसे पहले उसकी वारंटी चेक करेगा |
यदि उपकरण वारंटी में है तो उत्पाद के कस्टमर केयर पर फ़ोन करके यह भी पता करेगा की क्या जो समस्या उसके पास उपलब्ध उत्पाद में आ रही है वह वारंटी में कवर है की नहीं, यदि उपकरण की वारंटी का समय या फिर वह समस्या जो वारंटी में सम्मिलित न हो व्यक्ति के साथ घटित हो रही है तो उसके बाद वह उस उपकरण को ओपन मार्किट से ठीक कराने की कोशिश करता है |
वह कोशिश करता है की उस उपकरण को ठीक कराने का सेंटर या शॉप उसके घर के इर्द गिर्द ही मिल जाय तो वह खुद ही इसको लेके वहां पर चल देगा | यदि व्यक्ति को उसके घर के आस पास कोई सेंटर या शॉप Repairing and servicing के लिए नहीं मिलेगी तो व्यक्ति अगली कोशिश यह करेगा की उसे ऑनलाइन कोई ऐसी शॉप या सेंटर मिल जाय जो उसके उपकरण को उसके घर में आके ही ठीक कर दे या फिर जरुरत पड़ने पर घर से लेके जाय और ठीक होने पर उसे उसके घर पर पहुंचा भी दे |
हालांकि उपर्युक्त फिल्माई गई स्थिति एक सामान्य स्थिति है इसलिए व्यक्ति विशेष के आधार पर अलग अलग परिस्थतियाँ हो सकती हैं | लेकिन यदि उद्यमी उपर्युक्त स्थिति को मद्देनज़र रख कर ही अपनी कमाई करने की कोशिश करेगा तो उसे अपने ग्राहकों को घर से लेकर वर्कशॉप में तक सभी प्रकार की Repairing and Servicing फैसिलिटी मुहैया करानी पड़ेगी |
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