निवेश के दौरान निवेशक से अपनी कमाई करने के वशीभूत अनेकों गलतियाँ हो जाती हैं जिन्हें निवेशक की गलती की संज्ञा दी जा सकती है | हालांकि सभी निवेशक अपनी बुद्धि, चातुर्य, सोच और अपनी क्षमता के अनुसार निवेश सम्बन्धी निर्णय लेते हैं, लेकिन कभी-कभी निवेश में निवेशक से त्रुटियाँ हो जाती हैं, जो हानि का कारण बनती हैं । इसलिए आज हम हमारे इस लेख के माध्यम से उन गलतियों के बारे में जानने की कोशिश करेंगे जो निवेशक द्वारा निवेश करने के दौरान की जाती हैं |
कहने का आशय यह है की हम निवेशक की गलती का उल्लेख इसमें करने वाले हैं, ताकि कोई भी निवेशक जो शेयर बाजार, म्यूच्यूअल फण्ड इत्यादि में निवेश करना चाहते हैं वे ऐसी गलतियाँ न करें और निवेश करके वे अपनी कमाई करने में सफल हो सकें | सामान्य तौर पर माना जाता है कि निवेशकों द्वारा निवेश के दौरान निम्नलिखित गलतियाँ हो सकती हैं |
निवेशक की गलती
- निवेशक की गलती में जो सबसे पहली गलती है वह यह है की निवेशक अपनी जोखिम सहन करने की क्षमता का सही से अनुमान नहीं लगा पाते इसलिए वे कभी-कभी अति उत्साह में अधिक जोखिम वाले निवेशों में निवेश कर देते हैं । हालांकि कहा जाता है कि अधिक जोखिम वाले निवेश, से अधिक लाभ कमाई करने की संभावना होती है | लेकिन फिर भी निवेशक को अपनी जोखिम क्षमता के अनुरूप ही निवेश करना चाहिए |
- निवेशक की गलती में दूसरी गलती मनुष्य के स्वभाव से जुड़ी हुई है | हमेशा से मनुष्य का स्वभाव रहा है की वह दूसरों की तुलना में अपने आपको ही सही मानते आया है | लेकिन निवेशक को यह बात माननी होगी की एक आदमी हर वक्त सही नहीं हो सकता | हालांकि यह भी सत्य है की अपने निवेश सम्बन्धी सभी निर्णय निवेशक को ही लेने होते हैं | लेकिन कभी-कभी अनुभवी लोगों की सलाह लेना कमाई की दृष्टी से लाभकारी एवं इसे नजरन्दाज करना निवेशक की गलती बन सकती है |
- लालच बुरी बला है यह कहावत आपने कभी न कभी किसी न किसी के मुहं से अवश्य सुनी होगी, और कभी कभी इसे वास्तविक दुनिया में चरितार्थ होते हुए भी देखा होगा | निवेशक की गलती में यह गलती निवेशक के लालच से जुड़ी हुई है | अधिक कमाई करने के वशीभूत निवेशक लालच पर काबू नहीं रख पाते और लालच में गलत निवेश कर देते हैं । जैसे निवेश का नियम है कि कम मूल्य पर खरीदो, अधिक मूल्य पर बेचो । लेकिन प्रत्येक गिरावट पर तो खरीददारी नहीं की जा सकती और न प्रत्येक बढोत्तरी पर बिक्री की जा सकती है । सामान्यतः हम इसी ‘प्रत्येक शब्द पर भरोसा कर लेते हैं और यही ‘प्रत्येक शब्द निवेशक की गलती में तब्दील हो जाता है |
- निवेश के दौरान निवेशक अपने Emotion पर काबू नहीं रख पाते जिसके कारण गलत निर्णय ले लेते हैं और उनके द्वारा किया गया निवेश उनकी कमाई करने के स्थान पर उन्हें हानि पहुंचाता है |
- निवेश करते समय कुछ निवेशक भीड़ का अनुसरण करते हैं । कहने का आशय यह है की जो निर्णय अन्यों ने लिया है वही निर्णय निवेशक भी ले लेता है, जबकि भीड़ से किसी विवेक पूर्ण निर्णय की उम्मीद नहीं की जा सकती है । इसलिए भीड़ का अनुसरण करना भी निवेशक की गलती के तौर पर सामने आता है |
- निवेशक की गलती में अगली गलती साझेदारी या भागीदारी से जुड़ी हुई है | निवेश कारोबार में भागीदारी सफल नहीं होती है । क्योंकि यदि निवेश के मामलों में सभी भागीदारों की सलाह ली जाएगी तो कोई निर्णय नहीं हो पाता और निवेश के सुनहरे अवसर निकल जाते हैं ।
- निवेश के दौरान कुछ निवेशक अपनी पूँजी को विभाजित नहीं करते और निवेशक की यही आदत आगे चलकर निवेशक की गलती के रूप में सामने आती है | क्योंकि कभी-कभी तो पूरी की पूरी पूँजी डूब जाती है । रिस्क को कम करने एवं कमाई की दृष्टी से निवेश का सुनहरा नियम है कि अपनी निवेश की पूंजी के कम से कम 10 हिस्से करो और एक योजना या एक प्रतिभूति पर 10 वें हिस्से से अधिक निवेश न करो ।
- कुछ निवेशक ओवर ट्रेडिंग करते हैं अर्थात जो सामने आया खरीद लिया, जिसने जो आफर दिया बेच दिया । ध्यान रहे निवेश के मामले में यह नीति ठीक नहीं होती । क्योंकि निवेश के निर्णय विवेक से लेने होते हैं ।
- निवेश के मामले में यदि निवेशक से कहीं कोई त्रुटि हो गई है । तो उसे समय रहते सुधार लेना बेहद जरुरी है | क्योंकि सफल और अच्छा निवेशक वह है जो त्रुटि का बोध होते ही उसे सुधार ले, जानबूझकर निवेशक की गलती की अनदेखी करना एक और भयंकर गलती है । इसलिए एक जिम्मेदार निवेशक बनिये और यह मत भूलिए की अपनी पूँजी को खोने से बचाने की जिम्मेदारी भी आप ही की है |
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