फ्यूचर रिटेल दिवालिया होने के कगार पर। NCLT ने शुरू की प्रक्रिया।

बिग बाज़ार चलाने वाली किशोर बियानी की कंपनी फ्यूचर रिटेल लिमिटेड दिवालिया होने की कगार पर पहुँच चुकी है। हालांकि 2020 तक कंपनी ठीक ठाक कारोबार कर रही थी। और इस भारतीय रिटेल चेन में अमेरिका की प्रसिद्ध ई कॉमर्स कंपनी ने भी निवेश किया था। लेकिन भारतीय रिटेल सेक्टर में फ्यूचर रिटेल लिमिटेड और अमेजन के बीच वर्चस्व की लड़ाई तब शुरू हो गई।

जब फ्यूचर रिटेल समूह ने 2020 में रिलायंस इंडस्ट्रीज की कंपनी रिलायंस रिटेल के साथ 24713 करोड़ रूपये के विलय की घोषणा कर दी थी। कहने का आशय यह है की फ्यूचर समूह की लगभग 19 कंपनियों को रिलायंस इंडस्ट्रीज 24713 करोड़ रूपये में खरीदना चाहती थी। लेकिन यह बातर फ्यूचर समूह में निवेश कर चुकी अमेजन को नागवार गुजरी। और अमेजन ने रिलायंस इंडस्ट्रीज और फ्यूचर समूह की इस डील को रोके रखा।

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अमेजन और फ्यूचर समूह विवाद क्या है

जैसा की हम इस लेख में पहले भी बता चुके हैं की दुनिया की ई कॉमर्स दिग्गज अमेजन ने फ्यूचर समूह में निवेश किया हुआ था। जानकारी के मुताबिक वर्ष 2019 में अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप के साथ एक डील फाइनल होने के बाद इसके गिफ्ट बाउचर की इकाइयों में भारी निवेश कर लिया था। लेकिन वर्ष 2020 में फ्यूचर ग्रुप ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ भी एक डील की, जिसके तहत फ्यूचर ग्रुप अपनी 19 कंपनियों को 24713 करोड़ रूपये में रिलायंस इंडस्ट्रीज को बेच रहा था ।

लेकिन इस डील पर अमेजन ने आपत्ति जताई और फ्यूचर ग्रुप पर डील से सम्बंधित नियमों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए क़ानूनी लड़ाई लड़ने का फैसला किया, जो आज भी चल रही है।

CCI ने फ्यूचर ग्रुप की शिकायत पर अमेजन पर लगाया था बड़ा जुर्माना  

ईधर फ्यूचर समूह ने भी अमेजन पर उसके बिजनेस को हथियाने और नियंत्रित करने का आरोप लगाया। फ्यूचर समूह का कहना था की अमेजन के द्वारा डील के समय पूरी जानकारी नहीं दी गई। और हमने जो रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ डील की वह कही से भी गलत नहीं है, इसके अलावा हमने अमेजन के साथ हुई डील के किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया है।

इसी बात के मद्देनजर 2021 में फ्यूचर समूह ने CCI में अमेजन के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी। जिस पर कार्यवाही करते हुए CCI ने अमेजन पर रूपये 2000 करोड़ का जुर्माना लगा दिया। 

अमेजन ने डील को रोकने का अथक प्रयास किया

फ्यूचर और अमेजन के बीच हुए एग्रीमेंट के मुताबिक इसकी क़ानूनी लड़ाई सिंगापुर में लड़ी जा सकती थी। इसलिए अमेजन ने सिंगापुर की अदालत में यह मामला दर्ज करवाया और वहाँ के मध्यथों से संपर्क करके फ्यूचर समूह और रिलायंस इंडस्ट्रीज की डील पर रोक लगा दी। बाद में ये मामला भारत की राजधानी दिल्ली हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुँचा। लेकिन अमेजन की दाल नहीं गली।

और उधर रिलायंस इंडस्ट्रीज ने फ्यूचर ग्रुप के रिटेल स्टोरों पर स्वामित्व जमाना शुरू कर दिया। उसके बाद अमेजन ने मामले को कोर्ट के बाहर सुलझाने की भी पैरवी की, लेकिन बात नहीं बनी। हालांकि कुछ मामले ऐसे भी थे जहाँ सुप्रीम कोर्ट ने अमेजन के पक्ष में फैसला सुनाया । लेकिन बात फिर भी वहीँ की वही रही ।

मार्च में अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप से 1528 करोड़ रूपये की माँग की

एक तरफ तो रिलायंस इंडस्ट्रीज फ्यूचर समूह द्वारा संचालित बिग बाज़ार के स्टोरों का टेकओवर कर रही थी। दूसरी तरफ दुनिया की ई कॉमर्स दिग्गज अमेजन और फ्यूचर समूह के बीच क़ानूनी लड़ाई चल रही थी। हालांकि दोनों पक्षों का मानना था की बातचीत से उनके मसले का हल निकल जाएगा।

इस बीच मार्च 2022 में खबर आई की अमेजन विवाद खत्म करने के लिए फ्यूचर समूह से 1528 करोड़ रूपये माँग रही है। हालांकि अधिकारिक तौर पर इस बारे में दोनों पक्षों में से किसी ने भी कुछ भी नहीं कहा।

कोर्ट के बाहर मामला खत्म करने के लिए अमेजन ने अपने उस पुराने इन्वेस्टमेंट 200 मिलियन डॉलर जो भारतीय रुपयों में लगभग 1528 करोड़ रूपये बनता है, लौटाने की माँग की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह निवेश अमेजन ने 2019 में फ्यूचर समूह की एक यूनिट में किया था। और बताया जा रहा है की फ्यूचर समूह और अमेजन के बीच विवाद की असली जड़ भी यही इन्वेस्टमेंट है।

लेकिन फ्यूचर समूह ने अमेजन की इस माँग पर यह कह कर ग्रहण लगा दिया की, उसकी माली हालात ठीक नहीं है। और यदि अमेजन चाहे तो फ्यूचर समूह की बची हुई किसी कंपनी में हिस्सेदारी ले सकता है। लेकिन अमेजन ने हिस्सेदारी लेने से मना कर दिया।

NCLT ने फ्यूचर रिटेल के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की है

आपको बता दें की फ्यूचर रिटेल लिमिटेड के ऊपर काफी कर्जा है। इसमें बैंक ऑफ़ इंडिया ने भी इस कंपनी को हजारों करोड़ का कर्ज दे रखा है। अपने कर्जे की उगाही के लिए बैंक ऑफ़ इंडिया ने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) में कंपनी को दिवालिया करार देने की अपील की थी।

और अब जुलाई 2022 में खबर आई है की NCLT ने बैंक ऑफ़ इंडिया की अपील को स्वीकार कर लिया है। और अमेजन द्वारा जताई गई आपत्ति को खारिज करते हुए, विजय कुमार अय्यर को फ्यूचर रिटेल लिमिटेड कंपनी का समाधान पेशेवर नियुक्त कर दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक जब फ्यूचर रिटेल लिमिटेड अप्रैल में 3493 करोड़ रूपये का भुगतान नहीं लकर पाई। तो बैंक ऑफ़ इंडिया ने अप्रैल 2022 में ही फ्यूचर रिटेल के खिलाफ NCLT में दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने की अपील कर दी थी। हालांकि 12 मई को अमेजन ने भी इस अपील के खिलाफ हस्तक्षेप की अपील दायर की थी।

लेकिन अब जुलाई 2022 में NCLT ने अमेजन की अपील को ख़ारिज करते हुए बैंक ऑफ़ इंडिया की अपील को स्वीकार कर लिया है। और जल्द ही फ्यूचर रिटेल लिमिटेड की दिवालिया होने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।  

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