Sanitary pad business में सैनेटरी का अर्थ स्वच्छता या साफ़ सफाई से लगाया जा सकता है । जब कोई लड़की किशोरावस्था की दहलीज पर कदम रखती है । तब उसके शरीर में बदलाव होने शुरू हो जाते हैं। और इन्ही बदलावों के मद्देनज़र औरत के शरीर से एक egg destroy होता है ।
जिसके चलते गर्भाशय से रक्त, कोषाणु एवं आंव प्रवाहित होने लगता है। जो लगभग 4, 5 दिनों तक प्रवाहित होता रहता है। और यह प्रतिक्रिया औरत के शरीर में साधारण परिस्थितियों में हर महीने अर्थात 28 से 40 दिनों के बीच चलती रहती है। इसी प्रवाह को रोकने हेतु औरतों द्वारा सेनेटरी नैपकीन उपयोग में लाया जाता है।
चूँकि एक सैनिटरी नैपकिन सोखने की शक्ति रखने वाली वस्तु रुई इत्यादि से निर्मित होती है। इसलिए जब यह उपयोग में लाया जाता है, तो वह प्रवाहित रक्त, कोषाणु एवं आंव को सोख लेता है। अच्छी साफ़ सफाई रखने हेतु महिलाएं मासिक धर्म के दौरान एक दिन में तीन से चार सैनिटरी नैपकिन का उपयोग करती हैं।
इसका मतलब हुआ की की एक महिला एक महीने में 15 Pads का उपयोग तो करती ही करती है। इसके अलावा बच्चे को जन्म देने, और गर्भपात के दौरान और बाद में भी, सैनिटरी नैपकिन का उपयोग किया जाता है । इसलिए यह बताने की बिलकुल आवश्यकता नहीं है की, यह Sanitary pad Business किसी भी व्यक्ति के लिए कितना लाभकारी business हो सकता है ।
बिक्री संभावना (Sanitary pad business Me Scope):
जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में बता चुके हैं । सैनिटरी नैपकिन महिलाओं द्वारा मासिक धर्म के दौरान उपयोग में लाया जाता है। लेकिन इसमें एक तथ्यात्मक बात यह है, की ग्रामीण इलाकों में निवासित महिलाएं पैड का उपयोग न करके, सूती इत्यादि कपड़े का इस्तेमाल करती हैं ।
जो यह दर्शाता है की ग्रामीण इलाकों की महिलाओं में अभी सैनिटरी नैपकिन के प्रति जागरूकता का अभाव है। लेकिन इस दिशा में सरकार और कुछ NGO कार्यशील हैं। जो ग्रामीण महिलाओं के बीच उन्हें मुफ्त में या फिर बहुत ही कम कीमत में सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध करा रहे हैं।
ताकि इसको वे अपनी जीवनशैली का हिस्सा बना सकें। कहने का अभिप्राय यह है की सैनिटरी नैपकिन बिजनेस के लिए अभी पूरा ग्रामीण भारत एक बहुत बड़ी Market है। तो आइये जानते हैं की India में यह बिजनेस करने के लिए कौन कौन से मुख्य गतिविधियाँ (Steps) करनी पड़ेंगी।
प्रोडक्ट की व्यवहारिक जानकारी एवं मार्किट रिसर्च करें.
चूँकि अभी आपने अपना business start नहीं किया है, लेकिन आप अपना बिज़नेस स्टार्ट करने जा रहे हैं। इसलिए सर्वप्रथम आपका कर्तव्य बनता है, की आप अपने प्रतियोगियों के उत्पाद के विषय में मजबूती और कमजोरी (pros, cons) पर गौर करें । सिर्फ गौर ही नहीं पूरा व्यवहारिक विश्लेषण करें। तभी तो आपको पता चलेगा की आप अपने ग्राहकों को किस कीमत पर क्या दे पाएंगे।
यह तो साफ़ है की इस बिजनेस में आपकी ग्राहक महिलाएं होंगी। इसलिए बेहतर होगा की किसी एक महिला के माध्यम से कुछ महिलाओं को एकत्रित कीजिये। और बाज़ार में उपलब्ध कुछ पैड खरीदकर उन महिलाओं से उनके बारे में Feedback लीजिए । और उनकी कही गई बात का, विश्लेषण कर अपना उत्पाद डिज़ाइन कीजिये।
प्रशिक्षण प्राप्त करें (Sanitary Pad Business ki Training).
सेनेटरी नैपकीन बनाने का बिजनेस करने से पहले इसकी ट्रेनिंग अवश्य लें । क्योकि Training लेके ही आपको प्रोडक्शन करने की प्रक्रिया पता चलेगी । और ट्रेनिंग के दौरान आपको बिज़नेस में आने वाली कठिनाइयों से सामना कैसे करना है, का भी प्रशिक्षण दिया जायेगा । और जो सबसे बड़ा फायदा आपको होगा वह यह है, की आपके यहाँ काम करने वाले कर्मचारी आपको प्रोडक्शन सम्बन्धी जटिलताओं में नहीं उलझा पाएंगे ।
व्यापारिक योजना (Make a Business Plan):
इस व्यवसाय के लिए बिजनेस प्लान बनाना अति आवश्यक है। उस plan में खर्चे से लेकर कमाई और आने वाले एक साल में आप अपने बिज़नेस को कहाँ देखना चाहते हैं। यदि एक साल में वह लक्ष्य जो आपने निर्धारित किया था। वहां तक नहीं पहुँच पाये तो आगे की क्या रणनीति होगी, इत्यादि tips को लिखित में तैयार कीजिये।
Location चयनित करते वक़्त कुछ आधारभूत बातों का ध्यान रखें जो निम्न हैं।
- आपका ऑफिस या फैक्ट्री ऐसी जगह पर होनी चाहिए। जहाँ परिवहन व्यवस्था, बिजली और पानी उचित मात्रा में उपलब्ध हो। क्योकि आपको आपके द्वारा उत्पादित उत्पाद को परिवहन के माध्यम से एक शहर से दूसरे शहर में भेजना पड़ सकता है।
- office या फैक्ट्री ऐसी जगह पर होनी चाहिए जहाँ काम करने वाले श्रमिक आसानी से आ जा सके, और उस Location पर आसानी से उपलब्ध हो जाएँ।
- जगह का चुनाव करते समय यह ध्यान रखें की आपने इस जगह पर ऑफिस भी बनाना है, प्रोडक्शन हाउस भी बनाना है। उत्पादित उत्पाद को स्टोर करने के लिए स्टोर रूम, कच्चे माल को रखने के लिए अलग से स्टोर रूम अकाउंट, मार्केटिंग इत्यादि गतिविधियाँ भी करनी हैं। इसलिए जगह बड़ी होनी चाहिए।
प्रतिस्पर्धा का आकलन करें (Evaluate Competition)
वर्तमान में भारतीय बाज़ार में कई ऐसी कंपनियाँ हैं जो सेनेटरी पैड का निर्माण कर रही हैं । ग्रामीण महिलाओं को स्वच्छता और स्वास्थ्य की ओर जागरूक करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा भी कई तरह की योजनाएँ चलायी जा रही है, जिनके तहत महिलाओं को बेच कम कीमत या मुफ्त में भी इस तरह के पैड प्रदान किया जा रहे हैं। लेकिन भारत में कुछ कंपनियाँ ऐसी हैं जिनके पैड काफी लोकप्रिय हैं।
स्टेफ्री (Stayfree): स्टेफ्री नामक यह ब्रांड भारत में इस व्यवसाय में काफी प्रचलित है, इस ब्रांड को पहले अमेरिकन कंपनी Johnson & Johnson द्वारा बनाया जाता था लेकिन बाद में इसे एनराइजर नामक कंपनी द्वारा खरीद लिया गया। इस कंपनी द्वारा कई तरह की पैकिंग में अलग अलग गुणवत्ता वाले पैड बेचे जाते हैं। जो भारतीय महिलाओं के बीच काफी प्रचलित हैं।
व्हिस्पर (Whisper): प्रोक्टर एंड गैम्बल हाइजीन एंड हेल्थ केयर लिमिटेड कंपनी का यह ब्रांड भी भारत के सेनेटरी पैड मार्किट में एक प्रमुख ब्रांड है। व्हिस्पर के भी कई तरह के गुणवत्ता और कीमत के पैड बाज़ार में उपलब्ध हैं । भारतीय पैड बाज़ार में इस ब्रांड ने भी अपनी सफलता के झंडे पहले से गाड़े हुए हैं।
सोफी (Sofy): यह ब्रांड काफी पुराना है इसकी शुरुआत जापानी कंपनी युनिचार्म द्वारा 1960 के दशक में हुई थी। वर्तमान में सेनेटरी पैड का यह ब्रांड जापान से होते हुए कई देशों तक फ़ैल चुका है। यही कारण है की बेहद कम समय में भारत के बाज़ार में भी इसने अपनी अच्छी छाप छोड़ी है।
इसके अलावा भी अन्य कई तरह के ब्रांड जैसे Nua, Plush, Paree इत्यादि भी भारतीय सेनेटरी पैड बाज़ार में धूम मचाये हुए हैं। इसलिए यह बिजनेस करने से पहले आपको प्रतिस्पर्धा का भी आकलन करने की आवश्यकता होती है।
लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन (License & registration for sanitary pad business)
इस तरह का बिजनेस शुरू करने के लिए उद्यमी को निम्नलिखित लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन कराने की आवश्यकता हो सकती है।
- अपने व्यवसाय को प्रोप्राइटरशिप फर्म, वन पर्सन कंपनी, पार्टनरशिप फर्म, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी इत्यादि में से किसी एक के तहत रजिस्टर करें।
- टैक्स रजिस्ट्रेशन के तौर पर आपको जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराने की आवश्यकता होगी।
- अपने व्यवसाय के नाम से बैंक चालू खाता और पैन कार्ड बनाने की भी आवश्यकता होगी।
- यदि आप अपने उत्पादित प्रोडक्ट को अपने ब्रांड नाम से बेचना चाहते हैं तो ब्रांड नाम की सुरक्षा के लिए ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
- यदि आप चाहते हैं की आपके बिजनेस को एमएसएमई के तहत स्थान मिले तो आपको उद्यम रजिस्ट्रेशन कराने की भी आवश्यकता होगी ।
स्थानीय प्राधिकरण जैसे नगर निगम, नगर पालिका, ग्राम पंचायत इत्यादि से ट्रेड लाइसेंस लेने की भी जरुरत हो सकती है ।
खुद की कंपनी रजिस्टर करें :
यदि उदयमि (Entrepreneur) चाहता है की उसकी कंपनी द्वारा उत्पादित उत्पाद को पहचान मिले । तो उसको अपनी कंपनी का नाम रजिस्टर करा लेना चाहिए। क्योकि रजिस्टर कंपनी को किसी स्वंसेवी संस्था या NGO से भी काम मिलने की सम्भावना रहती है। और अन्य टैक्स रजिस्ट्रेशन भी करवा लेने चाहिए।
Sanitary Pad Production License :
चूँकि सेनेटरी पैड बनाने का व्यापार महिलाओं के स्वाथ्य और स्वच्छता से जुड़ा हुआ business है । इसलिए पहली बार अपने उत्पाद का उत्पादन करने के बाद उद्यमी को राज्य के प्राधिकृत विभाग को अपने उत्पाद के सैंपल भेजने पड़ते हैं। यह काम उत्पाद को बाजार में उतारने से पहले करना चाहिए। क्योकि यदि उत्पाद पहले बाजार में पहुँच गया, और सैंपल फेल हो गया, तो business को जबरदस्त नुकसान हो सकता है।
इसलिए पहले सैंपल भेजकर उसको Approve करवा के बाद में बाज़ार में उत्पाद उतारने में समझदारी है। क्योकि पहला सैंपल यदि तय मानकों पर खरा नहीं उतरता है, तो Entrepreneur उसमे सुधार करके दुबारा सैंपल के लिए भेज सकता है।
सेनेटरी पैड बिजनेस शुरू करने में मशीनरी और कच्चा माल (Machinery & raw Materials):
इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने में इस्तेमाल में लायी जाने वाली मशीनरी प्लांट के साइज़ यानिकी उद्यमी प्रतिदिन कितनी उत्पादन क्षमता का प्लांट लगाना चाह रहा है, पर निर्भर करती है। यदि उद्यमी प्रतिदिन हजारों सेनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल करना चाह रहा है। तो उसे एक बड़ी आटोमेटिक मशीन लगाने की आवश्यकता हो सकती है जिसकी कीमत लाखों रूपये हो सकती है। लेकिन छोटे स्तर पर इस बिजनेस को शुरू करने के लिए निम्नलिखित मशीनरी और उपकरणों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- वुड पल्प को ग्राइंड करने के लिए डी फिब्रेशन मशीन
- ग्राइंड किये हुए वुड पल्प से नैपकिन कोर बनाने के लिए कोर मोर्निंग मशीन
- नैपकिन कोर को नैपकिन में बदलने के लिए वर्किंग टेबल के साथ सॉफ्ट टच सीलिंग मशीन
- नैपकिन कोर के लिए डाई
- UV Unit
इस्तेमाल में लाये जाने वाले कच्चे माल की लिस्ट इस प्रकार से है।
- वुड पल्प
- ऊपर की परत के लिए कपड़ा
- पीछे की परत के लिए कपडा
- रिलीज़ पेपर
- गोंद
- पैकिंग कवर
जहाँ तक मशीनरी और कच्चे माल की खरीदारी का सवाल है, उद्यमी इसके लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और ऑफलाइन संपर्कों का सहारा ले सकता है। मशीनरी और कच्चे माल की खरीदारी करने से पहले विभिन सप्लायर से कोटेशन मंगाकर उनका तुलनात्मक मूल्यांकन अवश्य कर लें। ताकि आप अपने सेनेटरी पैड बनाने के बिजनेस के लिए एक अच्छा सप्लायर ढूंढ पाएँ।
सेनेटरी पैड की पैकेजिंग (Packaging):
Sanitary pad Business के लिए Packaging बहुत महत्वपूर्ण और ध्यान देने योग्य step है । Packagin आकर्षक एवं व्यवसायिक होनी चाहिए । क्योकि महिलाओं को आकर्षण वाली चीजें अधिक पसंद आती है । सामन्यतया अभी बाजार में जो Sanitary Pads उपलब्ध हैं । उनमे 8 से लेके 12 की Packaging होती है ।
और यह स्वभाविक है की पैकेजिंग के बाद सैनिटरी नैपकिन बनाने के बिजनेस में अगला step अपने उत्पाद को बाज़ार में पहचान दिलाने की होती है। जिससे लोग आपके उत्पाद के बारे में जाने, जांचे और उसे परखें।
सेनेटरी पैड बिजनेस शुरू करने में आने वाली लागत
सेनेटरी पैड बनाने का बिजनेस शुरू करने में आने वाली लागत इस बात पर निर्भर करेगी की उद्यमी एक दिन में कितने सेनेटरी पैड का उत्पादन करना चाहता है। क्योंकि जितनी अधिक उत्पादन क्षमता होगी उद्यमी को उत्नु अधिक क्षमता वाली मशीनरी और उपकरण खरीदने की आवश्यकता होगी।
और यहाँ पर हम सब यह अच्छी तरह जानते हैं की जिस मशीन की जितनी अधिक उत्पादन करने की क्षमता होती है उसकी कीमत भी उतनी ही अधिक होती है।
कई मशीनें ऐसी भी होती हैं जो आटोमेटिक नहीं होती तो इस स्थिति में उद्यमी को मशीनो की मात्रा बढानी पड़ सकती है। एक ऐसा प्लांट जिसमें उद्यमी दिन के लगभग 300-400 पैकेट सेनेटरी पैड का उत्पादन कर रहा हो। उसमें आने वाला खर्चा कुछ इस तरह से हो सकता है।
खर्चे का विवरण | खर्चा भारतीय रुपयों में |
मशीनरी और उपकरणों को खरीदने में आने वाला खर्चा | ₹1.67 लाख |
कच्चा माल खरीदने में आने वाला खर्चा तीन महीने के लिए | ₹1.75 लाख |
सैलरी, बिजली पानी बिल और अन्य consumable | ₹2.3 लाख |
किराया तीन महीने का प्रति महीने 20000 के हिसाब से | ₹60000 |
कुल खर्चा | ₹6.32 लाख |
सैनेटरी पैड बिजनेस से होने वाली कमाई
इस बिजनेस (Sanitary Pad Business) से होने वाली कमाई भी कई कारकों पर निर्भर करती है, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती उद्यमी को मौजूद ब्रांड से मिलती है।
ग्रामीण भारत में आज भी अधिकतर महिलाएं इसका इस्तेमाल नहीं करती है, और जो महिलाएं इसका इस्तेमाल करती हैं वे किसी स्थापित ब्रांड पर ही भरोसा करती हैं ।
ऐसे में इस बिजनेस से कमाई करने के लिए उद्यमी को सरकारी प्रोजेक्ट में टेंडर इत्यादि भरकर भी काम प्राप्त करना होगा ।
सरकार विभिन्न कार्यक्रमों के तहत और आशा वर्कर एवं आँगनबाड़ी केन्द्रों के तहत महिलाओं को सेनेटरी पैड बेहद कम कीमत पर उपलब्ध कराने को प्रयासरत है।
ऐसे में उद्यमी अपनी अधिक कमाई करने के लिए सरकारी प्रोजेक्ट में टेंडर प्रक्रिया में भी हिस्सा ले सकता है । छोटे स्तर आर भी इस तरह का यह बिजनेस करके एक साल में लगभग ₹3.5 लाख तक का शुद्ध मुनाफा कमाया जा सकता है।
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