सोया पनीर का निर्माण सोया से निर्मित दूध से किया जाता है, सोया मिल्क की यदि हम बात करें तो यह सोयबीन से बना सस्ता एवं बहुमुखी उच्च प्रोटीनयुक्त भोजन है । अधिकांश अन्य प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थों की तुलना में यह पूरी तरह से कोलेस्ट्रॉल फ्री, और वसा विशेष तौर पर संतृप्त वसा में कम होता है। सोया मिल्क में वैसे ही प्रोटीन की गुणवत्ता पाई जाती है, जैसी चिकन में पाई जाती है।
और ऐसे लोग जो डाइट पर होते हैं, यह उनके लिए भी उपयुक्त रहता है। क्योंकि इसमें कैलोरी भी कम होती है। इसके अलावा सोयाबीन से उत्पादित उत्पाद जैसे Soya Paneer इत्यादि शिशुओं, बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी उत्कृष्ट भोजन के रूप में देखा जा सकता है। क्योंकि इसमें वानस्पतिक प्रोटीन होता है, जो पौष्टिक होने के साथ साथ पचाने में भी आसान होता है।
यह भी स्पष्ट है की सोया दूध एवं इससे निर्मित उत्पाद प्रोटीन के सबसे सस्ते स्रोतों में से एक हैं। सोया पनीर की यदि हम बात करें तो, इससे विभिन्न प्रकार की स्वादिष्ट डिश जैसे मटर पनीर, शाही पनीर, पालक पनीर एवं स्नैक्स जैसे सोया बर्गर, पैटीज़, सैंड विच, पकोड़े इत्यादि बनाये जा सकते हैं। और इसे अनेकों तरह के स्वादिष्ट डेजर्ट बनाने में भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
चूँकि इस उत्पाद को सोया दूध से बनाया जाता है, इसलिए यह उच्च गुणवत्तायुक्त प्रोटीन एवं विटामिन का एक समृद्ध स्रोत होता है। इसे सोयाबीन से निर्मित दूध को गाढ़ा करके या जमाकर बनाया जाता है और यह सफ़ेद एवं मुलायम होता है। सोयाबीन की यदि हम बात करें तो, यह एक फलीदार फसल होती है जो प्रोटीन से भरपूर होती है।
इससे सिर्फ Soya Paneer ही नहीं अपितु सोया मिल्क, सॉस, सोयाबीन तेल इत्यादि मूल्य वर्धित उत्पाद बनाये जाते हैं। यही कारण है की जैसे जैसे लोगों के बीच स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ रही है, वैसे वैसे सोया उत्पादों की मांग भी बढती जा रही है।
सोया पनीर की बिक्री संभावना
जैसा की हम पहले भी स्पष्ट कर चुके हैं, की सोयाबीन एवं सोयाबीन से बने उत्पाद पौष्टिक होते हैं। इसलिए इनकी स्वीकृति समाज में बढती जा रही है। सोयाबीन के कुछ लोकप्रिय उत्पादों में सोया सॉस, सोयाबीन तेल और सोया दूध शामिल है। बढती स्वास्थ्य जागरूकता के कारण लोगों द्वारा सोया आधारित उत्पादों को पसंद किया जा रहा है।
लेकिन जहाँ तक Soya Paneer की बात है इसकी कीमत साधारण पनीर से काफी कम होती है, इसलिए इसकी मांग बढ़ने के आसार लगाये जा सकते हैं। जानवरों के दूध से निर्मित पनीर की कीमत 270/ रूपये किलो से अधिक है, इसकी तुलना में सोया पनीर को बेहद कम कीमत में ख़रीदा जा सकता है। यह इस उत्पाद की एक बहुत बड़ी विशेषता है।
वैसे देखा जाय तो सोया पनीर कोई पुराना उत्पाद नहीं है, बल्कि यह एक नई अवधारणा है और उपभोक्ताओं द्वारा भी धीरे धीरे स्वीकार किया जा रहा है। इसलिए अभी तो इस व्यवसाय के लिए सिर्फ शहरी, अर्धशहरी लोगों को ही टारगेट किया जा सकता है। क्योंकि ग्रामीण इलाकों में तो पशुपालन के जरिये दुग्ध उत्पादन होता ही है।
सोया पनीर निर्माण बिजनेस कैसे शुरू करें (How to Start Soya Paneer Manufacturing Process):
पनीर की यदि हम बात करें तो यह दूध आधारित एक बेहद ही लोकप्रिय उत्पाद है, इस उत्पाद से अनेकों तरह के शाकाहारी डिश का निर्माण किया जाता है। यही कारण है की इसका इस्तेमाल हर छोटे बड़े भोजनालय से लेकर रेस्टोरेंट एवं फाइव स्टार होटल तक बड़े पैमाने पर होता है।
पशुओं के दूध से निर्मित पनीर एक स्थापित उत्पाद है, लेकिन यह महंगा है। इसलिए सोया पनीर पोषण एवं कीमत के तौर पर इसका एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। लेकिन सोया पनीर निर्माण बिजनेस शुरू करने के लिए भी उद्यमी को अनेकों कदम उठाने की आवश्यकता होती है, इनमें से कुछ प्रमुख कदमों का वर्णन निम्नवत है।
1. सोया पनीर व्यवसाय का बिजनेस प्लान तैयार करें
Soya Paneer Manufacturing Business शुरू करने वाले उद्यमी को सर्वप्रथम अपने व्यवसाय के लिए एक बेहद प्रभावी योजना तैयार करनी होगी। इस प्रभावी योजना को उद्यमी को सिर्फ अपने मष्तिष्क तक सिमित नहीं रखना होगा, बल्कि मष्तिष्क में चल रही योजना को व्यवहारिक तौर पर कागज़ में उतारकर दस्तावेज का स्वरूप प्रदान करना होगा।
व्यवहारिक से हमारा आशय एक ऐसी योजना से है, जो वर्तमान परिस्थितयों को देखते हुए पूर्ण की जा सके। अर्थात उस योजना में काल्पनिक कुछ भी नहीं होना चाहिए। एक प्रभावी बिजनेस प्लान उद्यमी को सिर्फ उसका बिजनेस स्थापित करने में ही मदद नहीं करता, बल्कि आने वाले समय में व्यवसायिक लक्ष्यों को पूर्ण करने में भी मदद करता है।
इसलिए एक बिजनेस प्लान में उद्यमी को अपने व्यवसायिक योजना सम्बन्धी हर बात का उल्लेखन करना अत्यंत आवश्यक है। इसमें न सिर्फ बिजनेस पर आने वाली अनुमानित लागत, बल्कि भविष्य में उससे होने वाली अनुमानित कमाई का भी ब्यौरा होता है।
और एक निश्चित समय में उद्यमी अपने सोया पनीर व्यवसाय को किस मुकाम पर देखना चाहता है। अर्थात व्यवसायिक लक्ष्य एवं उन्हें प्राप्त करने के लिए व्यवहारिक योजना का भी उल्लेखन होता है। इसलिए किसी भी व्यवसाय के लिए एक प्रभावी बिजनेस प्लान का होना नितांत आवश्यक है।
2. जमीन एवं बिल्डिंग का प्रबंध करें
भारत एक कृषि प्रधान देश है, इसलिए यहाँ हर राज्य में कहीं अधिक तो कहीं कम कृषि पैदावार होती रहती है। और जहाँ तक सोया पनीर का सवाल है, इसे सोया मिल्क से बनाया जाता है। और सोया मिल्क को सोयाबीन से बनाया जाता है, जो की एक दलहन की फसल है।
इसलिए इसे महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश इत्यादि राज्यों जहाँ सोयाबीन की पैदावार ठीक ठाक होती है, वहां शुरू करना लाभकारी हो सकता है। और इस तरह की इकाई स्थापित करने के लिए कितनी जगह की आवश्यकता होगी, वह तो इस बात पर निर्भर करता है की उद्यमी की योजना कितने उत्पादन टन क्षमता का प्लांट स्थापित करने की है।
क्योंकि जिस प्लांट की उत्पादन क्षमता जितनी अधिक होगी, उस प्लांट के लिए उतनी अधिक मशीनरी, कच्चा माल, कर्मचारी इत्यादि की आवश्यकता होगी। और इसलिए स्वत: ही जगह की भी अधिक आवश्यकता होगी।
चूँकि इस परिसर में उद्यमी को विनिर्माण स्थल के अलावा भी, स्टोर, बिजली उपयोगिताओं के लिए जगह, जनरेटर सेट इत्यादि के लिए जगह, ऑफिस के लिए जगह इत्यादि की आवश्यकता होती है। इसलिए Soya Paneer Manufacturing व्यवसाय शुरू करने के लिए कम से कम 800-1200 वर्ग फीट जगह की आवश्यकता हो सकती है।
3. सोया पनीर विनिर्माण हेतु आवश्यक लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन करें
सोया पनीर विनिर्माण बिजनेस को यदि उद्यमी स्थानीय लोगों की पनीर सम्बन्धी मांग की आपूर्ति के लिए शुरू कर रहा है, और उसकी इसे पैकिंग इत्यादि करके देश के अन्य बाज़ारों में भेजने की कोई योजना नहीं है। तो इस परिस्थिति में फ़ूड लाइसेंस के अलावा अन्य किसी लाइसेंस की अनिवार्यता तो नहीं है।
लेकिन उद्यमी चाहे तो अपनी मर्जी से निम्नलिखित लाइसेंस रजिस्ट्रेशन कराकर अपनी व्यवसाय की विश्वसनीयता को बढ़ा सकता है।
- अपने व्यवसाय को प्रोप्राइटरशिप इकाई के तौर पर रजिस्टर कर सकता है।
- इनवॉइस इत्यादि जनरेट करने के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन करा सकता है।
- स्थानीय प्राधिकरण से ट्रेड लाइसेंस या फैक्ट्री लाइसेंस प्राप्त कर सकता है।
- चूँकि या खाद्य उत्पाद है इसलिए इसके लिए फ़ूड लाइसेंस की अनिवार्यता हो सकती है।
- उद्यम रजिस्ट्रेशन एवं एमएसएमई डाटा बैंक रजिस्ट्रेशन कर सकता है।
4. सोया पनीर विनिर्माण के लिए मशीनरी एवं उपकरण खरीदें
जहाँ तक Soya Paneer Manufacturing के लिए इस्तेमाल में लायी जाने वाली मशीनरी एवं उपकरणों का सवाल है इन्हें उद्यमी 1.5 से 2 लाख रूपये खर्च करके आसानी से खरीद सकता है। लेकिन इनकी खरीदारी से पहले उद्यमी को अच्छे सप्लायर का चुनाव अवश्य कर लेना चाहिए। सोया पनीर व्यवसाय में इस्तेमाल में लायी जाने वाली कुछ प्रमुख मशीनरी एवं उपकरणों की लिस्ट इस प्रकार से है।
- फ़िल्टर प्रेस
- ग्राइंडर कम कुकर
- गैस से चलने वाली भट्टी
- डीप फ्रीजर
- स्टेनलेस स्टील के बर्तन
- मापक यंत्र
5. कच्चे माल का प्रबंध करें
सोया पनीर का निर्माण सोया मिल्क से किया जाता है, और सोया मिल्क की उपलब्धता बाजार में आसानी से नहीं होती है। इसलिए हो सकता है की इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने वाले उद्यमी को सोया मिल्क का निर्माण भी इन हाउस ही करवाना पड़े। इसलिए इसमें सबसे महत्वपूर्ण कच्चा माल अच्छी क्वालिटी का सोयाबीन ही है।
और जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं, की सोयाबीन का उत्पादन भारत के लगभग हर एक राज्य में किया जाता है। इसलिए उद्यमी के लिए कच्चे माल का प्रबंध करना कोई चुनौतीपूर्ण कार्य तो नहीं है । लेकिन उद्यमी को बाजार से कम भाव में सोयाबीन खरीदने की कोशिश अवश्य करनी चाहिए, ताकि वह अपने लाभ के हिस्से को बढ़ा पाने में सक्षम हो।
इसके अलावा उद्यमी को थोड़े बहुत मात्रा में सिट्रिक एसिड की भी आवश्यकता कच्चे माल के तौर पर हो सकती है, और पैकेजिंग सामग्री के तौर पर प्लास्टिक बैग, कार्टून, लेबल, बॉक्स स्ट्रेपिंग की भी आवश्यकता हो सकती है।
6. सोया पनीर का निर्माण शुरू करें
जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं की सोयाबीन दूध आसानी से उपलब्ध नहीं हो पायेगा। इसलिए सोया पनीर विनिर्माण बिजनेस शुरू करने वाले उद्यमी को सोया मिल्क भी इन हाउस ही तैयार करना होगा। खरीदी गई अच्छी गुणवत्तायुक्त सोयाबीन को साफ़ किया जाता है, उसके बाद इन्हें चार घंटों तक पानी में भिगोया जाता है।
उसके बाद इस प्रक्रिया में इन्हें गर्म पानी से धोया जाता है, इस गर्म पानी की मात्रा सोयाबीन की मात्रा से 7-8 गुना अधिक होती है। उसके बाद कुछ गर्म पानी ग्राइंडर में उसके हॉपर के माध्यम से डाला जाता है और फिर इन्हें पच्चीस मिनट तक ग्राइंडर में पीसा जाता है। उसके बाद इस घोल को 120®C के तापमान पर लगभग तीन मिनट तक कुकर में पकाया जाता है।
उसके बाद इस प्रक्रिया में इस घोल को मलमल के कपड़े से छान लिया जाता है, छाना हुआ पदार्थ ही सोया मिल्क कहलाता है। उसके बाद इस दूध से पनीर बनाने के लिए दूध में थोड़ी मात्रा में सिट्रिक एसिड मिला दिया जाता है । और दूध जम जाता है, इस जमे हुए पदार्थ को लगभग आधे घंटे के लिए मैकेनिकल प्रेस में दबा दिया जाता है। इससे सोया पनीर से पानी के कण निकल जाते हैं, और फिर निर्मित Soya Paneer को पैक करके मार्किट में बेचने के लिए भेज दिया जाता है।
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