सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बनें । How to Become a Software Engineer in India.

Software Engineer नामक यह ओहदा वर्तमान में बेहद प्रचलित है इसलिए बच्चे एवं बच्चों के माता पिता भी चाहते हैं की उनके बच्चे बड़े होकर सॉफ्टवेर इंजीनियर बनकर मल्टी नेशनल कंपनी में काम करके अपनी कमाई करें । जैसा की हम सबको विदित है की वर्तमान की दुनिया कंप्यूटर की दुनिया है बिना कंप्यूटर की मदद लिए किसी भी कार्य को निष्पादित करना बेहद कठिन हो गया है ।

जी हाँ यह कोई असाधारण बात नहीं है बल्कि यह सत्य है की दुनिया की बहुत सारी जटिल समस्याओं का Software Engineer ने हल निकाल कर इन्हें बेहद आसान बना दिया है और आगे भी यह मनुष्य जीवन को और आसान बनाने के लिए कार्यरत हैं । कंप्यूटर की प्रोग्रामिंग भाषा कोई आम भाषा या सरल भाषा नहीं होती है इसलिए इसे समझना बेहद कठिन होता है इसी भाषा को अच्छी तरह समझ लेने के बाद ही व्यक्ति Software Engineer कहलाता है ।

इस भाषा को समझने के लिए अलग अलग कमांड एवं सिंबल को समझने की आवश्यकता होती है । ऐसे लोग जो सॉफ्टवेर इंजीनियरिंग में कैरियर बनाकर कमाई करना चाहते हैं उनके लिए हम इस लेख के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारी प्रेषित करने जा रहे हैं जिसमें हम यह जानने की कोशिश करेंगे की कैसे कोई व्यक्ति Software Engineer बनकर अपनी कमाई कर सकता है । लेकिन इससे पहले हम यह जान लेते हैं की सॉफ्टवेर इंजीनियर होते कौन हैं ।

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Software Engineer कौन होते हैं

एक Software Engineer उस व्यक्ति को कह सकते हैं जो कंप्यूटर सॉफ्टवेर के डिजाईन, डेवलपमेंट, रखरखाव, टेस्टिंग एवं मूल्यांकन के लिए सॉफ्टवेर इंजीनियरिंग के सिद्धांतों को लागू करता है । कहने का अभिप्राय यह है की Software Engineer  कंप्यूटर विज्ञानं, इंजीनियरिंग एवं गणितिय विश्लेषण के सिद्धांतो एवं अन्य तकनीकों को लागू करते हैं ।

ये सभी तकनीकें सॉफ्टवेर के डिजाईन, डेवलपमेंट, परीक्षण मूल्यांकन, सिस्टम इत्यादि को कई अनुप्रयोगों को करने में सक्षम बनाता है । सॉफ्टवेर इंजीनियर का काम कई प्रकार के सॉफ्टवेर डिजाईन, ऑपरेटिंग सिस्टम एवं सॉफ्टवेर इत्यादि को विकसित करने का होता है ।

सॉफ्टवेर इंजिनियर कैसे बनें?(How to Become Software Engineer in Hindi):  

अपने देश भारत में Software Engineer बनना एक सामाजिक रूप से विशेष चिहन है क्योंकि हर माता पिता अपने बच्चे को एक प्रभावशाली कंप्यूटर गीक बनाना चाहते है । लेकिन सॉफ्टवेर इंजीनियर बनना कोई आसान कार्य नहीं है इसके लिए बहुत सारी मेहनत एवं समर्पण की आवश्यकता होती है । इसलिए ऐसे लोग जो कंप्यूटर की मूल बातों एवं अवधारणा से मजबूत हैं वे इस ओर अपनी यात्रा को सफलतापूर्वक आगे ले जा सकते हैं । इस लेख में आगे हम इस यात्रा के बारे में स्टेप बाई स्टेप वार्तालाप करेंगे ।

सॉफ्टवेर इंजिनियर बनने के लिए पात्रता (Eligibility Criteria):

  • इंटरमीडिएट यानिकी बारहवीं पास साइंस स्ट्रीम से होना बेहद जरुरी है ।
  • विद्यार्थी को अंग्रेजी एवं गणित में मजबूत होना चाहिए ।
  • कम्युनिकेशन स्किल अच्छी होनी चाहिए ।
  • एंट्रेंस एग्जाम जैसे AIEEE, IIT-JEE इत्यादि में पास एवं अच्छे स्कोर होने चाहिए ।

एडमिशन सेंट्रली या आम मंचों द्वारा तैयार किये जाते हैं जहाँ शीर्ष इंजीनियरिंग कॉलेजों में छात्रों को उनके प्रवेश स्कोर, मेरिट एवं इंजीनियरिंग क्षेत्र की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखकर प्रवेश दिया जाता है । हालांकि योग्य उम्मीदवारों को पता होना चाहिए की देश में शीर्ष इंजीनियरिंग कॉलेज कौन कौन से हैं ताकि वे उनमे एडमिशन लेने के लिए उपयुक्त मेहनत कर सकें ।

सॉफ्टवेर इंजीनियरिंग के लिए कोर्स (Courses for Software Engineering):

चूँकि यह एक विस्तृत श्रेणी होती है इसलिए इसमें कई पाठ्यक्रम शामिल होते हैं जो कंप्यूटर के हर वर्चुअल पहलू पर केन्द्रित होते हैं । इसमें कुछ कोर्स फुल टाइम के होते हैं तो कुछ ऐसे कोर्स भी होते हैं जिन्हें पार्ट टाइम किया जा सकता है इसलिए यह सब Software Engineer बनने की चाह रखने वाले व्यक्ति पर निर्भर करता है की वह किस पाठ्यक्रम में विशेषज्ञता हासिल करना चाहता है ।

फुल टाइम कोर्स:

Software Engineer बनने के लिए फुल टाइम कोर्स आम तौर पर 4 वर्षों के लिए स्नातक डिग्री कोर्स होते हैं जो पूरी दुनियां में उच्च शिक्षा के लिए मानक के तौर पर प्रसिद्ध हैं । इसलिए कोई भी इच्छुक विद्यार्थी किसी भी राज्य विश्वविद्यालयों, निजी विश्वविद्यालयों, केंद्रीय विश्वविद्यालयों और समख्यात विश्वविद्यालयों से इस स्नातक की डिग्री को अर्जित कर सकते हैं । नीचे दिए गए स्नातक की डिग्रीयों में से विद्यार्थी किसी का भी चयन कर सकता है ।

1. Bachelor in Technology (B.Tech):

यह एक स्नातक शैक्षणिक डिग्री कार्यक्रम है जिसकी अवधि तीन से चार साल तक की हो सकती है । इसे किसी भी मान्यता प्राप्त इंजीनियरिंग कॉलेज से पूरा किया जा सकता है ।

2. Bachelor of Computer Application (BCA):

यह भी एक स्नातक डिग्री कोर्स है जिसकी अवधि तीन साल की होती है यह कोर्स ऐसे विद्यार्थियों के लिए डिजाईन किया गया है जो कंप्यूटर की भाषा सीखकर Software Engineer बनकर सॉफ्टवेर कंपनियों में नौकरी करके कमाई करना चाहते हैं ।

3. Bachelor in Engineering (BE):

यह एक स्नातक डिग्री शैक्षणिक कार्यक्रम है जिसकी अवधि 4-5 सालों की हो सकती है ।

यद्यपि भारतवर्ष में कंप्यूटर की शिक्षा देने वाले अनेकों संस्थान उपलब्ध है लेकिन इनमे से कुछ ही संस्थान जैसे IIT, NIT’s इत्यादि ऐसे हैं जो अपने विद्यार्थियों को B.Tech की डिग्री देते हैं इसके अलावा और भी कुछ गिने चुने संस्थान है जो इस तरह की डिग्री अपने विद्यार्थियों को प्रदान करते हैं  । अन्य कॉलेज अपने यहाँ से पासआउट विद्यार्थियों को B.E की डिग्री प्रदान करते हैं । जहाँ तक BCA की बात है वैसे देखा जाय तो इसका इंजीनियरिंग से कोई लेना देना नहीं है बल्कि यह कोर्स कंप्यूटर साइंस से जुड़ा हुआ कोर्स है ।

पार्ट टाइम कोर्स:   

वैसे देखा जाय तो Software Engineering के लिए अनेकों कोर्स पार्ट टाइम के तौर पर उपलब्ध हैं जो विभिन्न कंप्यूटर लर्निंग सेण्टर एवं कॉलेजों द्वारा अपने विद्यार्थियों को उपलब्ध कराये जाते हैं । कोई भी विद्यार्थी अपना विशेष क्षेत्र चुनकर सीखना शुरू कर सकता है चूँकि वर्तमान में ई लर्निंग भी जोरों शोरों से चल रही है इसलिए ज्ञानवर्धन के लिए यह भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है । इस तरह के ये पार्ट टाइम कोर्स केवल सीखने एवं प्रमाण प्रदान करते हैं जो किसी के बायो डाटा में एक अतिरिक्त जोड़ होता है ।

इसलिए इस प्रकार के कोर्स करके कोई भी व्यक्ति या विद्यार्थी अपने आपको Software Engineer नहीं कह सकता जब तक की उसके पास इंजीनियरिंग की डिग्री न हो । इसलिए यह स्पष्ट है की Software engineer बनने के लिए कंप्यूटर इंजीनियरिंग की डिग्री नितांत आवश्यक है फिर भी कुछ पार्ट टाइम कोर्स की लिस्ट निम्नवत है ।

  • C++ एडवांस प्रोग्रामिंग
  • जावा कोडिंग
  • एनीमेशन एवं डिजाईन
  • फोटोशॉप एवं कोरेल ड्रा
  • एप्लीकेशन डेवलपमेंट
  • सॉफ्टवेर मेकिंग कोर्स
  • SQL, Mysql डेटाबेस मैनेजमेंट

 सॉफ्टवेर इंजिनियर बनने की प्रक्रिया (Step By Step Process to become Software Engineer in Hindi):

यद्यपि Software Engineer बनने के लिए दो ही कोर्स B. Tech एवं BE हैं BCA इंजीनियरिंग से जुड़ा न होकर कंप्यूटर साइंस से जुड़ा हुआ कोर्स है । इसलिए कंप्यूटर इंजीनियर बनने के लिए विद्यार्थी को इंजीनियरिंग की डिग्री लेनी अनिवार्य है । चूँकि कंप्यूटर की भाषा में चीजों को आसान बनाने के लिए गणित की भी आवश्यकता हो सकती है इसलिए ऐसे विद्यार्थी जिन्हें गणित में रूचि हो वे अपनी यात्रा को जल्दी आगे बढ़ा सकते हैं ।

कहने का आशय यह है की यदि 12th विद्यार्थी PCM+English से करे तो उसकी आगे की राह थोड़ी सरल हो जाएगी । क्योंकि अधिकतर संस्थानों में बी टेक एवं बी ई में एडमिशन के लिए इस तरह की पात्रता की मांग की जाती है ।  टेक्नोलॉजी के दिन ब दिन विकसित होने के साथ एवं हमारी रोजमर्रा की जिन्दगी का हिस्सा बनने के कारण टेक्नोलॉजी से जुड़े प्रोफेशनल की मांग लगातार बढती जा रही है ।

जहाँ तक Software Engineer की बात है ये मनुष्य जीवन को आसान बनाने एवं प्रोग्राम के रूप में समस्याओं का हल खोजने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं । हालांकि स्वयं द्वारा अर्जित प्रोग्रामिंग एवं कोडिंग स्किल भी किसी व्यक्ति को नौकरी खोजने में सहायता प्रदान कर सकते हैं लेकिन औपचारिक शिक्षा बेहतर वेतन एवं उच्च पदनामों के साथ इस क्षेत्र में कैरियर बनाने में सहयक होती है । तो आइये जानते हैं Software Engineer बनने की प्रक्रिया के बारे में ।

Step 1 डिग्री प्राप्त करें :  

Software Engineer बनने के इच्छुक विद्यार्थी को सर्वप्रथम उपर्युक्त डिग्री कोर्स में से किसी एक का चुनाव करके किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त करनी होगी ।

Step 2 प्रोग्रामिंग सीखें :

यद्यपि Engineering की डिग्री प्राप्त होने के बाद विद्यार्थी नाम का तो Software Engineer बन जाता है लेकिन काम का इंजीनियर बनने के लिए अभी भी उसे बहुत अधिक परिश्रम की आवश्यकता होती है । इसलिए अब उसे प्रोग्रामिंग सीखनी शुरू कर देनी चाहिए ध्यान रहे विद्यार्थी जितनी ज्यादा मेहनत करेगा उतना ही ज्यादा वह सीख पायेगा और उतना ही अच्छा वह इंजिनियर बन पायेगा । विद्यार्थी का प्रोग्रामिंग कौशल ही इस क्षेत्र में उसके उज्जवल भविष्य को सुनिश्चित करेगा ।

Step 3 गणितिय कौशल बढ़ाएं:

यद्यपि हम उपर्युक्त वाक्यों में भी बता चुके हैं की विद्यार्थी का गणितिय पृष्ठभूमि से होना बेहद जरुरी है इसलिए यदि आपको लगता है की आपकी गणित थोड़ी कमजोर हो गई है तो आप उसे मजबूत बनाने की कोशिश करें क्योंकि Software Engineer को अनेकों गणितिय अल्गोरिदम पर कार्य करना होता है ताकि सॉफ्टवेर चल सके । इसलिए इस यात्रा में विद्यार्थी का गणितिय कौशल उसकी बहुत मदद करेगा इसलिए अपने इस कौशल को हमेशा बढाने की कोशिश करते रहें ।

Step 4 विशेष उद्देश्य के लिए खुद का सॉफ्टवेर बनायें:

Software Engineer को अब किसी विशिष्ट उद्देश्य के लिए खुद का सॉफ्टवेर बनाने का प्रयत्न करना चाहिए क्योंकि नौकरी ढूंढने के दौरान यदि व्यक्ति अपने नियोक्ता को यह बताएगा की उसने खुद वह सॉफ्टवेर बनाया है तो वह सैद्धांतिक ज्ञान की तुलना में ज्यादा प्रभावी होगा । इसलिए सीखने के साथ साथ व्यक्ति को उसे वास्तविक रूप देने का भी प्रयत्न करना चाहिए ।

Step 5 इंटर्नशिप करें:

व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए इंटर्नशिप बेहद जरुरी हो जाती है इसलिए Software Engineer बनने की चाह रखने वाले व्यक्ति का अब अगला कदम किसी नामी गिरामी सॉफ्टवेर कंपनी में इंटर्नशिप ढूँढने का होना चाहिए । यदि किसी मल्टी नेशनल कंपनी में उसे यह मौका मिल रहा है तो उसे यह तुरंत स्वीकार कर लेना चाहिए ।

Step 6 नौकरी तलाशें:

इंटर्नशिप के बाद अगला कदम नौकरी तलाशने का होना चाहिए हालांकि टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज में प्लेसमेंट की उचित व्यवस्था होती है जो अपने पासआउट विद्यार्थियों को किसी कंपनी में नौकरी के लिए भेज देते हैं । लेकिन ऐसे विद्यार्थी जो इन सुविधाओं से वंचित हैं वे अपने लिए ऑनलाइन जॉब पोर्टल इत्यादि के माध्यम से नौकरी तलाश सकते हैं ।

Step 7 आत्मनिरीक्षण करें और आगे बढ़ें:

यद्यपि Software Engineer तो व्यक्ति इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद ही बन जाता है लेकिन तब वह सिर्फ नाम का इंजिनियर होता है काम का इंजिनियर बनने के लिए उसे उपर्युक्त स्टेप में बताई गई बातों का अनुसरण करना होता है । लेकिन नौकरी मिल जाने के बाद भी व्यक्ति को संतुष्ट होकर बैठना नहीं चाहिए बल्कि अपना आत्म निरीक्षण करना चाहिए की क्या उसने समय व्यतीत होने के साथ तरक्की की है की नहीं यदि नहीं तो Software Engineer औपचारिक शिक्षा ग्रहण करने के लिए मास्टर डिग्री जैसे M.Tech, ME इत्यादि कर सकता है ।

सॉफ्टवेर इंजिनियर की कमाई:

हालांकि Software Engineer बनकर व्यक्ति के पास खुद के सॉफ्टवेर डेवलप कर और उन्हें बेचकर भी कमाई करने का विकल्प होता है लेकिन इस क्षेत्र में अधिकतर लोग नौकरी से कमाई करना पसंद करते हैं । जहाँ तक Software Engineer के वेतन का सवाल है शुरूआती दौर में इनका वेतन 25000-35000 रूपये महीना हो सकता है लेकिन जैसे जैसे व्यक्ति का काम करने का अनुभव बढ़ता जाता है वैसे वैसे उसके वेतन का पैकेज भी बढ़ता जाता है ।

कहने का आशय यह है की व्यक्ति के अनुभव, शिक्षा, काम करने की क्षमता इत्यादि गुणों को देखते हुए यह वेतन महीने में हजारों से शुरू होकर लाखों तक भी पहुँच सकता है । इसलिए यह पूरी तरह से Software Engineer पर निर्भर करता है की वह अपने आपको अपने काम के प्रति कितना मजबूत बना पाता है ।

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