निजी छात्रावास कैसे शुरू करें । Hostel Business Plan Hindi.

Hostel Business शुरू करने एवं उसे सफलतापूर्वक चलाकर उससे कमाई करने के लिए अनेकों प्रक्रियाओं से होकर गुजरना पड़ता है । इसके अलावा इस तरह के व्यापार को शुरू करने के लिए विशेष तरह के कौशल की भी आवश्यकता होती है ताकि उद्यमी अपने बिज़नेस से सफलतापूर्वक कमाई कर पाने में सक्षम हो । Hostel Business कर रहे उद्यमी के ग्राहक के तौर पर मुख्य तौर पर वे विद्यार्थी होते हैं जो कम बजट में शैक्षणिक संस्थानों के आस पास रहने के लिए आवास ढूंढ रहे होते हैं ।

चूँकि हॉस्टल का अन्दुरुनी निर्माण कुछ इस तरह से किया जाता है की एक कमरे में दो- तीन या इससे अधिक विद्यार्थी आराम से रह भी सकें और अपनी पढाई भी कर सकें इसलिए Hostel Business करने वाला उद्यमी भी उचित दामों पर विद्यार्थियों को आवास एवं खाना पीना मुहैया कराते हैं । विद्यार्थियों के पास विशेष तौर पर हॉस्टल में रहने का कारण एक तो इनमे रहने खाने पीने का शुल्क अन्य के मुकाबले कम होना एवं दूसरा इनका शिक्षण संस्थानों के आस पास उपलब्ध होना है ।

कुछ शिक्षण संस्थान अपने विद्यार्थियों को स्वयं भी हॉस्टल की सुविधा उपलब्ध कराते हैं । तो कुछ उद्यमी शिक्षण संस्थानों के आस पास अपना स्वयं का निजी हॉस्टल खोलकर अपनी कमाई कर रहे होते हैं । इसलिए आज का हमारा यह लेख ऐसे व्यक्तियों के लिए है जो स्वयं का Hostel Business शुरू करके अपनी कमाई करना चाहते हैं ।

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हॉस्टल क्या होता है (What Is Hostel in Hindi):

हॉस्टल एक अंग्रेजी शब्द है जिसका हिंदी में शाब्दिक अर्थ छात्रावास होता है । छात्रावास से अभिप्राय ऐसे स्थान से लगाया जाता है जहाँ छात्रों का वास होता है | इसके अलावा इसे हम एक ऐसी जगह भी कह सकते हैं जो रहने के लिहाज से हर विद्यार्थी के परिवार के बजट में आसानी से आ जाता है क्योंकि आम तौर पर लोग यहाँ समूह के साथ रहते हैं और छात्रावास द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवा को प्राप्त करते हैं।

यद्यपि छात्रावास सुविधा के अनुसार अलग लग प्रकार के हो सकते हैं लेकिन आम तौर पर छात्रावास में उपलब्ध कमरे, बाथरूम, रसोईघर सभी साझा होते हैं। इसलिए एक कमरे में दो तीन से ज्यादा लड़के या लड़के लड़कियां मिश्रित भी हो सकते हैं। आम तौर पर लड़कियों का हॉस्टल अलग एवं लड़कों का हॉस्टल अलग होता है।

हॉस्टल से Hostel Business चलाने वाले एवं इसमें रहने वाले विद्यार्थी दोनों को फायदा होता है वह इसलिए क्योंकि उद्यमी की कमाई हो रही होती है तो विद्यर्थियों को सस्ती दरों पर आवास की सुविधा उपलब्ध हो जाती है। इन्हीं सब बातों के मद्देनज़र जब किसी व्यक्ति द्वारा विद्यार्थियों को आवास मुहैया कराने के लिए व्यापार शुरू किया जाता है तो उसके द्वारा किया जाने वाला यह व्यापार Hostel Business कहलाता है।

हॉस्टल की आवश्यकता क्यों होती है (Why Student Need Hostel to Stay):

वर्तमान में पढाई के लिए बच्चों को अपने घर एवं परिवार से दूर जाना पड़ता है कहने का अभिप्राय यह है की ऐसे शिक्षण संस्थान जिनका गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने में नाम हो, ऐसे शिक्षण संस्थानों में दूर दूर से विद्यार्थी पढने के लिए आते हैं। इसके अलावा व्यवसायिक शिक्षा ग्रहण करने के लिए भी विद्यार्थियों को घर परिवार से दूर रहना पड़ता है।

कुछ माता पिता जान बुझकर अपने बच्चों को घर परिवार से दूर बोर्डिंग स्कूलों में डाल देते हैं। उपर्युक्त सभी स्थितियों में विद्यार्थियों को रहने एवं खान पान के लिए जगह की आवश्यकता होती है। कहने का अभिप्राय यह है की पढाई, उच्च पढाई, व्यवसायिक पढाई करने के लिए विद्यार्थियों को अपने घर परिवार से दूर रहना पड़ता है ऐसे में उन्हें उचित दामों में रहने के लिए हॉस्टल की आवश्यकता होती है।

निजी छात्रावास कैसे खोलें? (How to Start Hostel Business in India in Hindi):

Hostel Business शुरू कर रहे उद्यमी को अपने कौशल का विश्लेषण करने की आवश्यकता होती है क्योंकि इस व्यापार को शुरू करने के लिए विद्यार्थियों या बच्चों को समझने का कौशल होना जरुरी है । इसके अलावा इस क्षेत्र से जुड़ा व्यापारिक ज्ञान भी उद्यमी को उसके बिज़नेस को आगे बढाने में सहायक हो सकता है।

1. लोकेशन का चयन करें :

Hostel Business कितनी कमाई कर पाने में सक्षम होगा अर्थात कितना चलेगा यह सब बिज़नेस की लोकेशन पर निर्भर करता है । कहने का अभिप्राय यह है की उद्यमी को अपना हॉस्टल किसी ऐसी लोकेशन पर खोलना चाहिए जहाँ उसे लगता हो की उस लोकेशन पर उसके बिज़नेस में खर्च करने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है ।

आम तौर पर शिक्षण संस्थानों के आस पास एरिया में Hostel business बेहद अच्छा चल सकता है । या फिर कोई ऐसी जगह जो पढाई के अनुकूल हो और शिक्षण संस्थानों से उसकी दूरी अधिक न हो भी आदर्श लोकेशन हो सकती है । एक आदर्श लोकेशन का चुनाव ही इस बात की पुष्टी करेगा की उद्यमी का बिज़नेस अच्छी खासी कमाई कर पाने में अवश्य सफल होगा ।

2. खर्चे का आकलन एवं प्रबंध करें:

लोकेशन का चयन करने के बाद Hostel Business कर रहे उद्यमी को इस व्यापार को शुरू करने में आने वाले सभी खर्चों का आकलन करना होगा । इसमें यदि उद्यमी किराये पर बिल्डिंग लेकर यह बिज़नेस कर रहा तो उसका किराया, बिस्तर बेड इत्यादि खरीदने का खर्चा, रसोइ में काम आने वाले बर्तन एवं उपकरणों को खरीदने में आने वाले खर्चे, कर्मचारियों के वेतन, बिज़नेस को प्रमोट करने के लिए मार्केटिंग इत्यादि पर आने वाला खर्चा सभी कुछ सम्मिलित होना चाहिए ।

खर्चे का आकलन एवं अपने बिज़नेस के लक्ष्यों को निर्धारित करने के लिए उद्यमी चाहे तो एक प्रभावी बिज़नेस प्लान बना सकता है ।

जैसे ही उद्यमी को उसके बिज़नेस पर आने वाले खर्चे की जानकारी होती है तो अब उसे वित्त की व्यवस्था करनी चाहिए और यह वित्त की व्यवस्था इतनी होनी चाहिए की उद्यमी एक साल तक अपने Hostel Business को आसानी से संचालित कर सके, क्योंकि उद्यमी को अपने बिज़नेस का नाम एवं काम लोगों तक पहुँचाने में समय लग सकता है । इसलिए यदि उचित वित्त की व्यवस्था नहीं होती तो उद्यमी को अपना बिज़नेस बीच में भी बंद करना पड़ सकता है ।

3. हॉस्टल का निर्माण एवं सेटअप करें:

Hostel Business शुरू कर रहे उद्यमी को उस बिल्डिंग को अनेक अनुभागों जैसे लॉजिंग, डाइनिंग, बाथरूम, प्लेरूम, रसोई एरिया, कॉमन एरिया, रिसेप्शन एरिया , मनोरंजन एरिया ,  यदि आवश्यक हो तो बार इत्यादि में विभाजित करना होता है। बेड एरिया या शयन क्षेत्र के निर्माण एवं डिजाईन में उद्यमी इनोवेशन का इस्तेमाल कर सकता है क्योंकि इसमें उद्यमी का लक्ष्य कम से कम जगह में अधिक से अधिक विद्य्राथियों को बिना किसी तकलीफ के सुलाने के होना चाहिए ।

आम तौर पर अधिकतर हॉस्टल में मिश्रित बेड होते हैं जहाँ 40-50 विद्यार्थी आराम से सो सकते हैं । एक कमरे में 3-4 विद्यार्थियों के सुलाने की व्यवस्था की जा सकती है । कहने का अभिप्राय यह है की Hostel Business कर रहा उद्यमी अपने इनोवेशन आईडिया एवं उपलब्ध जगह के आधार पर हॉस्टल का सेट अप डिजाईन कर सकता है ।

4. आवश्यक लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन लें:

Hostel Business शुरू करने के लिए जहाँ तक आवश्यक कानूनी परमिट या लाइसेंस की बात है इसके लिए ट्रेड लाइसेंस बेहद जरुरी है कहने का तात्पर्य यह है की  हॉस्टल का कारोबार चलाने के लिए सबसे पहले एक व्यापारिक लाइसेंस की आवश्यकता होती है । आम तौर पर इस व्यापारिक लाइसेंस को स्थानीय नगरपालिका निगम द्वारा Hostel Business करने वाले को जारी किया जाता है । वर्तमान में इस तरह के लाइसेंस के लिए, कोई स्थानीय नगरपालिका निगम की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन भी आवेदन कर सकता है ।

इसके अलावा हॉस्टल को Sarai Act 1867 के तहत भी रजिस्टर किया जाना चाहिए । Hostel Business शुरू करने के लिए नगरपालिका निगम से एक एनओसी (नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) की भी आवश्यकता हो सकती है । इसके अलावा उद्यमी को अपने बिज़नेस के बारे में स्थानीय पुलिस स्टेशन को भी सूचित करना आवश्यक होता है । इसमें आमतौर पर सभी कागजात और परिसर की परीक्षा शामिल होती है ।

Hostel Business  के लिए आवश्यक अन्य परमिट जैसे बिल्डिंग परमिट, अग्नि सुरक्षा मंजूरी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी, बिजली बोर्ड से निकासी इत्यादि शामिल है । इन सबके अलावा पानी, स्वच्छता, प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा के लिए पर्याप्त उपाय किये गए हैं या नहीं के हलफनामे भी उपयोगी सिद्ध होते हैं । उपर्युक्त दिए गए परमिट के लिए उद्यमी को स्थानीय अग्निशमन विभाग, आपातकालीन सेवा विभाग, बिजली बोर्ड, नगर पालिका निगम इत्यादि पर आवेदन करना होगा ।

इन्हें उन अग्नि विभाग, आपातकालीन सेवा विभाग, या बिजली बोर्ड या नगर पालिका निगम कार्यालयों से प्राप्त किया जा सकता है जो हॉस्टल अर्थात छात्रावास के नज़दीक हैं । कई मामलों में, एक हलफनामे के लिए छात्रावास के मालिक को यह बताने की आवश्यकता है कि उन्होंने पानी, स्वच्छता, प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा के लिए पर्याप्त उपाय किए हैं या नहीं ।

यदि उद्यमी यानिकी Hostel Business करने वाला विद्यार्थियों या आगंतुकों को खाने की सुविधा भी मुहैया करा रहा हो तो उसे FSSAI License की भी आवश्यकता हो सकती है । इसके अलावा सालाना टर्नओवर छूट की सीमा से ऊपर होने पर जीएसटी पंजीकरण भी अनिवार्य हो जाता है ।

5. कर्मचारियों की नियुक्ति करें:

Hostel Business कर रहे उद्यमी को तरह तरह के स्टाफ की आवश्यकता हो सकती है इनमे Lodging Staff, Administrative Staff, Security Personnel, सफाई कर्मचारी, रसोइये इत्यादि की आवश्यकता हो सकती है । शुरूआती दौर में उद्यमी को कोशिश करनी चाहिए की वह दस से कम स्टाफ की नियुक्ति करे  क्योंकि दस से अधिक स्टाफ रखने की स्थिति में उद्यमी को अनेकों Compliance की कार्यवाही भी पूर्ण करनी होगी ।

और जब धीरे धीरे उद्यमी का बिज़नेस कमाई करने लग जाय तो उद्यमी अपने Hostel Business को विस्तृत कर सकता है और अपने कर्मचारियों को EPF, EPS, ESI, Gratuity इत्यादि की फैसिलिटी मुहैया करा सकता है । ध्यान रहे कर्मचारियों के वेतन से टीडीएस काटने के लिए उद्यमी को टेन नंबर की भी आवश्यकता हो सकती है ।

6. मार्केटिंग करें ग्राहक लायें और कमाई करें :

Hostel Business के लिए मार्केटिंग बेहद जरुरी होती है क्योंकि जब तक लोग आपके बिज़नेस का नाम नहीं जानेंगे तब तक वे उसे जानने की भी कोशिश नहीं करेंगे । इसलिए उद्यमी को चाहिए की वह विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन मार्केटिंग तकनीक को अपनाकर अपने बिज़नेस की मार्केटिंग करे । उद्यमी चाहे तो इन मार्केटिंग के तरीकों को भी अपनाकर अपने बिज़नेस के लिए ग्राहक लाने की कोशिश कर सकता है ।

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