भारतवर्ष में handicraft business का इतिहास बहुत पुराना है । हमारा देश कलात्मक प्रतिभा का पहले से धनी रहा है । इस सेक्टर से जुड़े कारीगरों द्वारा राष्ट्र की सांस्कृतिक प्रतिभा को दर्शाया जाता रहा है । यह श्रम प्रधान business वर्तमान में लाखों करोडो लोगो को रोजगार दे रहा है । विशेषतः इस बिज़नेस से लाभान्वित होने वाले लोग ग्रामीण इलाकों से सम्बंधित हैं । इंडिया में हेंडीक्राफ्ट में बहुत सारे products हैं, और सभी एक दूसरे से अलग हैं ।
उदाहरणस्वरूप: यदि हम पश्चिम बंगाल के डोकरा आदिवासियों द्वारा निर्मित गहनों और जयपुर के कारीगरों द्वारा निर्मित रत्न चित्रों की बात करें, तो दोनों वस्तुएं एक दूसरे से बिलकुल अलग हैं । इसके अलावा उत्तर पूर्वी राज्यों से सम्बंधित कारीगरों के दवारा और दक्षिणी राज्यों के कारीगरों द्वारा निर्मित Products भी बिलकुल अलग अलग होते हैं । हेंडीक्राफ्ट सेक्टर में अनेकों products का उत्पादन किया जाता है । अलग अलग Sector के आधार पर Handicraft Products को निम्न श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है ।
1. सामान्य हेंडीक्राफ्ट (General Handicraft Items):
इस श्रेणी में सामन्यतया लकड़ी, पत्त्थर, धातु, शीशा, छड़ी, और बांस इत्यादि से निर्मित वस्तुएं आती हैं । इनमें मुख्यतः देवी देवताओं की मूर्तियां, गुलक, टेबल टॉप, फ्लावर पॉट,मैडल, ट्रॉफीज, फोटो फ्रेम, टोकरी इत्यादि बनायीं जाती हैं ।
2. हैंडलूम और टेक्सटाइल (Handloom and Textiles):
Handloom and textiles श्रेणी में वो वस्तुएं आती हैं । जिन्हें घर की साज सज्जा हेतु तैयार किया जाता है । मुख्य रूप से इनमे चादरें, तकिए, तकिए के कवर, चटाई, बैग, और अन्य घरेलु सामान जिनमे हाथो से डिज़ाइन की होती है, आते हैं ।
3. आभूषण (Jewellery) :
इंडिया में Handicraft Industry में ज्वेलरी अर्थात आभूषण बनाने हेतु लोहे, मनके, चांदी एवं अन्य धातुओं का उपयोग किया जाता है । गहनों को बनाकर जिन आकर्षक बक्सों में पैकेजिंग की जाती है उन बक्सों का निर्माण भी मुख्य रूप से छोटे स्तर के आदिवासी कारीगरों द्वारा ही किया जाता है । इनमे गले के, नाक के, कान के, पैरों के लगभग सभी प्रकार के गहने तैयार किये जाते हैं ।
4. पारम्परिक पोशाक एवं उपकरण:
आदमी एवं औरतों दोनों के पारम्परिक पोशाक का निर्माण हाथ की कला जानने वाले कारीगरों के द्वारा ही किया जाता है । इनके द्वारा पोशाकों को जरी बूटी के माध्यम से आकर्षक बनाने का काम भी किया जाता है । और पारंपरिक पोशाको से जुड़े उपकरणों का निर्माण भी ।
5. कार्पेट (Carpets)
भारत में निर्मित कार्पेट सदियों से विश्व विख्यात रहे हैं । हमारे देश के कारीगरों द्वारा उत्पादित ऊन और रेशम से निर्मित कारपेट बहुत अधिक प्रचलन में हैं । और अब भी भारत की होने वाली विदेशों से कमाई में इनका योगदान बरक़रार है ।
6. चमड़े का सामान (Leather Items):
लैदर एक ऐसी वस्तु है जिससे निर्मित वस्तुओं को देश विदेश में काफी पसंद किया जाता है । और भारतीय कारीगरों द्वारा इसका उपयोग सदियों से बेल्ट, पर्स, जूते, चप्पल, जैकेट इत्यादि बनाने में किया जाता रहा है ।
7. चित्रकारिता (Paintings):
भिन्न भिन्न वस्तुओं के अंदर बाहर चित्र बनाना और अपनी कल्पना को कैनवास पर उतारना एक अद्भुत कला है । इन चित्रों के माध्यम से कारीगर अपनी अभिव्यक्ति को दर्शा रहा होता है । इस कारीगर को पेंटर कहते हैं ।
8. कपड़े एवं पोशाक (Garments):
भारतीय पोशाक विदेशी बाज़ार में भी अपनी छाप छोड़े हुए हैं इसका मुख्य कारण इन पोशाकों में निर्मित तरह तरह की डिज़ाइन, एम्ब्रोइडरी, जरी बूटी इत्यादि हैं । यही कारण है की इंडिया की Garment Industry विश्व विख्यात हो रही है । और हमारे देश के कारीगरों द्वारा की गई डिज़ाइन जरी बूटी को हर जगह पसंद किया जा रहा है ।
9. कागज़ी उत्पाद :
इंडिया की Paper Industry हमेशा से अपने Products बाहरी देशों को निर्यात करते आई है । यही कारण है की इंडस्टी द्वारा उत्पादित Products विश्व विख्यात हैं। इनमे मुख्य रूप से पेपर बैग, पेपर से निर्मित सजावट का सामान,टेबल पे रखने वाली वस्तुए हैं ।
10. Furniture Products:
दुनिया के बाज़ारों में भारतीय फर्नीचर को काफी पसंद किया जाता है । इनमे मुख्य रूप से बेड, स्टूल, कैबिनेट्स, कुर्सियां, मिरर फ्रेम्स, होम टेम्पल्स, सोफे सेट्स इत्यादि हैं ।
जैसा की उपर्युक्त लिस्ट से स्पष्ट है की भारत के Handicraft products को देशी विदेशी बाज़ारों में खूब सराहा जा रहा है । इसलिए इस इंडस्ट्री द्वारा उत्पादित Products को बाहरी देशों की तरफ export करके भी अच्छी खासी Kamai की जा सकती है ।
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इनका नाम महेंद्र रावत है। इनकी रूचि बिजनेस, फाइनेंस, करियर जैसे विषयों पर लेख लिखना रही है। इन विषयों पर अब तक ये विभिन्न वेबसाइटो एवं पत्रिकाओं के लिए, पिछले 7 वर्षों में 1000 से ज्यादा लेख लिख चुके हैं। इनके द्वारा लिखे हुए कंटेंट को सपोर्ट करने के लिए इनके सोशल मीडिया हैंडल से अवश्य जुड़ें।