Insurance : बीमा क्या होता है? इसके प्रकार एवं फायदे।

Insurance Kya hai : बीमा भी कभी कभी मनुष्य की कमाई का स्रोत बनता है हालांकि जीवन बीमा का फायदा उठाने वाले अक्सर बीमित व्यक्ति के प्रियजन होते हैं । कहने का अभिप्राय यह है की अधिकतर परिस्थितियों में बीमित रकम बीमित व्यक्ति को न मिलकर बीमित व्यक्ति के बीबी, बच्चों माता पिता जो भी मनोनीत व्यक्ति हो उसे मिलती है। यही कारण है की कठिन परिस्थितियों में बीमा से मिला हुआ पैसा बीमित व्यक्ति या बीमित व्यक्ति के परिवारजनों के काम आ जाता है।

जैसा की हम सबको विदित है की इस संसार में जो भी प्राणी आया है एक न एक दिन उसकी मृत्यु होना निश्चित है। इसके अलावा मनुष्य जीवन को विकलांगता का भी खतरा होता है। और मनुष्य द्वारा अर्जित सम्पति भी नश्वर होती है इसलिए यह भी मनुष्य की परिस्थितियों के हिसाब से कभी भी नष्ट हो सकती हैं। कहने का अभिप्राय यह है की मनुष्य के जीवन में अनुकूल एवं प्रतिकूल परिस्थितियां आती रहती हैं जहाँ अनुकूल परिस्थतियां व्यक्ति के जीवन में मददगार साबित होती हैं।

वहीँ प्रतिकूल परिस्थितियों में मनुष्य परेशान होने लगता हैं और इनमें उसे आर्थिक तौर पर काफी ज्यादा नुकसान हो सकता है। बीमा अर्थात Insurance की बात करें तो यह ऐसे ही जोखिमों को बीमा कंपनी को ट्रान्सफर करने का एक विवेकपूर्ण तरीका है।

चूंकि ऐसे लोग जिनके द्वारा प्रतिकूल परिस्थितियों के लिए बीमा कराया जाता है वे उस स्थिति विशेष से लड़ने के लिए बीमा कंपनी द्वारा प्रदान किये जाने वाले वित्त का इस्तेमाल करते हैं। इसलिए उन पर आर्थिक रूप से अधिक बोझ नहीं होता है और वे प्रतिकूल स्थिति से निपटने में सक्षम हो पाते हैं। इन्हीं सब बातों के मद्देनजर आज हम इस लेख के माध्यम से Insurance के बारे में जानकारी देने का प्रयत्न कर रहे हैं।

बीमा क्या है (What is an Insurance in Hindi):

Bima kya hai : बीमा की यदि हम बात करें तो यह बीमा कम्पनी जिसे बीमाकर्ता भी कहा जाता है और बीमित व्यक्ति जिसे बीमाधारक भी कहा जाता है के बीच एक कानूनी समझौता होता है। अर्थात बीमा दो पक्षों के बीच एक कानूनी समझौता होता है इस समझौते में बीमा कंपनी बीमाधारक के साथ बीमाकृत आकस्मिकता होने पर बीमित व्यक्ति को होने वाले नुकसान को कम करने का वादा करती है। इस समझौते में आकस्मिकता से आशय उस घटना से लगाया जाता है जो नुकसान का कारण बनती है।

यह पालिसीधारक की मृत्यु, दुर्घटना, विकलांगता, ख़राब स्वास्थ्य या फिर सम्पति का नुकसान इत्यादि कुछ भी हो सकता है। चूँकि इस तरह की घटनाएँ कब किसके साथ घटित हो जाएँ कोई नहीं जानता इसलिए इसे आकस्मिकता कहा जाता है। इस Insurance प्रक्रिया में बीमित व्यक्ति द्वारा बीमा कंपनी को प्रीमियम का भुगतान करने की आवश्यकता होती है।

बीमा की कार्यप्रणाली (Working Process):

जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में भी बता चुके हैं की Insurance नामक इस प्रणाली में बीमाधारक एवं बीमा कंपनी के बीच एक कानूनी समझौता लिखित में होता है। जिसे आम तौर पर इंश्योरेंस पालिसी भी कहा जाता है। एक बीमा पॉलिसी में उन शर्तों एवं परिस्थितियों के बारे में विवरण होता है जिसके अनुरूप बीमा कंपनी बीमा राशि का भुगतान बीमित व्यक्ति या नामंकित व्यक्ति को करती है। बीमा खुद को एवं अपने परिवार को वित्तीय नुकसान से बचाने का एक बेहद प्रचलित तरीका है।

आम तौर पर भुगतान किये जाने वाले प्रीमियम की तुलना में बीमा कवर बहुत अधिक होता है कहने का आशय यह है की इस Insurance प्रणाली में व्यक्ति को कम प्रीमियम का भुगतान करके बड़ा बीमा कवर मिल जाता है। बीमा कंपनी कम प्रीमियम पर भी बहुत बड़ा बीमा कवर देने में इसलिए सक्षम हो पाती है क्योंकि बीमा का दावा करने वाले लोग बेहद कम होते हैं। उदाहरणार्थ: माना एक बीमा कंपनी ने 4000 रूपये प्रति व्यक्ति की दर से 1000 व्यक्तियों को एक साल के लिए अपना हेल्थ इंश्योरेंस बेचा।

जिसमें बीमित राशि 5 लाख निर्धारित की गई इस प्रकार बीमा कंपनी के पास कुल प्रीमियम 40 लाख रूपये जमा हुआ। और इस पूरे साल में केवल चार व्यक्ति ऐसे थे जिन्होंने बीमे का दावा किया इस प्रकार कंपनी ने 20 लाख रूपये का कुल बीमा दावा पास किया। इस प्रकार कंपनी को 20 लाख रूपये की बचत हुई।

उपर्युक्त उदाहरण से शायद आप समझ गए होंगे की बीमा कम्पनियों द्वारा बेहद कम प्रीमियम राशि में बहुत बड़ा बीमा कवर कैसे प्रदान किया जाता है।

हालांकि इसमें कोई दो राय नहीं की कोई भी बीमित व्यक्ति या बीमित कंपनी बीमा कंपनी से बीमा लेने के लिए आवेदन कर सकती है । लेकिन बीमा प्रदान करने या न करने का निर्णय बीमा कंपनी अपने विवेक के आधार पर लेती है। बीमा कंपनी द्वारा बीमा का दावा पास करने से पहले अच्छी तरह छानबीन की जाती है की कहीं कोई आपराधिक मामला तो नहीं है। उसके बाद ही Insurance राशि देने या न देने के बारे में निर्णय लिया जाता है।

बीमा के प्रकार (Types of Insurance in hindi):

Bima ke Prkar: हालांकि आम तौर पर जिस उद्देश्य के लिए मनुष्य Insurance करवाता है उसी को बीमा का एक प्रकार मान लिया जाता है। जैसे यदि कोई व्यक्ति अपने स्वास्थ्य का बीमा कराता है तो हेल्थ इंश्योरेंस को भी बीमा का एक प्रकार मान लिया जाता है। जो की सही भी है लेकिन यहाँ पर हम सभी प्रकार के बीमा को केवल दो भागों में विभाजित कर सकते हैं।

Types-of-Insurance-in-Hindi
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1. जीवन बीमा (Life Insurance):

जीवन बीमा की यदि हम बात करें तो यह बीमाकर्ता एवं बीमाधारक के बीच एक ऐसा अनुबंध होता है जो बीमाधारक की मृत्यु या विकलागंता पर वित्तीय मुआवजा प्रदान करता है।

कुछ Life Insurance ऐसे भी होते हैं जो सेवानिवृत्ति के बाद या एक निश्चित समय के बाद वित्तीय मुआवजा प्रदान करने की पेशकश करते हैं। इस तरह से जीवन बीमा बीमाधारक की अनुपस्थिति में भी उसके परिवार की वित्तीय सुरक्षा को सुरक्षित रखने में सहायक होता है। जीवन बीमा के अंतर्गत टर्म लाइफ इंश्योरेंस, मनी बेक पालिसी, यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान, पेंशन प्लान इत्यादि आते हैं।

2. सामान्य बीमा (General Insurance):

एक General Insurance बीमाकर्ता एवं बीमाधारक के बीच एक ऐसा अनुबंध होता है जो मृत्यु के अलावा अन्य किसी भी नुकसान पर बीमाधारक को वित्तीय मुआवजा प्रदान करता है। यह जीवन के अलावा हर चीज को बीमित करता है। एक जनरल इंश्योरेंस बीमाधारक को उसके घर, कार, बाइक, स्वास्थ्य, यात्रा इत्यादि से होने वाले वित्तीय नुकसान की भरपाई करता है।

क्योंकि बीमा कंपनी बीमाधारक को वाहन को नुकसान पहुँचने, चिकित्सा उपचार के लिए, चोरी या आग लगने से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए, यात्रा के दौरान वित्तीय नुकसान की भरपाई के लिए बीमा राशि भुगतान करने का आश्वासन देती है। जनरल इंश्योरेंस के अंतर्गत कार इंश्योरेंस, होम इंश्योरेंस, हेल्थ इंश्योरेंस, फायर इंश्योरेंस इत्यादि आते हैं। और किसी भी व्यक्ति को अपने जीवन में इन दोनों प्रकार के बीमाओं की आवश्यकता हो सकती है।

बीमा के लाभ (Benefits of Insurance in Hindi):

Bima ke Fayde : यद्यपि औसतन लोगों को Insurance के कुछ ही फायदे नजर आते हैं जिनमें मुख्य तौर पर विपत्ति में बीमा राशि का मिलना प्रमुख फायदा है। देखा जाय तो कोई भी व्यक्ति अपने विभिन्न नुकसान की भरपाई के लिए बीमा करवाता है। कहने का अभिप्राय यह है की एक औसतन आदमी बीमा के लाभों के बारे में जितना सोचता है इसके उससे भी अधिक लाभ होते हैं । हाँ यह अलग बात है की बीमा के कुछ लाभ स्पष्ट हैं तो कुछ नहीं भी हैं।

  • चूँकि एक बीमा पालिसी एक ऐसा अनुबंध होता है जिसका इस्तेमाल व्यक्तियों एवं संगठनों के कवर किये गए नुकसान हेतु इनकी क्षतिपूर्ति के लिए किया जाता है। इसलिए एक Insurance का सबसे महत्वपूर्ण लाभ नुकसान का भुगतान करना ही होता है।  
  • बीमित व्यक्ति अपने पास उपलब्ध नकदी का प्रबन्धन सही से कर सकता है क्योंकि आकस्मिकता होने पर बीमित व्यक्ति को जेब से पैसे खर्च करने की आवश्यकता नहीं होती। बल्कि बीमा कंपनी द्वारा नुकसान की भरपाई की जाती है।
  • कहीं कहीं पर बीमा पालिसी वैधानिक एवं संविदात्मक आवश्यकताओं को पूरा करती है और वित्तीय संसाधनों का प्रमाण प्रदान करती है।
  • चूँकि बीमित व्यक्ति के साथ आकस्मिकता होने पर जब बीमा कंपनी द्वारा उसे या उसके परिवारजनों को बीमा राशि प्रदान की जाती है। तो इससे जोखिम नियंत्रण गतिविधि को बढ़ावा मिलता है क्योंकि अन्य लोग भी Insurance की ओर अग्रसित होते हैं।
  • बीमित व्यक्ति अक्सर भविष्य की आकस्मिकताओं के लिए निश्चिन्त होते हैं क्योंकि उन्हें इनके लिए एक बड़ी राशि अलग से रखने की आवश्यकता नहीं होती है। इसलिए बीमा पैसे को और अधिक कुशलता के साथ इस्तेमाल में लाने की आज़ादी देता है।
  • 1.5 लाख तक के जीवन बीमा प्रीमियम पर धारा 80 C के तहत कर-बचत कटौती पर छूट का प्रावधान है।
  • बीमाधारक एवं उसके परिवार के 25000 रूपये तक के मेडिकल बीमा प्रीमियम के लिए एवं माता पिता के 25000 रूपये तक के मेडिकल बीमा प्रीमियम पर धारा 80D के तहत कर बचत कटौती के लिए दावा किया जा सकता है। इस प्रकार Insurance कर बचत करने में महत्वपूर्ण योगदान देता है।    

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