अनोखा बिजनेस – लोगों को और FSSAI को रास नहीं आया कंपनी का यह बिजनेस आईडिया।

बचपन में जब किसी से झगड़ा होता था तो बात बात में एक पक्ष दुसरे पक्ष से कहता था की यदि उसने अपनी माँ का दूध पिया है तो वह उसे हाथ लगा के दिखाए। इसके अलावा आज भी लोग कई मौकों पर माँ के दूध की ताकत का बखान करते हैं।

कुल मिलाकर देखा जाय तो माँ के दूध को किसी अमृत से कम नहीं माना गया है। और विज्ञान भी यह मानता है की जो ताकत और पोषण माँ के दूध में होता है वह बच्चे को अन्य किसी भी स्रोत से नहीं मिल सकता।

लेकिन वर्तमान में प्री मेच्योर डिलीवरी के चलते बहुत सारे बच्चे ऐसे होते हैं जिन्हें माँ का दूध उपलब्ध नहीं हो पाता है। कहने का आशय यह है की कई माँ जो वक्त से पहले बच्चे को जन्म दे देती हैं, या कई अन्य जटिलताओं के चलते उनमें दूध की कमी हो जाती है। जिससे वे अपने बच्चे को चाहकर भी माँ का दूध नहीं पिला पाती हैं।

ऐसे बच्चों को ध्यान में रखते हुए ही बैंगलोर की एक कंपनी ने माँ के दूध को डिब्बे में पैक करके बेचने का बिजनेस शुरू किया। लेकिन लोगों को उनका यह बिजनेस आईडिया पसंद नहीं आया, जिसके चलते FSSAI ने भी कंपनी का लाइसेंस रद्द कर दिया।

baby drinking milk from bottle

नियोलैक्टा लाइफसाइंसेज प्राइवेट लिमिटेड बैंगलोर में स्थित है     

आज के इस युग में क्या बिक सकता है और क्या नहीं शायद यह कठिन है। शायद यह कोई भी नहीं सोच सकता की एक दिन उसे अपने बच्चे के लिए माँ का दूध भी बाज़ार में उपलब्ध हो जाएगा। ऐसा कर दिखाया बेंगलुरु बेस्ड कंपनी नियोलैक्टा लाइफसाइंसेज प्राइवेट लिमिटेड ने, यह केवल भारत की नहीं अपितु एशिया की एकमात्र ऐसी कंपनी बनी जिसने माँ के दूध को बेचना शुरू किया।

लेकिन सोशल एक्टिविस्ट और लोगों को कंपनी का बिजनेस समाज के अनुकूल नहीं लगा तो उन्होंने इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। जिसके परिणाम स्वरूप भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण को कंपनी (FSSAI) का लाइसेंस रद्द करना पड़ा।   

माँ के दूध की बिक्री की अनुमति नहीं है

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने लाइसेंस रद्द करने का कारण बताते हुए कहा की नियमों के मुताबिक कोई भी माँ के दूध को बाज़ार में नहीं बेच सकता। यही कारण था की FSSAI ने कंपनी का लाइसेंस रद्द कर दिया था। लेकिन उसके बाद जब FSSAI ने कंपनी का निरीक्षण किया तो पता चला की 2021 में यही कंपनी आयुष लाइसेंस प्राप्त करके नारीक्षीरा नाम से माँ का दूध बेचना जारी रखे हुए है।

2016 में बैंगलोर में स्थापित हुई थी कंपनी  

नियोलैक्टा लाइफसाइंसेज प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना 2016 में बैंगलोर में हुई थी, इस कंपनी ने मूल रूप से डेयरी उत्पादों के लिए FSSAI से लाइसेंस प्राप्त किया था। लेकिन जब बाद में लोगों को पता चला की कंपनी युवा माताओं से दूध इकट्ठा करके उन्हें पैक करके बेच रही है, तो कंपनी का FSSAI License रद्द कर दिया गया था।

लेकिन लाइसेंस रद्द करने से पहले कई प्रतिष्ठित और इस क्षेत्र से सम्बन्धित लोगों ने भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के द्वारा इस तरह के बिजनेस के लिए लाइसेंस प्रदान करने पर हैरानी जताई थी। लोगों का कहना था की कोई कैसे माँ के दूध को एक डेयरी उत्पाद की तरह बेच सकता है।

बच्चों को ह्यूमन मिल्क बैंक भी प्रदान करते हैं माँ का दूध

एक आंकड़े के मुताबिक भारत में 80 से अधिक Human Milk Bank हैं। यहाँ माताओं द्वारा दान किये गए माँ के दूध को कम तापमान पर सुरक्षित रखा जाता है, और जरुरत पड़ने पर जरुरतमंदों को प्रदान किया जाता है। जैसा की हम पहले ही बता चुके हैं की प्रसव के बाद हर माता अपने बच्चे को दूध पिलाने में समर्थ हो यह संभव नहीं है।

कई माताएं प्रसव जटिलताओं या स्वास्थ्य जटिलताओं के चलते अपने नवजात को माँ का दूध पिलाने में असमर्थ रहती हैं। ऐसे बच्चों के लिए ह्यूमन मिल्क बैंक द्वारा माँ का दूध प्रदान किया जाता है। जहाँ तक ह्यूमन मिल्क बैंक में दूध आने का सवाल है यहाँ पर युवा माताएं दूध दान करती हैं, ताकि उनका दूध किसी बच्चे के काम आ सके।

यद्यपि गरीब और अक्षम लोगों को ह्यूमन मिल्क बैंक से माँ का दूध मुफ्त में भी दिया जाता है। लेकिन जो सक्षम हैं उनसे 50 मिलीलीटर दूध के 100-150 रूपये लिए जाते हैं।

नियोलैक्टा माँ के दूध की कीमत क्या है  

जानकारी के मुताबिक कंपनी माँ के दूध को न सिर्फ तरल स्वरूप में बेचती है बल्कि पाउडर भी बेचती है। और नियोलैक्टा फ्रोजन ब्रैस्ट मिल्क के 300 मिलीलीटर दूध की कीमत लगभग 4500 रूपये है । और कहा यह जाता है की एक स्वस्थ्य बच्चे को एक दिन में 150 मिलीलीटर दूध की आवश्यकता होती है, जबकि प्री मेच्योर बच्चे को लगभग 30 मिलीलीटर दूध रोज चाहिए होता है।

इस तरह से देखा जाय तो इस माँ के दूध की कीमत आम लोगों की पहुँच से बाहर है क्योंकि 2250 रूपये का प्रतिदिन माँ का दूध पिलाने की क्षमता धनवान लोगों में ही हो सकती है। हालांकि कंपनी का दावा है की वह अब तक लगभग 450 अस्पतालों में 51000 से अधिक बच्चों को अपने इस उत्पाद माँ के दूध का फायदा पहुँचा चुकी है।

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